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कानून व्यवस्था और किसानों के मुद्दे पर जीती भाजपा, बजट में भी वही प्राथमिकता

यूपी बजट में पहले नंबर पर कानून व्यवस्था को रखा गया है. जिसमें विशेष सुरक्षा बल के लिए 276.66 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.

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Published : May 26, 2022, 9:06 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा में योगी की दूसरी सरकार का बजट एक बार फिर पुरानी प्राथमिकताओं को हवा देता हुआ नजर आया. भाजपा ने 2022 में विधानसभा चुनाव सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, कानून व्यवस्था, महिला सुरक्षा, किसान और युवाओं जैसे मुद्दों पर जीता था. बजट में भी यही प्राथमिकताएं भारतीय जनता पार्टी की नजर आ रही हैं. आमतौर से बजट में कानून व्यवस्था को अव्वल नंबर पर नहीं रखा जाता है. मगर, योगी सरकार के बजट बिंदु जो जारी किए गए हैं उनमें कानून व्यवस्था पहले नंबर पर है. जिसके जरिए योगी आदित्यनाथ एक बार फिर माफिया और अपराधियों के खिलाफ अपनी सख्त छवि को आम लोगों के सामने प्रस्तुत कर रहे हैं.

यूपी बजट में पहले नंबर पर कानून व्यवस्था को रखा गया है. जिसमें विशेष सुरक्षा बल के लिए 276.66 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. पुलिस इमरजेंसी प्रबंधन प्रणाली के सुदृढ़ीकरण के लिए 730 करोड़ रुपये, सेफ सिटी योजना के लिए लखनऊ, गौतम बुद्ध नगर, आगरा, वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज में 523 करोड़ रुपये, थानों की सुरक्षा उपकरणों व अस्त्र-शस्त्र के लिए 250 करोड़ रुपये, साथ ही फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट का निर्माण कराने का फैसला किया गया. पुलिस के आवासीय भवनों के लिए 800 करोड़ रुपये और जमीन खरीदने के लिए ₹65 करोड़ की व्यवस्था की गई है.

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता आनंद दुबे
सरकार में दूसरे नंबर पर किसानों के मसले रखे हैं. जिसमें मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के लिए ₹675 करोड़ की धनराशि प्रस्तावित की गई है. ऊर्जा सुरक्षा में उत्थान महाअभियान योजना के लिए 15000 सोलर पंप स्थापना करवाए जाएंगे. 7.20 लाख क्विंटल बीजों का वितरण किया जाना प्रस्तावित किया गया है. 119.30 लाख मैट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य तय है. प्रदेश में 34307 राजकीय नलकूपों तथा पांच 252 लघु नहरों के माध्यम से कृषकों को मुफ्त सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के लिए 1000 करोड़ रुपए की धनराशि प्रस्तावित की गई.महिलाओं के लिए इस बजट में 3 महिला पीएसी बटालियन लखनऊ, गोरखपुर व बदायूं में बनाई जाएंगी. महिला समर्थ योजना के लिए 72.50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ कार्यक्रम के तहत यूपीएससी 2018 की टॉपर छात्राओं को लैपटाॅप, सौ टॉपर एससी/एसटी छात्रों को लैपटॉप का वितरण किया जाएगा. मिशन शक्ति कार्यक्रम के लिए ₹20 करोड़ की धनराशि प्रस्तावित की गई है.

ये भी पढ़ें : योगी सरकार के बजट में रोजगार, महिला सुरक्षा, स्वास्थ्य और किसानों पर ज़ोर, गोरखपुर को मेट्रो की सौगात

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी ने काशी, मथुरा, अयोध्या के लिए अलग-अलग प्रावधान किए हैं. इसके अतिरिक्त महाकुंभ 2025 के लिए भी बजट का प्रावधान 3 साल पहले ही सरकार की ओर से कर दिया गया है. जिससे स्पष्ट है कि भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर अपने सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के एजेंडे को धार दे रही है.

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा में योगी की दूसरी सरकार का बजट एक बार फिर पुरानी प्राथमिकताओं को हवा देता हुआ नजर आया. भाजपा ने 2022 में विधानसभा चुनाव सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, कानून व्यवस्था, महिला सुरक्षा, किसान और युवाओं जैसे मुद्दों पर जीता था. बजट में भी यही प्राथमिकताएं भारतीय जनता पार्टी की नजर आ रही हैं. आमतौर से बजट में कानून व्यवस्था को अव्वल नंबर पर नहीं रखा जाता है. मगर, योगी सरकार के बजट बिंदु जो जारी किए गए हैं उनमें कानून व्यवस्था पहले नंबर पर है. जिसके जरिए योगी आदित्यनाथ एक बार फिर माफिया और अपराधियों के खिलाफ अपनी सख्त छवि को आम लोगों के सामने प्रस्तुत कर रहे हैं.

यूपी बजट में पहले नंबर पर कानून व्यवस्था को रखा गया है. जिसमें विशेष सुरक्षा बल के लिए 276.66 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. पुलिस इमरजेंसी प्रबंधन प्रणाली के सुदृढ़ीकरण के लिए 730 करोड़ रुपये, सेफ सिटी योजना के लिए लखनऊ, गौतम बुद्ध नगर, आगरा, वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज में 523 करोड़ रुपये, थानों की सुरक्षा उपकरणों व अस्त्र-शस्त्र के लिए 250 करोड़ रुपये, साथ ही फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट का निर्माण कराने का फैसला किया गया. पुलिस के आवासीय भवनों के लिए 800 करोड़ रुपये और जमीन खरीदने के लिए ₹65 करोड़ की व्यवस्था की गई है.

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता आनंद दुबे
सरकार में दूसरे नंबर पर किसानों के मसले रखे हैं. जिसमें मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के लिए ₹675 करोड़ की धनराशि प्रस्तावित की गई है. ऊर्जा सुरक्षा में उत्थान महाअभियान योजना के लिए 15000 सोलर पंप स्थापना करवाए जाएंगे. 7.20 लाख क्विंटल बीजों का वितरण किया जाना प्रस्तावित किया गया है. 119.30 लाख मैट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य तय है. प्रदेश में 34307 राजकीय नलकूपों तथा पांच 252 लघु नहरों के माध्यम से कृषकों को मुफ्त सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के लिए 1000 करोड़ रुपए की धनराशि प्रस्तावित की गई.महिलाओं के लिए इस बजट में 3 महिला पीएसी बटालियन लखनऊ, गोरखपुर व बदायूं में बनाई जाएंगी. महिला समर्थ योजना के लिए 72.50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ कार्यक्रम के तहत यूपीएससी 2018 की टॉपर छात्राओं को लैपटाॅप, सौ टॉपर एससी/एसटी छात्रों को लैपटॉप का वितरण किया जाएगा. मिशन शक्ति कार्यक्रम के लिए ₹20 करोड़ की धनराशि प्रस्तावित की गई है.

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सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी ने काशी, मथुरा, अयोध्या के लिए अलग-अलग प्रावधान किए हैं. इसके अतिरिक्त महाकुंभ 2025 के लिए भी बजट का प्रावधान 3 साल पहले ही सरकार की ओर से कर दिया गया है. जिससे स्पष्ट है कि भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर अपने सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के एजेंडे को धार दे रही है.

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