लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा में योगी की दूसरी सरकार का बजट एक बार फिर पुरानी प्राथमिकताओं को हवा देता हुआ नजर आया. भाजपा ने 2022 में विधानसभा चुनाव सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, कानून व्यवस्था, महिला सुरक्षा, किसान और युवाओं जैसे मुद्दों पर जीता था. बजट में भी यही प्राथमिकताएं भारतीय जनता पार्टी की नजर आ रही हैं. आमतौर से बजट में कानून व्यवस्था को अव्वल नंबर पर नहीं रखा जाता है. मगर, योगी सरकार के बजट बिंदु जो जारी किए गए हैं उनमें कानून व्यवस्था पहले नंबर पर है. जिसके जरिए योगी आदित्यनाथ एक बार फिर माफिया और अपराधियों के खिलाफ अपनी सख्त छवि को आम लोगों के सामने प्रस्तुत कर रहे हैं.
यूपी बजट में पहले नंबर पर कानून व्यवस्था को रखा गया है. जिसमें विशेष सुरक्षा बल के लिए 276.66 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. पुलिस इमरजेंसी प्रबंधन प्रणाली के सुदृढ़ीकरण के लिए 730 करोड़ रुपये, सेफ सिटी योजना के लिए लखनऊ, गौतम बुद्ध नगर, आगरा, वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज में 523 करोड़ रुपये, थानों की सुरक्षा उपकरणों व अस्त्र-शस्त्र के लिए 250 करोड़ रुपये, साथ ही फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट का निर्माण कराने का फैसला किया गया. पुलिस के आवासीय भवनों के लिए 800 करोड़ रुपये और जमीन खरीदने के लिए ₹65 करोड़ की व्यवस्था की गई है.
सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी ने काशी, मथुरा, अयोध्या के लिए अलग-अलग प्रावधान किए हैं. इसके अतिरिक्त महाकुंभ 2025 के लिए भी बजट का प्रावधान 3 साल पहले ही सरकार की ओर से कर दिया गया है. जिससे स्पष्ट है कि भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर अपने सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के एजेंडे को धार दे रही है.
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