लखनऊ: राजधानी में मदरसे में दो बच्चों को बेड़ियों से बांधकर रखने की घटना के बाद अब बाल संरक्षण आयोग अवैध मदरसों पर सख्त हो गया है. आयोग ने ये माना है कि प्रदेश में चल रहे अवैध मदरसों में बच्चों का शोषण हो रहा है साथ ही साथ समाज विरोधी बातें भी सिखाई जा रही हैं.
बाल अधिकार एवं संरक्षण आयोग की सदस्य सुचिता चतुर्वेदी ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने हाल की लखनऊ की घटना का हवाला दिया है. जिसमें लखनऊ के गोसाईगंज में संचालित मदरसे में दो बच्चों के पैरों में बेड़ियां डालकर उन्हें बंधक बनाया गया था. ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. जिसके बाद बाल संरक्षण आयोग ने मदरसे के मालिक व हाफिजों को तलब किया था. यही नहीं आयोग की सदस्य सुचिता चतुर्वेदी ने मदरसे का निरीक्षण किया तो पता चला कि मदरसे में बच्चों का शोषण किया जा रहा था.
आयोग की सदस्य सुचिता चतुर्वेदी सुचिता ने बताया कि मुस्लिम समाज के बच्चों को लालच देकर उनकी पढ़ाई छुड़वाकर अवैध मदरसों में जबरन रखा जा रहा है. इसकी वजह से इन बच्चों को स्कूली शिक्षा के साथ-साथ सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने बताया कि बच्चों को निःशुल्क व अनिवार्य शिक्षा ना देना उनके मौलिक अधिकार का हनन है.
बच्चों का यौन शोषण: अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि अवैध मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों की निगरानी कोई विभाग नहीं करता है. इसलिए इनके साथ होने वाले अमानवीय कृत्य की जिम्मेदारी भी कोई विभाग नहीं लेता है. यही नहीं आयोग ने पत्र में लिखा है कि ऐसे अवैध मदरसों में बच्चों के साथ शारीरिक व यौन शोषण होता है.
ये भी पढ़ें : 80 हजार की घूस लेने वाले रेलवे अधिकारी को सीबीआई ने किया गिरफ्तारमदरसों में दी जा रही है समाज विरोधी शिक्षा: आयोग की सदस्य सुचिता चतुर्वेदी ने बताया कि उन्होंने कई अवैध मदरसों में निरीक्षण किया तो उन्हें कई ऐसे सुबूत मिले. जिसमें ये पता चला है कि मासूम बच्चों को समाज विरोधी और कट्टरता की शिक्षा दी जा रही है. उन्होंने बताया कि गोसाईगंज के मदरसे में छोटे बच्चों को 'खाल नोचकर मोजे बनाना' सिखाया जाता है. उन्होंने बताया कि यूपी में 16,461 वैध मदरसे संचालित हो रहे हैं, जिसमें 558 सरकार की तरफ से अनुदानित हैं. अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को कहा गया है कि गैर मान्यता वाले मदरसों को चिन्हित करके उन्हें तत्काल बंद कराया जाए.
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