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ग्रीन कॉरिडोर की राह में आ रहे पुरातात्विक निर्माण, बदलेगा एलाइनमेंट

लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने शुक्रवार को ग्रीन कॉरिडोर के भाग-2 के कार्य के संबंध में बैठक की. एके सिंह सेंगर ने बताया कि ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट के कार्यों को चार भागों में बांटा गया है.

निरीक्षण करते अधिकारी
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Published : May 13, 2022, 4:29 PM IST

लखनऊ: लखनऊ ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट की राह में कुछ जगहों पर पुरातत्विक निर्माण आड़े आ रहे हैं. इसलिए लखनऊ को एक कोने से दूसरे कोने तक जोड़ने वाले इस प्रोजेक्ट का लेआउट बदला जाएगा. एलडीए की ओर से यह निर्णय गुरुवार को लिया गया.

लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने शुक्रवार को ग्रीन कॉरिडोर के भाग-2 के कार्य के संबंध में बैठक की. इसमें सचिव पवन कुमार गंगवार, मुख्य अभियंता इंदु शेखर और अधिशासी अभियंता संजीव गुप्ता समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे. लखनऊ ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन यूनिट के सदस्य ए.के सिंह सेंगर ने बताया कि ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट के कार्यों को चार भागों में बांटा गया है. इसके भाग-2 के अंतर्गत पक्का पुल से पिपरा घाट तक का कार्य होना है.

इस भाग में कुछ जगहों पर पुरातत्व विभाग के स्ट्रक्चर आ रहे हैं. इसके चलते कॉरिडोर के एलाइनमेंट में कुछ परिवर्तन किया जाना है. शुक्रवार को बैठक में इसी विषय पर चर्चा की गई. इसके बाद उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने भाग-2 के एलाइनमेंट में आ रही कठिनाइयों के निराकरण के लिए 1090 चौराहा से लेकर आसपास के रूट का स्थलीय निरीक्षण किया. इस दौरान उपाध्यक्ष ने एलाइनमेंट को लेकर अलग-अलग विकल्पों को देखा और इस पर चर्चा की. उन्होंने अधिकारियों को दोबारा से पूरे रूट का सर्वे करके एलाइनमेंट के बेहतर विकल्प तलाशने के निर्देश दिए.

तीन माह में पूरा करें प्रधानमंत्री आवासों का काम : अक्षय त्रिपाठी

लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री आवासों के आंतरिक विकास कार्यों के संबंध में समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों और ठेकेदारों को तीन महीने में प्रधानमंत्री आवासों का कार्य पूरा करने के निर्देश दिए. उपाध्यक्ष ने बताया कि योजना के अंतर्गत जलापूर्ति के लिए सेक्टर-एन में एक हजार किलो ली. का ओवरहेड टैंक (शिरोपरि जलाशय) बनाया जाएगा. इसके निर्माण के लिए प्राधिकरण ने निविदा आमंत्रित की है.

अधिशासी अभियंता प्रताप शंकर मिश्र ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बसंतकुंज में कुल 2256 आवास बनाए जा रहे हैं. भवनों का निर्माण चार एजेंसियों मेसर्स प्रताप हाइट्स, मेसर्स एशिया कंस्ट्रक्शन, मेसर्स सत्या कंस्ट्रक्शन और मेसर्स शिवम लाइट हाउस द्वारा कराया जा रहा है. इन भवनों के आंतरिक विकास कार्यों के संबंध में समीक्षा बैठक की गई हैं. इसमें उन्हें यह अवगत कराया गया कि आंतरिक विकास कार्य के अंतर्गत पैकेज-ए का कार्य मेसर्स एसवीएस कंस्ट्रक्शन, पैकेज-बी का कार्य मेसर्स एकेएस बिल्डर्स और पैकेज-सी का कार्य मेसर्स अंशुल कंस्ट्रक्शन द्वारा कराया जा रहा है.

