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जलशक्ति विभाग की बैठक में सीएम योगी बोले- माफियाओं को न दिए जाएं ठेके

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Published : Apr 25, 2022, 8:33 PM IST

लखनऊ में सोमवार को जलशक्ति विभाग की बैठक हुई. इसमें सीएम योगी ने कहा कि माफियाओं को ठेके न दिए जाएं. परियोजनाओं के टेंडर में पारदर्शिता बरती जाए.

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जलशक्ति विभाग की बैठक में सीएम योगी

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की अध्यक्षता में सोमवार को बाढ़ परियोजनाओं (जल शक्ति विभाग) की समीक्षा की हुई. इसमें सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बाढ़ की समस्या को हल करने के लिए पिछले 5 वर्षों में अहम कोशिशें की गयीं. 2017-18 से अब तक 699 बाढ़ परियोजनाएं पूरी की गईं.

सीएम योगी ने कहा कि विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार हमने आधुनिकतम तकनीक को इस्तेमाल करके बाढ़ से खतरे को कम करने में सफलता पाई है. नदियों के चैनलाइज़ेशन का काम तेज़ करने की ज़रूरत है. परियोजनाओं में ठेके, टेंडर के लिए फर्म, एजेंसी को चुनते समय पूरी पारदर्शिता बरतें. किसी भी विभाग में माफिया या उससे जुड़े लोगों के फर्मों से काम न कराया जाए. अगर ऐसा होता हुआ पाया गया, तो विभाग में हर स्तर पर जवाबदेही तय की जाएगी.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्तमान में बाढ़ नियंत्रण से संबंधित 225 परियोजनाओं में से 216 पर काम शुरू हो चुका है. इसमें नौ ड्रेजिंग की परियोजनाएं हैं. सभी परियोजनाओं में गुणवत्ता और समय पर पूरा करने का ध्यान रखा जाए. नदियों की ड्रेजिंग से निकली उपखनिज बालू, सिल्ट की नीलामी में पूरी पारदर्शिता बरती जाए. हर हाल में यह बालू, सिल्ट 15 जून तक वहां से हट जाए.

उन्होंने कहा कि बालू नीलामी के काम का भौतिक सत्यापन भी कराया जाए. उन्होंने कहा कि बाढ़ नियंत्रण से सम्बंधित हर काम किसी भी दशा तक 15 जून तक पूरा कर लिया जाए. बाढ़ बचाव कार्य में विभाग के हर स्तर के अधिकारी फील्ड में उतरें. मौके पर जाएं. एक सप्ताह के भीतर कार्यस्थलों की ड्रोन वीडियो/फोटो आदि उपलब्ध कराए जाएं।

ये भी पढ़ें- जनप्रतिनिधियों की शिकायतों पर ध्यान दें अफसर: सीएम योगी


सीएम योगी ने कहा कि तटबंधों की मरम्मत के काम को शीर्ष प्राथमिकता दी जाए. अति संवेदनशील, संवेदनशील स्थलों पर रिजर्व स्टॉक का प्रबंध तुरंत कर लें. नदी की धारा की चपेट ने आने वाले अति संवेदनशील, संवेदनशील स्थलों को चिन्हित कर मरम्मत, सुरक्षात्मक काम हर हाल में 31 मई तक पूरा करा लिया जाए. सीएम ने कहा कि जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में बाढ़ से निपटने के लिए स्टीयरिंग ग्रुप की कार्रवाई वर्तमान माह में ही पूरी हो जाए.

बाढ़ बचाव के लिए 15 जून तक जिला प्रशासन और विभाग क्षेत्रों में बाढ़ सुरक्षा समितियां गठित करें. अंतर्विभागीय बाढ़ समन्वय के लिए मंडलीय, जनपद स्तरीय नोडल अधिकारी और अंतरराष्ट्रीय और अंतर्राज्यीय बाढ़ समस्याओं के लिए नोडल अधिकारी नामित कर काम किया जाए.

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लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की अध्यक्षता में सोमवार को बाढ़ परियोजनाओं (जल शक्ति विभाग) की समीक्षा की हुई. इसमें सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बाढ़ की समस्या को हल करने के लिए पिछले 5 वर्षों में अहम कोशिशें की गयीं. 2017-18 से अब तक 699 बाढ़ परियोजनाएं पूरी की गईं.

सीएम योगी ने कहा कि विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार हमने आधुनिकतम तकनीक को इस्तेमाल करके बाढ़ से खतरे को कम करने में सफलता पाई है. नदियों के चैनलाइज़ेशन का काम तेज़ करने की ज़रूरत है. परियोजनाओं में ठेके, टेंडर के लिए फर्म, एजेंसी को चुनते समय पूरी पारदर्शिता बरतें. किसी भी विभाग में माफिया या उससे जुड़े लोगों के फर्मों से काम न कराया जाए. अगर ऐसा होता हुआ पाया गया, तो विभाग में हर स्तर पर जवाबदेही तय की जाएगी.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्तमान में बाढ़ नियंत्रण से संबंधित 225 परियोजनाओं में से 216 पर काम शुरू हो चुका है. इसमें नौ ड्रेजिंग की परियोजनाएं हैं. सभी परियोजनाओं में गुणवत्ता और समय पर पूरा करने का ध्यान रखा जाए. नदियों की ड्रेजिंग से निकली उपखनिज बालू, सिल्ट की नीलामी में पूरी पारदर्शिता बरती जाए. हर हाल में यह बालू, सिल्ट 15 जून तक वहां से हट जाए.

उन्होंने कहा कि बालू नीलामी के काम का भौतिक सत्यापन भी कराया जाए. उन्होंने कहा कि बाढ़ नियंत्रण से सम्बंधित हर काम किसी भी दशा तक 15 जून तक पूरा कर लिया जाए. बाढ़ बचाव कार्य में विभाग के हर स्तर के अधिकारी फील्ड में उतरें. मौके पर जाएं. एक सप्ताह के भीतर कार्यस्थलों की ड्रोन वीडियो/फोटो आदि उपलब्ध कराए जाएं।

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सीएम योगी ने कहा कि तटबंधों की मरम्मत के काम को शीर्ष प्राथमिकता दी जाए. अति संवेदनशील, संवेदनशील स्थलों पर रिजर्व स्टॉक का प्रबंध तुरंत कर लें. नदी की धारा की चपेट ने आने वाले अति संवेदनशील, संवेदनशील स्थलों को चिन्हित कर मरम्मत, सुरक्षात्मक काम हर हाल में 31 मई तक पूरा करा लिया जाए. सीएम ने कहा कि जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में बाढ़ से निपटने के लिए स्टीयरिंग ग्रुप की कार्रवाई वर्तमान माह में ही पूरी हो जाए.

बाढ़ बचाव के लिए 15 जून तक जिला प्रशासन और विभाग क्षेत्रों में बाढ़ सुरक्षा समितियां गठित करें. अंतर्विभागीय बाढ़ समन्वय के लिए मंडलीय, जनपद स्तरीय नोडल अधिकारी और अंतरराष्ट्रीय और अंतर्राज्यीय बाढ़ समस्याओं के लिए नोडल अधिकारी नामित कर काम किया जाए.

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