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उपभोक्ताओं को जोर का झटका देने की तैयारी, बिजली दर बढ़ाने को अब स्लैब परिवर्तन का सहारा लेगा पावर कारपोरेशन - increase on common people

लखनऊ में तकरीबन 97 हजार करोड रुपये के घाटे से जूझ रहा उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन (Uttar Pradesh Power Corporation) चाहकर भी बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं कर पा रहा है. लेकिन अब कारपोरेशन अलग तरह से योजना बनाकर उपभोक्ताओं पर भार डालने की तैयारी में है.

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उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन
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Published : Jun 19, 2022, 5:15 PM IST

लखनऊ: तकरीबन 97 हजार करोड रुपये के घाटे से जूझ रहा उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन (Uttar Pradesh Power Corporation) चाहकर भी बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं कर पा रहा है. अगर विभाग सीधे बिजली दरें बढ़ाने की सोचता है तो उपभोक्ताओं की नाराजगी सामने आ जाती है. इससे पावर कारपोरेशन पैर पीछे खींच लेता है, लेकिन अब कारपोरेशन अलग तरह से योजना बनाकर उपभोक्ताओं पर भार डालने की तैयारी में है.

दरअसल, बिजली दरों की वृद्धि के प्रस्ताव को किनारे रखकर विभाग ने स्लैब परिवर्तन का प्रस्ताव नियामक आयोग को सौंप दिया है. अगर नियामक आयोग ने यह प्रस्ताव मंजूर कर लिया तो शहरी उपभोक्ताओं को हर माह अपने बिल में 25 रुपये से लेकर 150 रुपये तक ज्यादा भुगतान करना पड़ेगा. इससे महंगाई में उपभोक्ताओं का बजट और भी बिगड़ेगा.

उत्तर प्रदेश में बिजली दरें देश के सभी राज्यों से ज्यादा हैं. ऐसे में पहले से महंगी बिजली होने के चलते पावर कारपोरेशन नियामक आयोग (Power Corporation Regulatory Commission) में बिजली दरों की बढ़ोतरी संबंधी प्रस्ताव को सीधे नहीं रख रहा है, बल्कि अब स्लैब परिवर्तन का सहारा ले रहा है. नियामक आयोग में बाकायदा पावर कारपोरेशन प्रबंधन की तरफ से स्लैब चेंज करने के लिए प्रस्ताव दिया गया है.

अब यह नियामक आयोग पर निर्भर करेगा कि स्लैब को परिवर्तित करे या फिर प्रस्ताव को ठुकरा दें, लेकिन अगर ये प्रस्ताव मंजूर हुआ तो इसका असर सीधे तौर पर आम जनता पर पड़ेगा. नियामक आयोग में जो परिवर्तन का प्रस्ताव पावर कारपोरेशन के तरफ से दिया गया है, उसमें हर माह 100 यूनिट से अधिक बिजली का उपभोग करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली भी महंगी हो जाएगी.

अभी तक 500 यूनिट से अधिक बिजली का इस्तेमाल करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं को सात रुपये प्रति यूनिट की दर से बिल देना पड़ता है. अब यह बिल 300 यूनिट के ऊपर वाले उपभोक्ताओं को देना पड़ेगा. अभी तक 150 यूनिट से ऊपर बिजली जलाने पर 5.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिल चुकता करना होता है. नया प्रस्ताव अगर मंजूर हुआ तो 100 यूनिट के ऊपर उपभोग करने पर 5.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली का बिल चुकाना पड़ेगा. हालांकि इससे पहले भी दो बार पावर कारपोरेशन की तरफ से नियामक आयोग में स्लैब परिवर्तन संबंधी प्रस्ताव सौंपा गया था, लेकिन नियामक आयोग ने इसे ठुकराकर जनता को राहत दी थी.

