लखनऊ: पशुधन घोटाले को लेकर लखनऊ पुलिस चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी में जुटी है. इससे पहले पुलिस 6 लोगों के बयान दर्ज करवाएगी. इनमें निलंबित आईपीएस अधिकारी भी शामिल हैं. पशुधन विभाग में आटा सप्लाई का टेंडर दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी को अंजाम दिया गया था, जिसके बाद लखनऊ पुलिस मामले की जांच में जुटी है.
ठेका दिलाने के नाम पर इंदौर के व्यापारी से हुई थी करोड़ों की ठगी
पशुधन विभाग में आटा सप्लाई को लेकर इंदौर के व्यापारी से हुई 9 करोड़ 72 लाख की ठगी के मामले में जांचकर्ता अधिकारियों ने घोटाले के संदर्भ में राज्य मंत्री जयप्रकाश निषाद से सोमवार को पूछताछ की है. विभाग में 292 करोड़ का ठेका दिलाने के नाम पर ठगी की गई थी. जांचकर्ता अधिकारी एसीपी गोमतीनगर स्वेता सिंह के नेतृत्व में एक टीम ने राज्य मंत्री जयप्रकाश निषाद से पूछताछ करने राजधानी लखनऊ स्थित उनके सरकारी आवास पहुंची, जहां पर मंत्री जयप्रकाश निषाद से टीम ने कई सवाल किए. वहीं मंत्री की तरफ से सिर्फ यह जानकारी दी गई कि उन्हें इस घोटाले के बारे में कोई जानकारी नहीं है.
आरोपियों ने किया था राज्यमंत्री जयप्रकाश निषाद के कार्यालय का इस्तेमाल
दरअसल, घोटाले को लेकर राज्यमंत्री जयप्रकाश निषाद का नाम इसलिए सवालों के घेरे में है कि आरोपियों ने घोटाले को अंजाम देने के लिए जयप्रकाश निषाद के कार्यालय का प्रयोग किया था. इस बात का खुलासा पहले ही एसटीएफ कर चुकी है. वहीं इंदौर के व्यापारी की शिकायत पर एसटीएफ ने जांच की थी, जिसके बाद हजरतगंज थाने में एफआईआर भी दर्ज की गई थी.
राज्यमंत्री जयप्रकाश निषाद से डेढ़ घंटे तक हुई पूछताछ
मंत्री जयप्रकाश निषाद से जांचकर्ता टीम ने तकरीबन डेढ़ घंटे पूछताछ की. इस दौरान मंत्री से कई सवाल भी किए गए. ठगी के इस मामले को लेकर जल्द ही चार्जशीट दाखिल की जाएगी. उससे पहले 6 लोगों के बयान दर्ज किए जाएंगे. इसमें 2 आरोपी आईपीएस अधिकारी हैं, जिन्हें बीते दिनों एसटीएफ की संस्तुति पर शासन ने निलंबित कर दिया था.
एसटीएफ की जांच के बाद 13 जून को हजरतगंज थाने में एफआईआर भी दर्ज की गई थी. एफआईआर में राज्य मंत्री जयप्रकाश निषाद के निजी प्रधान सचिव रजनीश, निजी सचिव धीरज देव, पत्रकार आशीष राय, अनिल राय, एके राजीव, उमाशंकर और रूपक को नामजद किया गया था. इन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. पुलिस की जांच में अन्य सचिन वर्मा, त्रिपुरेष पांडे, होमगार्ड रघुवीर सिंह यादव की संलिप्तता सामने आई थी. इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार किया था.
बता दें कि निलंबित पशुधन घोटाले को लेकर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 2 आईपीएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया था. भ्रष्टाचार को लेकर योगी आदित्यनाथ की सरकार द्वारा की गई यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है.
सीएम योगी ने पशुधन घोटाले में नाम सामने आने के बाद डीआईजी रूल्स और मैनुअल दिनेश दुबे और डीआईजी पीएसी अरविंद सेन को निलंबित कर दिया था. घोटाले को लेकर गिरफ्तार किए गए शातिर अपराधियों की अधिकारियों से 144 बार बातचीत की जानकारी मिली थी, जिसमें पैसे के लेन-देन की बात हुई है. इस संदर्भ में सबूत मिलने के बाद योगी आदित्यनाथ की सरकार ने दोनों आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया गया था.
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