लखनऊ: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने बेहतर प्रदर्शन नहीं किया. रविवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने समीक्षा बैठक में दुख और अफसोस जताया. उन्होंने कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए कहा है कि बिल्कुल फिक्र मत करो, सभी मेहनत करते रहो फिर से परिणाम पार्टी के पक्ष में आएंगे. हार की क्या वजह रही इसका पर भी मंथन किया गया.
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सांसद मायावती ने लखनऊ में उत्तराखंड के पार्टी के प्रमुख पदाधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव संबंधी तथ्यों की जानकारी ली. राजनीतिक हालातों की समीक्षा की. सभी कार्यकर्ताओं से नए हलातों का सामना करने के लिए हौसला बढ़ाया. उत्तराखंड की नई विधानसभा में बीएसपी के दो विधायक चुने गए हैं.और पार्टी का वोट प्रतिशत तीसरा सबसे अधिक रहा है.
समीक्षा में पाया गया उत्तर प्रदेश की जगह उत्तराखंड में भी सत्ताधारी भाजपा को हराने के लिए मेहनत तो बहुत की गई, लेकिन मुस्लिम समाज के लोगों से सही विकल्प चुनने में चूक हुई. जिस कारण भाजपा के खिलाफ गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी और इनके अहंकारी और निरंकुश रवैए के खिलाफ लोगों में जबरदस्त नाराजगी के बावजूद इसका सीधा लाभ दोबारा भाजपा को मिल गया.
मायावती ने कार्यकर्ताओं को भरोसा दिलाया कि बीएसपी को अपने काम में जी-जान से लगे रहना है. जो भी कमियां पार्टी संगठन के काम में नजर आई हैं. उन्हें दूर करके आगे बढ़ने का प्रयास लगातार जारी रखना है. यह भी याद रखना है कि धनबल से लैस राजनीतिक विरोधी गंदी, नेगेटिव पॉलिटिक्स और साम-दाम-दंड-भेद जैसे अनेकों हथकंडों में महारत रखते हैं. वे दूसरों को गलत साबित करके ही खुद को अच्छा बन जाने को ही गुड गवर्नेंस समझने का प्रयास करने रहते हैं. इसीलिए बहुजन समाज पार्टी के अब तक के प्रयास काफी सही साबित नहीं हो पा रहे हैं जिसके लिए फिर से कमर कसने की जरूरत है.
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मायावती ने उत्तराखंड में पार्टी के सभी छोटे-बड़े पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और अनुयायियों का तहे दिल से आभार प्रकट किया.
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