लखनऊ: बीजेपी राज्यसभा सांसद बृजलाल मंगलवार को भाजपा (Bhartiya Janta Party) प्रदेश मुख्यालय में मीडिया से रूबरू हुए. इस दौरान उन्होंने सपा (Samajwadi Party) अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधा. बृजलाल ने कहा कि समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों की सूची देखकर यह साफ है कि अखिलेश यादव आतंकवादियों और अपराधियों के साथ खड़े हुए हैं. अपनी सरकार के कार्यकाल में अखिलेश यादव ने आतंकवादियों के मुकदमे वापस लिए थे और अब वो ऐसे ही आरोपियों को टिकट दे रहे हैं.
बीजेपी राज्यसभा सांसद ने कहा कि न्यायालय ने 2019 में इनमें से 4 को फांसी की सजा सुनाई थी. वाराणसी में आतंकवादी हमला हुआ था. उसके आरोपियों के भी अखिलेश ने केस वापस लिए थे. गोरखपुर में मई 2007 में हमला हुआ था. तब भी मुकदमा वापस लिया गया था. 18 मई 2013 को बाराबंकी में लू लगने से आतंकी की मौत हो गई थी. तब मुझे भी जेल भेजने का प्रयास किया गया था. एक बार फिर अखिलेश यादव ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं.
बृजलाल ने कहा कि मेरा सवाल जनता से भी है. आप अपने दरवाजे पर असीम अरुण को देखना चाहते हैं या नाहिद हसन अली और अब्दुल्ला आजम को देखना चाहते हैं. आप नहीं चाहते हैं कि आपके दरवाजे पर कोई दंगाई आए. सुरक्षा का वादा केवल योगी सरकार कर सकती है. गरीबों से सपा का कोई लेना-देना नहीं है. आजम खां ने बाबा साहब को माफिया कहा था और अखिलेश यादव मंच पर बैठे ताली बजा रहे थे. 2004 में मुलायम सिंह यादव एक बिल लाए थे, जिसमें दलितों की जमीन बेचने के लिए डीएम के आदेश की जरूरत नहीं थी. विरोध की वजह से वह बिल गिर गया था. वरना दलितों को भूमिहीन बना दिया जाता. 2012 में जब इनकी सरकार आई थी, तब जुमा अलविदा के दिन गौतम बुद्ध की मूर्ति तोड़ी गई थी. हजरतगंज विधान सभा मार्ग तक दंगा हो रहा था. कोई रोकने वाला नहीं था.
राज्यसभा सांसद बृजलाल ने कहा कि महबूबा मुफ्ती उस अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा हैं, जो किसी भी हाल में उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हराना चाह रही हैं. उत्तर प्रदेश का मतदाता मुफ्ती जैसे लोगों को हर हाल में मुंहतोड़ जवाब देंगे. जिस तरह से अखिलेश यादव आतंकियों को उत्तर प्रदेश में समर्थन देते थे, ठीक वैसे ही महबूबा मुफ्ती जम्मू कश्मीर में आतंकियों की पैरोकार हैं. ये लोग चाहते हैं कि योगी आदित्यनाथ और नरेंद्र मोदी की सरकार न रहें. उत्तर प्रदेश की जनता उनके इरादे पूरे नहीं होने देगी.
मंगलवार को महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि अगर उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ चुनाव हारेंगे, तो निश्चित तौर पर एक दूसरी आजादी मिल जाएगी. किसी भी हाल में उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार नहीं आनी चाहिए.
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