लखनऊ: प्रेम संबंधों में रोड़ा बन रहे प्रेमिका के पति की हत्या करने के आरोपी प्रेमी नरेंद्र यादव और उसके भाई अरविंद यादव को दोषी करार दिया. अपर सत्र न्यायाधीश पवन कुमार राय ने दोनों को आजीवन कारावास और दस-दस हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया. कोर्ट में सरकारी वकील एसएन राय और पुष्पेंद्र सिंह गौतम ने तर्क दिया कि वादी ओम प्रकाश मिश्र ने 25 फरवरी 2008 को गुडंबा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए एसएसपी को तहरीर दी थी.
इस पर एसएसपी के आदेश से रिपोर्ट दर्ज हुई थी. रिपोर्ट दर्ज कराते हुए कहा गया कि वादी के चार भाई हैं. इनमें से दो भाई राकेश और उमेश जानकीपुरम में आसपास रहते हैं. बताया गया कि 9 फरवरी 2008 को वादी के भाई राकेश की उसके घर में हत्या करके शव को जला दिया गया था. कहा गया कि वादी ने इस घटना की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए उसी दिन गुडंबा थाने में अर्जी दी थी. अपने भाई का क्रियाकर्म करने के लिए अपने मूल निवास सीतापुर चला गया था.
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अदालत को बताया गया कि जब वादी अपने भाई राकेश की तेरहवीं करके 22 फरवरी को लौटा, तो पता चला कि उसकी रिपोर्ट ही दर्ज नहीं हुई थी. इस पर वादी ने एसएसपी को अर्जी दी और आरोप लगाया कि राकेश की पत्नी गायत्री के नरेंद्र से अवैध संबंध थे. इसके चलते गायत्री घर से जेवर और नकद लेकर पूर्व में नरेंद्र के साथ भाग गई थी. कहा गया कि इसी प्रेम सम्बन्ध के चलते नरेंद्र यादव ने अपने भाई अरविंद यादव के साथ मिलकर राकेश की हत्या उसके ही घर में कर दी थी.
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