लखनऊ : जल निगम भर्ती घोटाला मामले में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश मनोज पांडेय ने आजम खान सहित सभी अभियुक्तों को आरोप मुक्ति के उनके प्रार्थना पत्रों पर बहस के लिए अन्तिम मौका दिया है. कोर्ट ने कहा है कि यदि 5 सितम्बर को आरोप मुक्त किए जाने के बिंदु पर बहस नहीं की जाती है तो सभी अभियुक्तों के विरुद्ध आरोप तय करने पर विचार किया जाएगा.
मंगलवार को सुनवाई के दौरान अदालत के समक्ष एक अभियुक्त सैयद आफाक अहमद की ओर से अग्रिम जमानत अर्जी प्रस्तुत की गई, जिस पर अदालत ने सुनवाई के लिए 24 अगस्त की तिथि नियत की है. जबकि अभियुक्त प्रेम कुमार अशुदानी के गैर हाजिर होने पर अदालत ने पुनः 10 हजार रुपए का जमानती वारंट जारी किया है. अदालत के समक्ष मामले की सुनवाई के समय सभी अभियुक्तों की ओर से उनकी हाजिरी माफ करने की मांग वाली अर्जी दी गई, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया. इस मामले में आफाक अहमद और प्रेम कुमार अशुदानी के अलावा सभी अभियुक्तों को अभियोजन की प्रति पूर्व में दी जा चुकी है. अदालत के समक्ष अभियुक्तों की ओर से याचना की गई कि वे खुद को निर्दोष साबित करने के लिए अधिवक्ता के माध्यम से तर्क प्रस्तुत करेंगे, जिसे अदालत ने स्वीकार करते हुए 5 सितम्बर को बहस करने को कहा है.
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पत्रावली के अनुसार मामले के मुख्य अभियुक्त व पूर्व कैबिनेट मंत्री आज़म खान पर आरोप है कि उन्होंने सपा सरकार में रहते हुए जल निगम में 122 सहायक अभियंता, 853 अवर अभियंता, 335 लिपिक व 32 आशुलिपिकों की भर्ती नियम विरुद्ध तरीके से करते हुए घोटाला किया था. मामले की जांच 13 जुलाई 2017 को विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) को सौंपी गई थी.
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