लखनऊ: सरकारी विभागों पर बिजली विभाग का कई करोड़ रुपए बिल बकाया है. तमाम प्रयासों के बावजूद सरकारी विभाग समय पर बिजली बिल का भुगतान नहीं करते हैं. इससे बिजली विभाग को बिजली खरीद का भुगतान करने में दिक्कत होती है और इसके चलते बिजली वितरण की भी समस्या होती है.
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन की तरफ से यह प्रस्ताव दिया गया था कि विभिन्न सरकारी विभागों ने विद्युत देवों का भुगतान केंद्रीकृत रूप में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) को करने की व्यवस्था की जाए, जिससे विभाग को सही समय पर बिजली बिल का बकाया वसूल हो सके. उत्तर प्रदेश की वित्त विभाग की अपर मुख्य सचिव एस. राधा चौहान ने पावर कारपोरेशन के इस प्रस्ताव को सरकार की तरफ से मंजूरी मिलने की बात कही है.
कोषागार में भेजा जाएगा बिल
उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में विभिन्न विभागीय अनुदानों के अंतर्गत मानक मद '09 विद्युत देय' में प्रावधानित धनराशि के 50% का भुगतान अप्रैल-सितंबर माह की अवधि के लिए विभागाध्यक्ष 15 मई तक सीधे यूपीपीसीएल को अदा करेंगे. विभागाध्यक्ष अपने अधीनस्थ कार्यालयों को उक्त मानक मद में प्रावधानित धनराशि के सापेक्ष आवंटन नहीं करेंगे. अगर कोई धनराशि आवंटित कर दी गई हो और अगर खर्च न हुई हो तो उसे फिर से विभागाध्यक्ष के अधिष्ठान व्यय के तहत मानक मद में अंतरित करा लिया जाएगा.
विभागाध्यक्ष द्वारा संबंधित कोषागार में धनराशि के लिए बिल प्रस्तुत किया जाएगा. विभागाध्यक्ष उक्त भुगतान ई-कुबेर प्रणाली के माध्यम से उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के आईसीआईसीआई बैंक के खाते में करेंगे. उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा प्राप्त धनराशि के संबंध में प्रमाण पत्र संबंधित विभाग के अध्यक्षों को और ऊर्जा विभाग को उपलब्ध कराया जाएगा. उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा अप्रैल-जून अवधि के विभागवार सत्यापित विद्युत बिल ऊर्जा विभाग और विभागाध्यक्ष को उपलब्ध कराए जाएंगे.
यूपीपीसीएल को उपलब्ध कराई जाएगी धनराशि
उन्होंने बताया कि अप्रैल-जून तक के सत्यापित बिलों की राशि या बजट में व्यवस्थित धनराशि का एक चौथाई अंश, दोनों में से जो कम हो, के बराबर धनराशि अक्टूबर-दिसंबर की अवधि के लिए अक्टूबर में विभागाध्यक्ष की तरफ से यूपीपीसीएल को उपलब्ध कराई जाएगी. इसके अलावा जुलाई-सितंबर तक की अवधि के सत्यापित बिल प्रस्तुत कर दिए जाने पर जनवरी-मार्च की अवधि के लिए धनराशि जनवरी में ही विभागाध्यक्ष द्वारा उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड को उपलब्ध कराई जाएगी.
मार्च में अक्टूबर-दिसंबर तक की अवधि के लिए बिल प्रस्तुत कर दिए जाने पर आगामी वित्तीय वर्ष के बजट में विभागीय अनुदान में धनराशि के 25% का भुगतान आगामी वित्त वर्ष के अप्रैल-जून की अवधि के लिए विभागाध्यक्ष 15 अप्रैल तक सीधे पावर कारपोरेशन के अकाउंट में करेंगे.
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