लखनऊ: प्रदूषण नियंत्रण की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट यशा शर्मा ने मेरठ की काली नदी प्रदूषण के मामले (Meerut Kali river pollution case) में आरोप तय किया है. मेसर्स सेंट्रल डिस्टलरी एंड ब्रेबरीज लिमिटेड के निदेशक सुशील अंसल पर कोर्ट ने आरोप तय कर दिया है.
मेरठ स्थित उद्योगपति सुशील अंसल की कंपनी में शराब बनाई जाती है. कोर्ट ने अभियुक्त सुशील अंसल पर जल प्रदूषण निवारण और नियंत्रण अधिनियम की धारा 44 के तहत आरोप तय (Charges framed against industrialist Sushil Ansal) किया है. इस मामले के अन्य अभियुक्तों के खिलाफ पहले से ही आरोप तय हो चुका है.
इससे पहले विशेष अदालत के समक्ष अभियुक्त सुशील अंसल (Sushil Ansal in Lucknow court) हाजिर हुए और अपने खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट निरस्त करने की गुहार लगाई थी. विशेष अदालत ने एक लाख का निजी मुचलका दाखिल करने का आदेश देते हुए अंसल की अर्जी मंजूर कर ली गई. इस मामले में गैर हाजिर रहने पर सुशील अंसल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी था.
पढ़ें- संघ लोक सेवा आयोग ने डीपीसी में दी मंजूरी, 23 अधिकारी बनेंगे आईएएस
27 अक्टूबर, 1983 को उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UP Pollution Control Board) के अधिकारियों ने इस कंपनी का निरीक्षण किया था. निरीक्षण में पाया गया कि कंपनी में विभिन्न प्रकार के अल्कोहल का उत्पादन किया जा रहा था, लेकिन इसका प्रदूषित प्रवाह बिना शुद्धीकृत किए खेड़ा नाले के माध्यम से काली नदी में प्रवाहित किया जा रहा था. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के विधि अधिकारी एके चौबे के मुताबिक, इसके बाद कंपनी और इसके मालिक के खिलाफ परिवाद दाखिल किया गया था. मामले की अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को होगी.
पढ़ें- छात्रों के लिए Good News, एलयू पीजी प्रवेश परीक्षा के छह विषय की मेरिट लिस्ट जारी