लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने शुक्रवार को पार्टी संगठन को मजबूती देने सहित संगठन के कामकाज को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक की. आज उन्होंने 9 राज्यों के पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करते हुए विचार मंथन किया.
बिहार, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा राज्यों में स्टेट पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बैठक में उन राज्यों के सभी हालात, राजनीतिक उतार-चढ़ाव, पार्टी संगठन को मजबूती और जनाधार को बढ़ाने आदि के बारे में गहन समीक्षा की तथा आगे इन मिशनरी कार्यों में गति प्रदान करने के लिए जरूरी दिशा- निर्देश देकर उन पर ईमानदारी से अमल करने की हिदायत दी गई.
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बसपा अध्यक्ष मायावती ने अपने सम्बोधन में अन्य बातों के अलावा राष्ट्रपति पद पर द्रौपदी मुर्मू की पहली आदिवासी समाज की महिला के रूप में शानदार निर्वाचन का उल्लेख करते हुए कहा कि सबसे पहले बीएसपी के भरपूर समर्थन के बाद उनको उम्मीद से कहीं अधिक हर वर्ग और पार्टियों का मिला समर्थन काफी संतोष की बात है. किन्तु क्या केवल इसी के सहारे देश में करोड़ों दलितों, अति पिछड़े और अल्पसंख्यक समाज के लोगों को बेपनाह गरीबी, पिछड़ेपन, जातिवादी शोषण, तिरस्कार व अन्याय-अत्याचार आदि से मुक्ति मिल जाएगी.
उन्होंने कहा कि सर्वविदित है कि इससे पहले कांग्रेस और अब भाजपा भी इसी प्रकार के सांकेतिक और दिखावटी कार्य करके इन वर्गों का चैम्पियन बनने का प्रयास करती रही है. लेकिन इन वर्गों के असली हित, वास्तविक कल्याण तथा आत्म-सम्मान आदि के मामले में ठोस स्थिति लगभग नगण्य रही है और यही कारण है कि आजादी के 75 वर्षों में आज भी इन वर्गों की हालत बद से बदतर ही बनी हुई है.
जिसके लिए ही फिर बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के सपनों ' बहुजनों अपना उद्धार स्वयं करने के लिए सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करे की दिली पुकार को अमलीजामा पहनाने के खास और गंभीर प्रयास के लिए ही अन्ततः कांशीराम द्वारा बीएसपी की स्थापना की गई जो यह सपना खासकर यूपी में चार बार सरकार बनाकर साकार भी किया गया.
बीएसपी की इस अहम बैठक में भी उत्तर प्रदेश के ताजा राजनीतिक हालात में भी खासकर राज्य में हर स्तर पर जारी जातिवादी और साम्प्रदायिक भेदभावपूर्ण कार्यकलापों एवं भ्रष्टाचार आदि का संज्ञान लेने को मजबूर होना पड़ा. माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा खासकर लचर कानून- व्यवस्था और मानवाधिकार आदि के सम्बंध में दी जा रही बार - बार चेतावनी/सख्त टिप्पणी आदि के बावजूद राज्य सरकार के कामकाज में कोई जरूरी सुधार देखने को नहीं मिल रहा है.
बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि यूपी सरकार अपने अति संकीर्ण नफरती जातिवादी और साम्प्रदायिक ऐजेण्डे पर काम करने में पूरे देश में एक मिसाल बनती जा रही है. जिससे हर तरफ बेचैनी और चिन्ता की लहर है तथा इनका विकास कार्यक्रम अति- सीमित होने के कारण गरीब लोगों के जीवन को सुखी व सम्पन्न बनाने के खास मकसद में विफल साबित हो रहा है.
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