लखनऊ : विधान परिषद में भारतीय जनता पार्टी के एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह का विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव धराशायी हो गया. सत्ता पक्ष के देवेंद्र प्रताप सिंह ने यह प्रस्ताव महाराजगंज के जिला अधिकारी के खिलाफ दिया था. उन्होंने कहा था कि जिलाधिकारी ने उनके साथ फोन पर दुर्व्यवहार किया था. नियम 223 के तहत देवेन्द्र प्रताप सिंह ने आरोप लगाया कि जिला अधिकारी महराजगंज ने उनसे तल्ख वाणी में बात की. जिलाधिकारी गुंडे और माफिया की तरह बात कर रहे हैं.
समाजवादी पार्टी के नेता संजय लाठर ने उनका समर्थन किया. इसे लेकर नेता सदन स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि मंडलायुक्त गोरखपुर से आख्या मांगी गई है. विधान परिषद के सभापति ने इसे विशेषाधिकार हनन का मामला न मानते हुए प्रस्ताव को खारिज कर दिया. दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि पिछले दिनों उन्होंने फोन पर जिलाधिकारी महाराजगंज को कहा कि जिले में होने वाले कामों में पक्षपात पूर्ण रवैया न अपनाया जाए.
इस पर नाराज होकर जिलाधिकारी ने कहा कि ज्वाइन करते ही पक्षपात का आरोप आपने कैसे लगा दिया. दिनेश सिंह ने कहा कि यह मामला सीधे-सीधे विशेषाधिकार हनन का है. इसलिए जिलाधिकारी को सदन में बुलाकर कटघरे में खड़ा किया जाए और न्यायालय के तौर पर सभा को परिवर्तित करते हुए उन पर वाद चलाया जाए. इस पर सभापति ने उनके इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया. साथ ही मंडलायुक्त गोरखपुर से आख्या मांगने की बात कही. कांग्रेस के एमएलसी दीपक सिंह ने राज्य के खेल मंत्री से पूछा कि गिरीश यादव बताएं कि 22 गांवों के स्टेडियम में क्या होगा. इस पर मंत्री ने जवाब दिया कि एक खेल एक जिले को बढ़ावा दिया जाएगा.
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समाजवादी पार्टी के एमएलसी राजपाल कश्यप ने पूछा कि डीएनडी टोल प्लाजा नोएडा में दिल्ली की एजेंसी टोल वसूल रही है. नंद गोपाल नंदी ने जबाव दिया कि प्रश्न नहीं उठता है. इसे लेकर संजय लाठर ने दोबारा सवाल उठाया. मंत्री ने तब आश्वासन दिया कि इसको दिखावा लूंगा. नियम 115 के तहत पूछा कि चंदौली में एक आरोपित के घर पर दबिश में दो युवतियों पर हमला हुआ है. एक लड़की की मौत हुई है. निशा यादव की हत्या कर के लाश फंदे पर टांग दी गई. नेता सदन विधान परिषद स्वतंत्र देव सिंह ने इसका जवाब दिया कि इस पूरे मामले में सख्त कार्यवाही की जा रही है.
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