ETV Bharat / city

विश्व बैंक के प्रतिनिधियों के साथ CM योगी ने ‘यूपी क्लीन एयर एक्शन प्लान’ पर किया मंथन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विश्व बैंक के प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में प्रस्तावित स्वच्छ वायु पहल के संबंध में विचार-विमर्श किया. बैठक में उत्तर प्रदेश द्वारा भारत का पहला एयरशेड आधारित ‘यूपी क्लीन एयर एक्शन प्लान’ पर चर्चा की गई.

author img

By

Published : Apr 28, 2022, 11:04 PM IST

यूपी क्लीन एयर एक्शन प्लान’ पर किया मंथन
यूपी क्लीन एयर एक्शन प्लान’ पर किया मंथन

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विश्व बैंक के प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में प्रस्तावित स्वच्छ वायु पहल के संबंध में विचार-विमर्श किया. बैठक में उत्तर प्रदेश द्वारा भारत का पहला एयरशेड आधारित ‘यूपी क्लीन एयर एक्शन प्लान’ पर चर्चा की गई.

बैठक में बताया गया कि ‘यूपी क्लीन एयर एक्शन प्लान’ विश्व बैंक के तकनीकी सहयोग से विकसित किया जा रहा है. इसमें राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के अग्रणी संस्थानों का सहयोग भी लिया जाएगा. इस योजना में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम और 15वें वित्त आयोग द्वारा निर्धारित वायु प्रदूषण लक्ष्यों को पूरा करने के लिए प्राथमिकता निर्धारित की जा रही है ताकि वर्ष 2030 तक राज्यव्यापी वायु गुणवत्ता लक्ष्यों की पूर्ति के लिए प्रभावी रणनीति बनायी जा सके. विश्व बैंक द्वारा ‘एयरशेड’ और अंतर्विभागीय ‘वन टीम यूपी’ दृष्टिकोण के तहत उत्तर प्रदेश क्लीन एयर प्लान के कार्यान्वयन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान किए जाने की भी पहल की गयी है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था का तेजी से विस्तार हो रहा है. वर्तमान में यह देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. अब उत्तर प्रदेश वायु प्रदूषण के प्रबंधन में भी देश के अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल बनने के लिए तैयार है. राज्य में उज्ज्वला योजना के दोनों चरणों में लगभग 1.70 करोड़ निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन वितरित किए गए हैं. इससे ग्रामीण इलाकों में स्वच्छ ईंधन से खाना पकाने की सुविधा व्यापक स्तर पर उपलब्ध हुई है.

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सुझाव देते हुए कहा कि संबंधित विभागों द्वारा आपसी समन्वय करते हुए बायो-गैस, बायो-सीएनजी, प्राकृतिक कृषि पद्धतियों आदि से संबंधित पायलेट परियोजनाओं को शुरू किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि गोवर्धन योजना तथा बुंदेलखण्ड क्षेत्र में प्राकृतिक खेती की पायलेट परियोजना को प्रारम्भ किया जाए. उन्होंने स्वच्छ ईंधन के विकल्प के तौर पर गोबर गैस रीफिलिंग की शोध परियोजना प्रारंभ करने के निर्देश भी दिए. उन्होंने ई-वाहन के उपयोग को बढ़ावा दिए जाने पर बल देते हुए कहा कि प्राथमिकता के आधार पर विश्वबैंक द्वारा पहले चरण में 17 अति प्रदूषित शहरों में ई-मोबिलिटी को प्रोत्साहन दिया जाए.

