लखनऊ: रायबरेली मंथन शिविर से निकलकर कांग्रेस उत्तर प्रदेश में बड़े राजनीतिक आंदोलन को शुरू करने की तैयारी में है. प्रदेश सरकार को बेरोजगारी, किसानों की दुर्दशा और नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के मुद्दे पर प्रदेश व्यापी आंदोलन के जरिए कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपना जनाधार बढ़ाना चाह रही है.
रायबरेली में कांग्रेस का दूसरा मंथन शिविर पार्टी के संगठन की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है. इस शिविर को कांग्रेस नेतृत्व अपने लिए निर्णायक बिंदु मानकर चल रहा है. पार्टी नेतृत्व का मानना है कि उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में कांग्रेस का नया संगठन खड़ा होने के साथ ही प्रशिक्षण शिविर में जिस तरह सभी कार्यकर्ताओं को और पदाधिकारियों को पार्टी की रीत-नीति की जानकारी दी गई है, उसके बाद प्रदेश में बड़े राजनीतिक आंदोलन की शुरुआत करना मुमकिन होगा.
मंथन में कई मुद्दों पर हुई चर्चा
मंथन शिविर में इस बात को लेकर खूब चर्चा हुई कि वह कौन से राजनीतिक मुद्दे हो सकते हैं, जिन पर आने वाले दिनों में कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा सकती है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस नेतृत्व इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी, किसानों की बदहाली और नागरिकता संशोधन कानून के साथ एनआरसी के मुद्दे पर राजनीतिक कार्यक्रम शुरू करने की जरूरत है.
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किसानों और बेरोजगारी के मुद्दे पर आंदोलनात्मक कार्यक्रम भी किए जा सकते हैं. मंथन शिविर से लौटने के बाद प्रदेश नेतृत्व इस दिशा में अपना होमवर्क पूरा करेगा और मुमकिन है कि फरवरी में ही राजनीतिक आंदोलनों का एलान किया जाए.