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जेल में हुई थी डॉ. सचान की हत्या, CBI कोर्ट में तत्कलीन डीजीपी समेत जेल अधिकारी तलब

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Published : Jul 12, 2022, 10:43 AM IST

Updated : Jul 12, 2022, 11:00 AM IST

राजधानी की जिला जेल में साल 2011 में डॉक्टर वाईएस सचान की मौत आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या हुई थी. सीबीआई अब इस मामले की नए सिरे से जांच करेगी

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डॉक्टर वाईएस सचान

लखनऊ: CBI स्पेशल कोर्ट ने डॉ. सचान की मौत को हत्या और साजिश माना है. कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिए है कि इस मामले को हत्या और साजिश मानकर फिर जांच करे. कोर्ट ने 8 अगस्त को तत्कालीन डीजीपी कर्मवीर सिंह , एडीजी जेल समेत जिला जेल के सभी अधिकारियों को तलब किया है. डॉ. सचान एनआरएचएम घोटाले मामले में लखनऊ जेल में बंद थे.

सीबीआई कोर्ट की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट समृद्धि मिश्रा ने डॉ. सचान की पत्नी मालती सचान की याचिका पर आदेश देते हुए कहा है कि वाईएस सचान की मौत आत्महत्या नही बल्कि हत्या व साजिश की ओर इशारा करती है. उन्होंने सीबीआई को इस मामलें की पुनः विवेचना करने के आदेश दिए है. इस मामले को आत्महत्या बताकर सीबीआई दो बार जांच के बाद क्लोजर रिपोर्ट तक दाखिल कर चुकी है. लेकिन डॉ. सचान की पत्नी की याचिका पर अब कोर्ट ने कई तत्कालीन अधिकारियों को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है.

स्पेशल ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट समृद्धि मिश्रा की कोर्ट ने तत्कालीन DGP रहे करमवीर सिंह, एडिशनल DGP वीके गुप्ता और लखनऊ के IG जोन सुभाष कुमार सिंह को 8 अगस्त को तलब किया है. इसके अलावा CBI की विशेष अदालत ने लखनऊ जेल के तत्कालीन जेलर रहे बीएस मुकुंद, डिप्टी जेलर सुनील कुमार सिंह, मुख्य कैदी वार्डन के बंदी रक्षक बाबू राम दुबे और बंदी रक्षक पहिंद्र सिंह को भी अपना पक्ष रखने के लिए तलब किया है.


सुर्खियों में रही थी डॉ. सचान की मौत: डॉ. सचान की 26 जून 2011 को लखनऊ जेल में रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई थी. वह राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन घोटाले से संबंधित मामले में लखनऊ कारागार में बंद थे. लखनऊ जेल में हुई मौत के बाद मामला सुर्खियों में रहा था. इससे पहले भी जुलाई 2011 में हुई न्यायिक जांच में डॉ. सचान की मौत को हत्या करार दिया गया था.

CBI ने 2012 में लगाई थी क्लोजर रिपोर्ट: लखनऊ हाईकोर्ट ने 14 जुलाई 2011 को यह मामला सीबीआई को सौंपा था, जिसमें सीबीआई ने 27 सितंबर 2012 को डॉ. सचान की मौत को आत्महत्या बताते हुए मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी. लेकिन मृतक डॉ. सचान की पत्नी मालती सचान ने CBI की क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती दी थी. CBI की विशेष अदालत ने मालती सचान के आवेदन को स्वीकार कर CBI को मामले की आगे जांच करने का निर्देश दिया था.

पत्नी ने की थी कोर्ट में याचिका दाखिल: सीबीआई ने 9 अगस्त 2017 को मामले में फिर क्लोजर रिपोर्ट सौंप दी थी. लेकिन सीबीआई की विशेष अदालत ने 19 नवंबर 2019 को सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट खारिज कर दी. मामले की सुनवाई के दौरान मालती सचान ने अपने पति की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के साथ ही चिकित्सा विशेषज्ञों की राय और कई दस्तावेज कोर्ट में पेश किए थे. बता दें कि जब डिप्टी सीएमओ डॉ. सचान की जेल में मौत हुई थी तो उस वक्त बहुजन समाज पार्टी की सरकार थी और बसपा सुप्रीमो मायावती उत्तर प्रदेश राज्य की मुख्यमंत्री थीं.

