लखनऊ: कांग्रेस नेता शाहनवाज आलम ने कहा कि कोरोना से पूरी तरह स्वस्थ न होने के बावजूद, योगी सरकार ने आजम खां को जबरदस्ती डिस्चार्ज कर दिया और उसके बाद सीतापुर जेल भेज दिया गया. उन्होंने कहा कि आजम खां को सांसद होने और मानवीय आधार पर जमानत या पैरोल मिलनी चाहिए थी.
अखिलेश यादव ने योगी सरकार के इस मानवता विरोधी व्यवहार का कोई विरोध नहीं किया. उन्होंने आजम की रिहाई के लिए कोई आंदोलन नहीं किया. इस तरह आजम खां को मौत के मुंह में धकेलने की इस साजिश में अखिलेश यादव भी योगी सरकार के साथ शामिल हैं. अगर आजम खां के साथ कोई अनहोनी होती है तो इतिहास अखिलेश यादव को धोखेबाज और अपराधी के रूप में याद करेगा. शाहनवाज आलम ने कहा कि आजम खां के बजाय मुलायम सिंह यादव और रामगोपाल यादव को भ्रष्टाचार के लिए जेल होनी चाहिए थी लेकिन आजम खां को यादव और संघ परिवार ने मिलकर बलि का बकरा बना दिया और उनको जेल भिजवा दिया.
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शाहनवाज आलम ने आरोप लगाया कि इससे पहले भी आजम खां से जुड़े सवाल पूछने पर, लखनऊ और मुरादाबाद में अखिलेश यादव ने पत्रकारों को पिटवाया था. बकरीद के मौके पर सपा मुख्यालय के बाहर लगे हॉर्डिंग से आजम खां की तस्वीर गायब है, जो साबित करती है कि मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव ने आजम खां को जितना इस्तेमाल करना था, वो कर चुके हैं.