लखनऊ : जल निगम में हुए 1342 पदों पर भर्ती घोटाला के मामले में सीतापुर जेल में बंद तत्कालीन कैबिनेट मंत्री आजम खान को गुरूवार को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश मनोज पांडेय की अदालत में पेश किया गया. कोर्ट में आजम खान व मामले के अन्य आरोपियों ने अभियोजन पक्ष पर चार्जशीट की पूरी कॉपी न दिए जाने का आरोप लगाया. इस पर अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 7 जून की तिथि नियत की है.
गुरुवार को मामले की सुनवाई के समय आरोपी आजम खान के अलावा अन्य आरोपी संतोष रस्तोगी, हेमंत कुमार, अजय यादव व गिरीश चंद व्यक्तिगत रूप से उपस्थित थे. अभियुक्तगण जयप्रिया स्वप्निल, भवनेश जैन, आफताब खान, कुलदीप सिंह, कुमार विश्वजीत सिंह, रोमन फर्नांडीस व जितेंद्र दीक्षित की ओर से हाजिरी माफी की अर्जी दी गई.
फर्जी भर्तियों के मामले में मुख्य आरोपी हैं आजम खान : पत्रावली के अनुसार, मामले में पूर्व कैबिनेट मंत्री आज़म खान ही मुख्य आरोपी हैं. उन पर आरोप है कि उन्होंने सपा सरकार में रहते हुए जल निगम में 122 सहायक अभियंता, 853 अवर अभियंता, 335 लिपिक व 32 आशुलिपिकों की भर्तियां नियम विरुद्ध करवाई थीं. इस पर उत्तर प्रदेश शासन ने 13 जुलाई 2017 को विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) द्वारा मामले की जांच कराई थी.
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एसआईटी ने अपनी जांच में आजम खान व अन्य अभियुक्तों के खिलाफ आरोप सही पाए जाने के बाद 25 अप्रैल 2018 को निरीक्षक अटल बिहारी द्वारा आजम खान, तत्कालीन अध्यक्ष उत्तर प्रदेश जल निगम लखनऊ, सैयद आफाक अहमद, तत्कालीन ओएसडी, श्री प्रकाश सिंह, तत्कालीन सचिव नगर विकास उत्तर प्रदेश शासन, प्रेम प्रकाश आशुदानी, तत्कालीन प्रबंध निदेशक उत्तर प्रदेश जल निगम, अनिल कुमार खरे, तत्कालीन मुख्य अभियंता व भर्ती प्रक्रिया में शामिल कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था.
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