लखनऊ : पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने जेल से निकलने के बाद लखनऊ जेल प्रशासन पर अधिक दामों में समान की बिक्री करने व बंदी कल्याण कोष में घपला करने का आरोप लगाया तो अब जेल प्रशासन ने अमिताभ ठाकुर से अपने 400 रुपये वापस मांग लिए हैं. इसके लिए बाकायदा जेल प्रशासन ने अमिताभ ठाकुर को पत्र लिखकर एक-एक पैसे का हिसाब मांगा है.
लखनऊ जेल के वरिष्ठ अधीक्षक आशीष तिवारी के मुताबिक, अमिताभ ठाकुर को बेल मिलने के बाद जेल से रिहाई के दौरान 25 मार्च को 2700 रुपये दिए गए थे. ये वो रकम थी जो उनके परिजनों ने जेल में जमा कराई थी. बाद में ऑडिट के दौरान विभाग को पता चला कि अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर द्वारा जमा किए गई धनराशि में सिर्फ 2300 रुपये ही बचे थे. उनके मुताबिक, अमिताभ ठाकुर को गलती से 400 रुपये अधिक भुगतान कर दिया गया है. इसलिए अमिताभ ठाकुर से ये धनराशि वापस मांगी गई है. यही नहीं, आशीष तिवारी ने कहा कि अमिताभ ठाकुर को विभाग द्वारा गलती से अधिक भुगतान होने के बाद भी उन्होंने जेल प्रशासन को सूचित नहीं किया. यह उनकी कथित सत्य निष्ठा पर सवाल उठाता है.
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दरअसल, इससे पहले 'जबरन रिटायर' हुए अमिताभ ठाकुर ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि लखनऊ जेल में सुविधा के नाम पर दैनिक उपयोग की तमाम वस्तुएं जैसे सब्जियां, दुग्ध उत्पाद, बीड़ी आदि की बिक्री होती है. उन्होंने कहा कि वहां हर सामान अपने वास्तविक मूल्य से काफी बढ़े मूल्य पर बेचा जा रहा है.
उदाहरण के लिए 5 रुपये के बिस्कुट के 2 पैकेट, 10 रुपये का साबुन, 10 रुपये का टूथपेस्ट का छोटा पैक 15 से 20 रुपये में बेचा जा रहा है. इसी तरह एक रुपये का माचिस का पैकेट 5 रुपये और पराग का आधा लीटर का फुल क्रीम मिल्क 29 रुपये की जगह 40 रुपये में बेचा जा रहा है. इसी तरह हर सामान बढ़े दाम पर बेचा जा रहा है. उन्होंने कहा कि उनके पास इस संबंध में सबूत भी हैं. जेल मुख्यालय अमिताभ ठाकुर की शिकायत का स्वतः संज्ञान लेकर जांच कर रहा है.
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