लखनऊ : एक ईद उल अजहा पूरे देश में 10 जुलाई को मनाया जाएगा. बकरीद के इस अहम त्योहार से पहले और मौजूदा हालातों को देखते हुए लखनऊ में एक खास बैठक आयोजित की गई. लखनऊ की ईदगाह में हुई इस बैठक में उलमा संग कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने भी इस बैठक में हिस्सा लिया और बकरीद को लेकर प्रशासन से खास इंतजाम करने की मांग की.
मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि ईदगाह समेत लखनऊ की तमाम मस्जिदों में ईद उल अजहा की विशेष नमाज़ अदा की जाती है. ऐसे में पहले से जो सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन लाउडस्पीकरों को लेकर जारी है उन्हीं मानकों के तहत मस्जिदों में उसका इस्तेमाल किया जाएगा. मौलाना ने कहा कि लोग किसी भी इबादतगाह के बाहर नमाज़ नहीं अदा करें और जैसा ईद उल फित्र पर अमल किया गया वैसे ही इस त्योहार पर भी अमल करें. उन्होंने कहा कि कुर्बानी इस्लामी फ़रीज़ा है, लिहाज़ा, किसी भी खुली जगह पर कुर्बानी न की जाए. साथ ही जानवर के बचे हुए हिस्से को खुले में ना डालकर जो जगहें बनाई गई हैं उन्हीं में डाल दें.
लखनऊ के संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) पीयूष मोर्डिया ने कहा कि हमारी कोशिश है कि जैसे सभी त्योहार खुशहाल तौर से गुजरे हैं वैसे ही इस त्योहार को सम्पन्न कराया जाए. किसी तरह कि कोई अड़चन ना आने पाए. पीयूष मोर्डिया ने कहा कि इस मीटिंग में तमाम विभागों के अधिकारियों को बुलाया गया है. जिससे सभी को उनकी ज़िम्मेदारियों के बारे में अवगत कराया जाए. किसी तरह के मुद्दे को पैदा होता देख तत्काल उसे हल करा जाए.
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पीयूष मोर्डिया ने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था के साथ त्योहार पर सड़क टूटी होना या फिर साफ-सफाई कराने के काम से जुड़े मामलों को भी आज देखा गया है और तत्काल उन पर कार्यवाही सुनिश्चित कर दी गई है.
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