लखनऊ: अपने इस्तीफे में जावेद अहमद ने लिखा कि राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय जनता पार्टी व आरएसएस की विभाजनकारी राजनीति से लड़ने की क्षमता केवल कांग्रेस में थी. अल्पकालिक सत्ता की चाह में शीर्ष नेतृत्व के प्रयासों व जमीनी कांग्रेसजनों की मेहनत पर सलमान खुर्शीद, राशिद अल्वी व मणिशंकर अय्यर जैसे कांग्रेस नेताओं ने पानी फेरने का काम किया.
हर चुनाव के समय उसे कुंद व अपमानित करने की रणनीति पर काम करके कांग्रेस को गर्त में धकेलने का कोई अवसर नही गंवाया. ऐसा लगता है कि कांग्रेस में बीजेपी के लिए काम करने वाले बड़े नेताओं की फौज है, जो चुनाव आते ही ऐसे बयान देते हैं जो बीजेपी को लाभ पहुंचाते हैं. कांग्रेस के जमीनी कार्यकर्त्ता को निराश करते हैं और विचारधारा को नुकसान पहुंचाते हैं.
उन्होंने कहा कि प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी की जबरदस्त रणनीति व प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की मेहनत फिर बेकार होती दिख रही है. कार्यकर्ता भी लगातार उदास है. ये लोग कार्यकर्ताओं के अंदर विजय की इच्छाशक्ति भरने के स्थान पर हतोत्साहित करने में ये लोग कोई कसर बाकी नही छोड़ रहे. प्रदेश प्रवक्ता जावेद अहमद ने अपने त्यागपत्र में लिखा कि यह समय संविधान, लोकतंत्र, महापुरुषों के सम्मान को बचाने का है.
कांग्रेस की विचारधारा को तुष्टिकरण की विचारधारा बनाकर पेश करने में लगे यह नेता भाजपा की पिच पर कांग्रेस को खेलने के लिये विवश करते हैं, जिससे कांग्रेस लगातार कमजोर होती जा रही है. भाजपा जनविरोधी होने के बाद भी नफरत की पिच पर लगातार आक्रामक होकर राष्ट्र का नुकसान करने में सफल हो रही है.
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जावेद अहमद खान ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस ही भाजपा की चुनौती का सामना कर सकती है, लेकिन जनाधारहीन वामपंथी विचारधारा के लोग दक्षिणपंथियों को मजबूत व कांग्रेस को कमजोर करने के लिये ऐतिहासिक तथ्यों से अलग हटकर कांग्रेसजनों को हतोत्साहित करते हुए शीर्ष नेतृत्व की रणनीतियों व जमीनी कार्यकर्ताओं की मेहनत को कुंद करने का काम कर रहे हैं. हालात इस तरह के हैं कि जैसे कांग्रेस के लिए नहीं, हम भाजपा के लिए कार्य कर रहे हैं. इसी कारण त्यागपत्र देना ही अंतरात्मा की मांग थी.
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