लखनऊ : बलरामपुर अस्पताल में रोजाना पांच से छह हजार मरीज इलाज के लिये आते हैं. तबादले के बाद भी बलरामपुर अस्पताल में मरीजों के इलाज पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ा है. हमारे अस्पताल के ईएमओ लगातार मरीजों को देखते हैं. रातभर जगकर ड्यूटी करते हैं, इसलिए हम कह सकते हैं कि तबादले के बाद भी अस्पताल में मरीजों के इलाज पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है. मरीजों का इलाज जैसे चल रहा था, वैसे अभी भी चल रहा है. यह बातें ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस जीपी गुप्ता ने कहीं.
उन्होंने बताया कि बलरामपुर अस्पताल में जल्द गंभीर बीमारियों से पीड़ित बच्चों के ऑपरेशन की सुविधा मिलेगी. ऐसे में मरीजों को केजीएमयू, लोहिया व पीजीआई की ओर नहीं जाना पड़ेगा. मौजूदा समय में अस्पताल में नए पीडियाट्रिक सर्जन आए हुए हैं. फिलहाल चार-पांच दिन अस्पताल के काम के तरीके को समझेंगे और उसके बाद से सर्जरी शुरू होगी. ऐसे में बहुत सारे मरीजों के लिए यह फायदेमंद होगा, सभी सुविधाएं उन्हें बलरामपुर जिला अस्पताल में मिल जाएंगी. बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि मंकीपॉक्स को लेकर प्रदेश में अलर्ट जारी है. जिसको देखते हुए बलरामपुर अस्पताल में पूरी तैयारी की जा चुकी है.
डॉक्टरों की टीम ने मीटिंग भी की है. इस मीटिंग में मंकीपॉक्स से संबंधित सभी जानकारी साझा की गई. अगर कोई मरीज संदिग्ध पाया जाता है तो उसे तुरंत ट्रीटमेंट दिया जाएगा. फिलहाल अभी एक भी संदिग्ध मरीज हमारे अस्पताल में नहीं आया है. उन्होंने बताया कि इस समय संचारी रोग से पीड़ित मरीजों की संख्या अस्पताल की ओपीडी में बढ़ गई है. वहीं इमरजेंसी में भी डायरिया से पीड़ित मरीज भर्ती हो रहे हैं. बीते कुछ दिन पहले खदरा क्षेत्र के ज्यादातर लोग डायरिया से पीड़ित हो गए थे, जो कि बलरामपुर अस्पताल में ही भर्ती थे, उन्हें पूरा ट्रीटमेंट दिया गया. बहुत सारे ऐसे मरीज थे जिनकी स्थिति बहुत ज्यादा खराब थी. वहीं बीते दिनों विकासनगर में 100 से अधिक लोग डायरिया की चपेट में हैं, जो हमारे अस्पताल में इलाज के लिए आ रहे हैं. फिलहाल इस समय मरीजों की संख्या बढ़ गई है. इस समय पांच से छह हजार मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं.
हरदोई से इलाज कराने के लिए आए शशांक मिश्रा ने बताया कि पहली बार लखनऊ आए हैं. बलरामपुर अस्पताल में इलाज कराने के लिए मरीज को लेकर पहुंचे तो यहां पर सारी चीजें आसानी से उपलब्ध हो रही हैं. डॉक्टर भी वार्ड में निरीक्षण के लिए आते रहते हैं. ऐसे में कोई खास दिक्कत नहीं हुई. इस दौरान शशांक ने बताया कि यहां के स्टाफ भी काफी अच्छे हैं. अगर मरीज को कोई दिक्कत होती है तो हम उनसे कहते हैं. वह तुरंत मरीज को देखते हैं.
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श्रेया कुमारी ने बताया कि वह बीती रात भदोही से अपनी मां को लेकर अस्पताल आई थीं. इससे पहले भी वह बलरामपुर अस्पताल में इलाज के लिए आ चुकी हैं, हालांकि उन्होंने बातचीत के दौरान बताया कि पहले से ज्यादा अच्छी व्यवस्थाएं इस समय हैं. पहले अस्पताल में इधर से उधर घूमते रह जाते थे, लेकिन इलाज मुहैया नहीं हो पाता था. इस बार जब हम आए तो हमें कोई दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ा. बहुत ही आसानी से अपनी मां को भर्ती कराया है.
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