इसे भी पढ़ेंः गोरखपुर के दौरे पर CM योगी, विकास और बाढ़ बचाव योजनाओं की करेंगे समीक्षा

घरेलू शहरी उपभोक्ताओं के बिजली जलाने और उसके एवज में बिल के भुगतान की हर माह की बात करें तो वर्तमान में एक किलोवाट कनेक्शन धारक को डेढ़ सौ यूनिट बिजली जलाने पर 935 रुपये बिल चुकाना होता है, वहीं, स्लैब में अगर परिवर्तन हुआ तो 960 रुपये भुगतान करना होगा. यानी 25 रुपये बढ़ जाएंगे. दो किलोवाट 200 यूनिट तक हर माह बिजली जलाने वाले उपभोक्ता को वर्तमान में 1,345 रुपये का बिल चुकाना होता है, जो बढ़कर 1,395 रुपये हो जाएगा.

दो किलोवाट ढाई सौ यूनिट वाले उपभोक्ता को वर्तमान में 1,645 बिल भरना होता है, जो स्लैब चेंज होने के बाद 1,720 रुपये हो जाएगा. तीन किलोवाट 300 यूनिट उपभोक्ता को वर्तमान में 2,055 रुपये और स्लैब परिवर्तन के बाद 2,155 रुपये भुगतान करना होगा. इसी तरह चार किलोवाट और 400 यूनिट वाले उपभोक्ता को वर्तमान में 2,815 रुपये चुकाने होते हैं जो स्लैब बदलने के बाद 2,965 रुपये चुकाने पड़ेंगे. पांच किलोवाट 500 यूनिट तक के कनेक्शन धारक को वर्तमान में 3,575 रुपये का भुगतान करना होता है जो स्लैब परिवर्तन के बाद 3,775 रुपये करना पड़ेगा.

पावर कारपोरेशन की तरफ से नियामक आयोग में जो प्रस्ताव सौंपा गया है, उसके मुताबिक 100 यूनिट तक के लिए 5. 50 रुपये प्रति यूनिट, 101 से 150 यूनिट तक के लिए 6 रुपये प्रति यूनिट, 151 से 300 यूनिट के लिए 6.50 रुपये प्रति यूनिट और 300 यूनिट से ऊपर 7 रुपये प्रति यूनिट का प्रस्ताव दिया गया है. वर्तमान में 150 यूनिट के लिए 5 .50 रुपये पैसे प्रति यूनिट, 151 से 300 यूनिट के लिए 6 रुपये प्रति यूनिट, 301 से 500 यूनिट तक के लिए 6.50 रुपये प्रति यूनिट और 501 यूनिट से ऊपर 7 रुपये प्रति यूनिट का भुगतान करना होता है.
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लखनऊ: तकरीबन 97 हजार करोड रुपये के घाटे से जूझ रहा उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन (Uttar Pradesh Power Corporation) चाहकर भी बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं कर पा रहा है. अगर विभाग सीधे बिजली दरें बढ़ाने की सोचता है तो उपभोक्ताओं की नाराजगी सामने आ जाती है. इससे पावर कारपोरेशन पैर पीछे खींच लेता है, लेकिन अब कारपोरेशन अलग तरह से योजना बनाकर उपभोक्ताओं पर भार डालने की तैयारी में है.

दरअसल, बिजली दरों की वृद्धि के प्रस्ताव को किनारे रखकर विभाग ने स्लैब परिवर्तन का प्रस्ताव नियामक आयोग को सौंप दिया है. अगर नियामक आयोग ने यह प्रस्ताव मंजूर कर लिया तो शहरी उपभोक्ताओं को हर माह अपने बिल में 25 रुपये से लेकर 150 रुपये तक ज्यादा भुगतान करना पड़ेगा. इससे महंगाई में उपभोक्ताओं का बजट और भी बिगड़ेगा.

उत्तर प्रदेश में बिजली दरें देश के सभी राज्यों से ज्यादा हैं. ऐसे में पहले से महंगी बिजली होने के चलते पावर कारपोरेशन नियामक आयोग (Power Corporation Regulatory Commission) में बिजली दरों की बढ़ोतरी संबंधी प्रस्ताव को सीधे नहीं रख रहा है, बल्कि अब स्लैब परिवर्तन का सहारा ले रहा है. नियामक आयोग में बाकायदा पावर कारपोरेशन प्रबंधन की तरफ से स्लैब चेंज करने के लिए प्रस्ताव दिया गया है.

