लखनऊ : राजधानी के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल (civil hospital) की ओपीडी में इस समय 50 फ़ीसदी डायरिया पीड़ित बच्चों की संख्या बढ़ गई है. अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 200 से 250 बच्चे इलाज के लिए आ रहे है. सोमवार को अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की संख्या अधिक होती है. दो बजे ओपीडी खत्म होने के बाद भी अभिभावक अपने बच्चों को लेकर इमरजेंसी में खड़े रहे. सिविल अस्पताल (civil hospital) में प्रदेश के अन्य जिलों से भी मरीज इलाज के लिए आते हैं.
मौसमीय बीमारियां इस समय तेजी से पांव पसार रही हैं. ऐसे में बच्चे भी इससे अछूते नहीं रह गए हैं. वायरल बुखार तेजी से बच्चों को अपनी चपेट में ले रहा है. यहां तक कि अब बच्चों की रिपोर्ट भी कोविड पॉजिटिव आ रही है. सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक अस्पताल की ओपीडी चलती है, लेकिन इस समय ओपीडी के बाद भी भारी संख्या में मरीज अपने बच्चे को दिखाने के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं. ओपीडी खत्म होने के बाद सोमवार को 26 मरीज सिर्फ एक घंटे में दिखाने के लिए इमरजेंसी में पहुंचे.
सिविल अस्पताल के पीडियाट्रिशियन विभाग के वरिष्ठ डॉ. संजय जैन ने बताया कि इन दिनों अस्पताल की ओपीडी में डायरिया से पीड़ित बच्चे बहुत आ रहे हैं. ज्यादातर बच्चे डायरिया व बुखार से पीड़ित हैं. हर तरह के बुखार से पीड़ित बच्चे अस्पताल की ओपीडी में आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि पहले 100 मरीजों की ओपीडी चलती थी, लेकिन इस समय 200 से 250 मरीज दिखाने के लिए ओपीडी में आ रहे हैं. बच्चों में इस समय सीजनल बीमारी तेजी से फैल रही है, जिसमें डायरिया, मलेरिया, टाइफाइड शामिल है.
डॉ. जैन बताते हैं कि अभिभावकों को इस बात का ख्याल रखना है कि अगर इस मौसम में हल्का सा भी सर्दी जुखाम बुखार हो रहा है तो पीडियाट्रिशियन डॉक्टर को जरूर दिखाएं, ताकि डॉक्टर सही सलाह आपके बच्चे को दे सके. क्योंकि 4 दिन से अधिक बुखार होने पर एक से छह साल के बच्चे के सिर पर बुखार चढ़ने की आशंका अधिक होती है. ऐसे में बच्चे की हालत काफी अधिक नाजुक हो जाती है. इसलिए इस बात का अधिक ख्याल रखना है कि अगर बच्चे को बुखार हो रहा है तो समय पर उसे समुचित इलाज मिले. उन्होंने बताया कि सोमवार को अस्पताल की ओपीडी में एक मां अपने बच्चे को दिखाने के लिए 11 बजे पहुंची. बच्चा काफी बीमार था. इस हालत में बच्चे को दूसरे अस्पताल लेकर जाना खतरे से खाली नहीं था. ऐसे में बच्चे को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया. ग्लूकोज चढ़ाया जा रहा है. अस्पताल की ओपीडी में इस समय 50 फ़ीसदी गंभीर बच्चों की संख्या बढ़ी है.
ऐसे बचाव
- बच्चे को समय-समय पर ताजे फल और घर का बना हुआ खाना खिलाएं.
- बच्चे को बीच-बीच में पानी ग्लूकोस जरूर पिलाते रहें, ताकि बच्चे के शरीर में पानी की कमी न हो.
- सिर पर मोटा कपड़ा या तौलिया रखें.
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- तेज धूप से आने के बाद तत्काल पानी न पिलाएं.
- बच्चे को केला, खरबूजा, तरबूज, खिचड़ी, नींबू पानी और मौसमी फल देते रहें.
- इसके अलावा बच्चों को पहले से कटे फल या बासी खाना खिलाने से बचें.
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