लखनऊ : रिश्वत लेने के आरोपों को लेकर सीबीआई (Central Beuro of Investigation) द्वारा गिरफ्तार मेसर्स एसआरएससी इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक वेद राम शर्मा व परशुराम शर्मा की जमानत अर्जी को एंटी करप्शन सीबीआई के विशेष न्यायाधीश अजय विक्रम सिंह ने खारिज कर दिया है.
आरोपियों की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सीबीआई (Central Beuro of Investigation) की ओर से कहा गया है कि दोनों आरोपियों को गत 11 सितंबर 2022 को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था. कहा गया कि अभियुक्त अनिल कुमार सिंह द्वारा रीजनल इंजीनियर मेसर्स वायंट्स सल्युशन प्राइवेट लिमिटेड में रहते हुए सह अभियुक्त आनंद मोहन शर्मा से उनके बिलों को पास कराने के लिए 7 सितंबर 2022 को घूस की मांग की गई. कहा गया है कि इस सम्बंध में अभियुक्त आनंद मोहन शर्मा द्वारा आयुक्त वेद राम शर्मा को बताया गया कि उनकी कंपनी के 11.13 करोड़ रुपए के बिल अभियुक्त अनिल कुमार सिंह के पास लम्बित है, जिसके लिए वह अवैध रूप से घूस की मांग कर रहे थे. इस पर वेद राम शर्मा द्वारा घूस देने के लिए अनिल कुमार शर्मा को कहा गया था. आरोप है कि अभियुक्त अनिल कुमार सिंह एवं आनंद मोहन शर्मा को गत 9 सितंबर 2022 को अवैध घूस के रुपयों के लेन-देन के संदर्भ में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किया गया था तथा अनिल कुमार सिंह के घर की अलमारी से 14 लाख रुपए बरामद हुए थे. यह भी कहा गया कि आनंद मोहन शर्मा की व्यक्तिगत तलाशी से एक लाख नकद बरामद किए गए थे जो कि अभियुक्त आनंद मोहन शर्मा द्वारा अनिल कुमार सिंह को कमीशन के रूप में वापस प्राप्त करा दिया गए थे.
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कहा गया है कि अनिल कुमार सिंह के पास मिले 14 लाख के अलावा घर से 57 लाख बरामद हुए तथा आनंद कुमार शर्मा कि व्यक्तिगत जामा तलाशी से मिले एक लाख के अलावा घर की तलाशी से 15 लाख रुपए मिले थे. उल्लेखनीय है कि अभियुक्त वेद राम शर्मा व परशुराम शर्मा की कम्पनी को राष्ट्रीय राजमार्ग 74 की सड़क का निर्माण कार्य आवंटित किया गया था.