अब यह नियामक आयोग पर निर्भर करेगा कि स्लैब को परिवर्तित करे या फिर प्रस्ताव को ठुकरा दें, लेकिन अगर ये प्रस्ताव मंजूर हुआ तो इसका असर सीधे तौर पर आम जनता पर पड़ेगा. नियामक आयोग में जो परिवर्तन का प्रस्ताव पावर कारपोरेशन के तरफ से दिया गया है, उसमें हर माह 100 यूनिट से अधिक बिजली का उपभोग करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली भी महंगी हो जाएगी.

अभी तक 500 यूनिट से अधिक बिजली का इस्तेमाल करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं को सात रुपये प्रति यूनिट की दर से बिल देना पड़ता है. अब यह बिल 300 यूनिट के ऊपर वाले उपभोक्ताओं को देना पड़ेगा. अभी तक 150 यूनिट से ऊपर बिजली जलाने पर 5.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिल चुकता करना होता है. नया प्रस्ताव अगर मंजूर हुआ तो 100 यूनिट के ऊपर उपभोग करने पर 5.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली का बिल चुकाना पड़ेगा. हालांकि इससे पहले भी दो बार पावर कारपोरेशन की तरफ से नियामक आयोग में स्लैब परिवर्तन संबंधी प्रस्ताव सौंपा गया था, लेकिन नियामक आयोग ने इसे ठुकराकर जनता को राहत दी थी.

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घरेलू शहरी उपभोक्ताओं के बिजली जलाने और उसके एवज में बिल के भुगतान की हर माह की बात करें तो वर्तमान में एक किलोवाट कनेक्शन धारक को डेढ़ सौ यूनिट बिजली जलाने पर 935 रुपये बिल चुकाना होता है, वहीं, स्लैब में अगर परिवर्तन हुआ तो 960 रुपये भुगतान करना होगा. यानी 25 रुपये बढ़ जाएंगे. दो किलोवाट 200 यूनिट तक हर माह बिजली जलाने वाले उपभोक्ता को वर्तमान में 1,345 रुपये का बिल चुकाना होता है, जो बढ़कर 1,395 रुपये हो जाएगा.

दो किलोवाट ढाई सौ यूनिट वाले उपभोक्ता को वर्तमान में 1,645 बिल भरना होता है, जो स्लैब चेंज होने के बाद 1,720 रुपये हो जाएगा. तीन किलोवाट 300 यूनिट उपभोक्ता को वर्तमान में 2,055 रुपये और स्लैब परिवर्तन के बाद 2,155 रुपये भुगतान करना होगा. इसी तरह चार किलोवाट और 400 यूनिट वाले उपभोक्ता को वर्तमान में 2,815 रुपये चुकाने होते हैं जो स्लैब बदलने के बाद 2,965 रुपये चुकाने पड़ेंगे. पांच किलोवाट 500 यूनिट तक के कनेक्शन धारक को वर्तमान में 3,575 रुपये का भुगतान करना होता है जो स्लैब परिवर्तन के बाद 3,775 रुपये करना पड़ेगा.

पावर कारपोरेशन की तरफ से नियामक आयोग में जो प्रस्ताव सौंपा गया है, उसके मुताबिक 100 यूनिट तक के लिए 5. 50 रुपये प्रति यूनिट, 101 से 150 यूनिट तक के लिए 6 रुपये प्रति यूनिट, 151 से 300 यूनिट के लिए 6.50 रुपये प्रति यूनिट और 300 यूनिट से ऊपर 7 रुपये प्रति यूनिट का प्रस्ताव दिया गया है. वर्तमान में 150 यूनिट के लिए 5 .50 रुपये पैसे प्रति यूनिट, 151 से 300 यूनिट के लिए 6 रुपये प्रति यूनिट, 301 से 500 यूनिट तक के लिए 6.50 रुपये प्रति यूनिट और 501 यूनिट से ऊपर 7 रुपये प्रति यूनिट का भुगतान करना होता है.
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