लखनऊ: CBI स्पेशल कोर्ट ने डॉ. सचान की मौत को हत्या और साजिश माना है. कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिए है कि इस मामले को हत्या और साजिश मानकर फिर जांच करे. कोर्ट ने 8 अगस्त को तत्कालीन डीजीपी कर्मवीर सिंह , एडीजी जेल समेत जिला जेल के सभी अधिकारियों को तलब किया है. डॉ. सचान एनआरएचएम घोटाले मामले में लखनऊ जेल में बंद थे.

सीबीआई कोर्ट की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट समृद्धि मिश्रा ने डॉ. सचान की पत्नी मालती सचान की याचिका पर आदेश देते हुए कहा है कि वाईएस सचान की मौत आत्महत्या नही बल्कि हत्या व साजिश की ओर इशारा करती है. उन्होंने सीबीआई को इस मामलें की पुनः विवेचना करने के आदेश दिए है. इस मामले को आत्महत्या बताकर सीबीआई दो बार जांच के बाद क्लोजर रिपोर्ट तक दाखिल कर चुकी है. लेकिन डॉ. सचान की पत्नी की याचिका पर अब कोर्ट ने कई तत्कालीन अधिकारियों को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है.

स्पेशल ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट समृद्धि मिश्रा की कोर्ट ने तत्कालीन DGP रहे करमवीर सिंह, एडिशनल DGP वीके गुप्ता और लखनऊ के IG जोन सुभाष कुमार सिंह को 8 अगस्त को तलब किया है. इसके अलावा CBI की विशेष अदालत ने लखनऊ जेल के तत्कालीन जेलर रहे बीएस मुकुंद, डिप्टी जेलर सुनील कुमार सिंह, मुख्य कैदी वार्डन के बंदी रक्षक बाबू राम दुबे और बंदी रक्षक पहिंद्र सिंह को भी अपना पक्ष रखने के लिए तलब किया है.


सुर्खियों में रही थी डॉ. सचान की मौत: डॉ. सचान की 26 जून 2011 को लखनऊ जेल में रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई थी. वह राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन घोटाले से संबंधित मामले में लखनऊ कारागार में बंद थे. लखनऊ जेल में हुई मौत के बाद मामला सुर्खियों में रहा था. इससे पहले भी जुलाई 2011 में हुई न्यायिक जांच में डॉ. सचान की मौत को हत्या करार दिया गया था.

CBI ने 2012 में लगाई थी क्लोजर रिपोर्ट: लखनऊ हाईकोर्ट ने 14 जुलाई 2011 को यह मामला सीबीआई को सौंपा था, जिसमें सीबीआई ने 27 सितंबर 2012 को डॉ. सचान की मौत को आत्महत्या बताते हुए मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी. लेकिन मृतक डॉ. सचान की पत्नी मालती सचान ने CBI की क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती दी थी. CBI की विशेष अदालत ने मालती सचान के आवेदन को स्वीकार कर CBI को मामले की आगे जांच करने का निर्देश दिया था.

पत्नी ने की थी कोर्ट में याचिका दाखिल: सीबीआई ने 9 अगस्त 2017 को मामले में फिर क्लोजर रिपोर्ट सौंप दी थी. लेकिन सीबीआई की विशेष अदालत ने 19 नवंबर 2019 को सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट खारिज कर दी. मामले की सुनवाई के दौरान मालती सचान ने अपने पति की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के साथ ही चिकित्सा विशेषज्ञों की राय और कई दस्तावेज कोर्ट में पेश किए थे. बता दें कि जब डिप्टी सीएमओ डॉ. सचान की जेल में मौत हुई थी तो उस वक्त बहुजन समाज पार्टी की सरकार थी और बसपा सुप्रीमो मायावती उत्तर प्रदेश राज्य की मुख्यमंत्री थीं.

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Last Updated : Jul 12, 2022, 11:00 AM IST
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