यह भी पढ़ें-ताजमहल की सुरक्षा परखने दौड़े अधिकारी, जानें क्या रही वजह

मुख्यमंत्री ने बैठक में शामिल अधिकारियों को निर्देश दिए कि पूरे राज्य में प्रभावी ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. ईंट भट्ठों सहित विभिन्न उद्यमों में प्रौद्योगिकी उन्नयन का कार्य किया जाए. उन्होंने परंपरागत ईंधन के स्थान पर स्वच्छ ईंधन अपनाने वाले उद्योगों को सहायता प्रदान किए जाने की आवश्यकता पर भी बल दिया. बैठक में विश्व बैंक की प्रमुख पर्यावरण विशेषज्ञ कैरिन शेपर्डसन, वरिष्ठ पर्यावरण विशेषज्ञ जोस्टिन नैगार्ड, प्रदेश के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह, सचिव आशीष तिवारी उपस्थित थे.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विश्व बैंक के प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में प्रस्तावित स्वच्छ वायु पहल के संबंध में विचार-विमर्श किया. बैठक में उत्तर प्रदेश द्वारा भारत का पहला एयरशेड आधारित ‘यूपी क्लीन एयर एक्शन प्लान’ पर चर्चा की गई.

बैठक में बताया गया कि ‘यूपी क्लीन एयर एक्शन प्लान’ विश्व बैंक के तकनीकी सहयोग से विकसित किया जा रहा है. इसमें राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के अग्रणी संस्थानों का सहयोग भी लिया जाएगा. इस योजना में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम और 15वें वित्त आयोग द्वारा निर्धारित वायु प्रदूषण लक्ष्यों को पूरा करने के लिए प्राथमिकता निर्धारित की जा रही है ताकि वर्ष 2030 तक राज्यव्यापी वायु गुणवत्ता लक्ष्यों की पूर्ति के लिए प्रभावी रणनीति बनायी जा सके. विश्व बैंक द्वारा ‘एयरशेड’ और अंतर्विभागीय ‘वन टीम यूपी’ दृष्टिकोण के तहत उत्तर प्रदेश क्लीन एयर प्लान के कार्यान्वयन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान किए जाने की भी पहल की गयी है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था का तेजी से विस्तार हो रहा है. वर्तमान में यह देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. अब उत्तर प्रदेश वायु प्रदूषण के प्रबंधन में भी देश के अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल बनने के लिए तैयार है. राज्य में उज्ज्वला योजना के दोनों चरणों में लगभग 1.70 करोड़ निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन वितरित किए गए हैं. इससे ग्रामीण इलाकों में स्वच्छ ईंधन से खाना पकाने की सुविधा व्यापक स्तर पर उपलब्ध हुई है.

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सुझाव देते हुए कहा कि संबंधित विभागों द्वारा आपसी समन्वय करते हुए बायो-गैस, बायो-सीएनजी, प्राकृतिक कृषि पद्धतियों आदि से संबंधित पायलेट परियोजनाओं को शुरू किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि गोवर्धन योजना तथा बुंदेलखण्ड क्षेत्र में प्राकृतिक खेती की पायलेट परियोजना को प्रारम्भ किया जाए. उन्होंने स्वच्छ ईंधन के विकल्प के तौर पर गोबर गैस रीफिलिंग की शोध परियोजना प्रारंभ करने के निर्देश भी दिए. उन्होंने ई-वाहन के उपयोग को बढ़ावा दिए जाने पर बल देते हुए कहा कि प्राथमिकता के आधार पर विश्वबैंक द्वारा पहले चरण में 17 अति प्रदूषित शहरों में ई-मोबिलिटी को प्रोत्साहन दिया जाए.

यह भी पढ़ें-ताजमहल की सुरक्षा परखने दौड़े अधिकारी, जानें क्या रही वजह

मुख्यमंत्री ने बैठक में शामिल अधिकारियों को निर्देश दिए कि पूरे राज्य में प्रभावी ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. ईंट भट्ठों सहित विभिन्न उद्यमों में प्रौद्योगिकी उन्नयन का कार्य किया जाए. उन्होंने परंपरागत ईंधन के स्थान पर स्वच्छ ईंधन अपनाने वाले उद्योगों को सहायता प्रदान किए जाने की आवश्यकता पर भी बल दिया. बैठक में विश्व बैंक की प्रमुख पर्यावरण विशेषज्ञ कैरिन शेपर्डसन, वरिष्ठ पर्यावरण विशेषज्ञ जोस्टिन नैगार्ड, प्रदेश के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह, सचिव आशीष तिवारी उपस्थित थे.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.