लखनऊ : उत्तर प्रदेश के खाद्य विभाग की तरफ से फर्जी राशन कार्ड धारकों (fake ration cards) के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है. शासन के निर्देश के क्रम में फर्जी राशन कार्ड धारकों का सत्यापन और उनके कार्य करने की कार्रवाई बड़े स्तर पर शुरू करने की तैयारी की गई है. फर्जी कार्ड निरस्त करने के बाद जरूरत पात्र लाभार्थियों के कार्ड बनाए जाने की बड़े स्तर पर कार्रवाई उत्तर प्रदेश में की जाएगी. खाद्य विभाग के अफसरों का कहना है कि सत्यापन का काम सभी राशन कार्ड को कराया जाता है और जो पात्र लाभार्थी नहीं हैं, उनके कार्ड निरस्त करने का काम किया जाता है.
प्रदेश के खाद्य विभाग की तरफ से सभी 3 करोड़ 60 राशन कार्ड धारकों के कार्डों का सत्यापन कराने का फैसला किया गया है. इसके लिए सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर दिशा निर्देश जारी किया गए हैं. तमाम जिलों में तमाम ऐसे लोगों पर पूर्व में राशन कार्ड बना दिए गए जो गरीबी रेखा से ऊपर जीवन यापन कर रहे हैं, ऐसे में खाद्यान्न वितरण योजना के अंतर्गत गलत लोगों को खाद्यान्न वितरित होता रहा. निशुल्क राशन वितरण के दौरान अपात्र लाभार्थियों को राशन वितरण का काम किया गया. शासन के संज्ञान में यह मामला आया तो राशन कार्डों के सत्यापन कराने का एक बड़ा अभियान चलाने का फैसला किया गया और उसको लेकर खाद्य आयुक्त कार्यालय की तरफ से दिशा निर्देश जारी किए गए हैं.
खाद्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि राशन वितरण योजना में पूरी तरह पारदर्शिता लाने और जरूरतमंद पात्र लाभार्थियों को ही राशन वितरण कराया जाए. इस उद्देश्य सत्यापन कराकर अपात्र लोगों के राशनकार्ड निरस्त करने का काम कराया जाएगा. इसके लिए 30 नवंबर तक की डेडलाइन निर्धारित की गई है.
खाद्य विभाग के अपर आयुक्त अनिल कुमार दुबे ने कहा कि एक महीने के अंदर प्रदेश में सभी तीन करोड़ 60 लाख राशन कार्डों का सत्यापन करना है. अंत्योदय राशन कार्ड 41 लाख अंत्योदय राशन कार्ड और तीन करोड़ 19 लाख राशन कार्ड पात्र गृहस्थी कार्ड हैं, जिनकी जिलाधिकारी के स्तर पर जांच कराई जानी है. किसी की मृत्यु हो गई हो या कहीं विस्थापित हो गए आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर हो जाती है तो उस मानक से वह लोग बाहर हो जाते हैं. ऐसे में सत्यापन कराकर कार्रवाई की जाती है. इसके अलावा अभियान के माध्यम से पात्र लाभार्थियों के नए कार्ड भी बनाए जाएंगे.
इस प्रकार हैं मुख्य मानक
- जमीन से रहित किसान मजदूर, छोटे किसान, कारीगर होंगे, उनके अंत्योदय कार्ड बन सकेंगे.
- इनमें कुम्हार, बुनकर, लोहार, बढ़ई, शिल्पकार, झुग्गी व बस्तियों में रहने वाले लोग, आए दिन मजदूरी करने वाले लोग.
- फल बेचने वाले, सब्जी, फूल बेचने वाले, रिक्शा चलाने वाले लोग, सपेरे, कुली, मोची, बेसहारा लोग जिनकी आय का स्रोत 250 तक भी नहीं है, ऐसे लोग जो गांव या शहर में रह रहे हैं, तो कार्ड बनवा सकते हैं.
- 60 साल से अधिक उम्र वाले बेसहारा बुजुर्ग, गरीब विधवा महिला, विकलांग लोग.
- योजना का लाभार्थी बनने के बाद अंत्योदय राशन कार्ड के माध्यम से राशन प्रदान किया जाएगा.
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- अकेले रह रहे गरीब से गरीब महिला या पुरुष या जिनके पास किसी भी प्रकार का समर्थन या साधन नहीं है.
- सभी जनजाति वाले लोग अंत्योदय अन्न योजना का लाभ ले सकते हैं.
- इसके अलावा जिस किसी भी आवेदक की साल की 15 हजार तक की इनकम होगी, वह भी इसका आवेदन कर सकता है. इस श्रेणी से ऊपर हो चुके लोगों के बने कार्ड भी निरस्त किए जाने की कार्रवाई की जाएगी.
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