ये भी पढ़ें : ज्ञानवापी मामला: कमीशन की कार्रवाई से पहले दोनों पक्षकारों के साथ जिला प्रशासन की बैठक

बैठक के दौरान इन सभी फर्मों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे. उपाध्यक्ष ने ठेकेदारों को 31 जुलाई तक समस्त कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा आंतरिक सीवर का कार्य मेसर्स कटियार इंटरप्राइजेज तथा आंतरिक वाॅटर लाइन का कार्य मेसर्स शौर्य कंस्ट्रक्शन द्वारा किया जाना प्रस्तावित है. इन्हें भी 31 जुलाई तक काम पूरा करने के निर्देश दिए गए.

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लखनऊ: लखनऊ ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट की राह में कुछ जगहों पर पुरातत्विक निर्माण आड़े आ रहे हैं. इसलिए लखनऊ को एक कोने से दूसरे कोने तक जोड़ने वाले इस प्रोजेक्ट का लेआउट बदला जाएगा. एलडीए की ओर से यह निर्णय गुरुवार को लिया गया.

लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने शुक्रवार को ग्रीन कॉरिडोर के भाग-2 के कार्य के संबंध में बैठक की. इसमें सचिव पवन कुमार गंगवार, मुख्य अभियंता इंदु शेखर और अधिशासी अभियंता संजीव गुप्ता समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे. लखनऊ ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन यूनिट के सदस्य ए.के सिंह सेंगर ने बताया कि ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट के कार्यों को चार भागों में बांटा गया है. इसके भाग-2 के अंतर्गत पक्का पुल से पिपरा घाट तक का कार्य होना है.

इस भाग में कुछ जगहों पर पुरातत्व विभाग के स्ट्रक्चर आ रहे हैं. इसके चलते कॉरिडोर के एलाइनमेंट में कुछ परिवर्तन किया जाना है. शुक्रवार को बैठक में इसी विषय पर चर्चा की गई. इसके बाद उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने भाग-2 के एलाइनमेंट में आ रही कठिनाइयों के निराकरण के लिए 1090 चौराहा से लेकर आसपास के रूट का स्थलीय निरीक्षण किया. इस दौरान उपाध्यक्ष ने एलाइनमेंट को लेकर अलग-अलग विकल्पों को देखा और इस पर चर्चा की. उन्होंने अधिकारियों को दोबारा से पूरे रूट का सर्वे करके एलाइनमेंट के बेहतर विकल्प तलाशने के निर्देश दिए.

तीन माह में पूरा करें प्रधानमंत्री आवासों का काम : अक्षय त्रिपाठी

लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री आवासों के आंतरिक विकास कार्यों के संबंध में समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों और ठेकेदारों को तीन महीने में प्रधानमंत्री आवासों का कार्य पूरा करने के निर्देश दिए. उपाध्यक्ष ने बताया कि योजना के अंतर्गत जलापूर्ति के लिए सेक्टर-एन में एक हजार किलो ली. का ओवरहेड टैंक (शिरोपरि जलाशय) बनाया जाएगा. इसके निर्माण के लिए प्राधिकरण ने निविदा आमंत्रित की है.

अधिशासी अभियंता प्रताप शंकर मिश्र ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बसंतकुंज में कुल 2256 आवास बनाए जा रहे हैं. भवनों का निर्माण चार एजेंसियों मेसर्स प्रताप हाइट्स, मेसर्स एशिया कंस्ट्रक्शन, मेसर्स सत्या कंस्ट्रक्शन और मेसर्स शिवम लाइट हाउस द्वारा कराया जा रहा है. इन भवनों के आंतरिक विकास कार्यों के संबंध में समीक्षा बैठक की गई हैं. इसमें उन्हें यह अवगत कराया गया कि आंतरिक विकास कार्य के अंतर्गत पैकेज-ए का कार्य मेसर्स एसवीएस कंस्ट्रक्शन, पैकेज-बी का कार्य मेसर्स एकेएस बिल्डर्स और पैकेज-सी का कार्य मेसर्स अंशुल कंस्ट्रक्शन द्वारा कराया जा रहा है.

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बैठक के दौरान इन सभी फर्मों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे. उपाध्यक्ष ने ठेकेदारों को 31 जुलाई तक समस्त कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा आंतरिक सीवर का कार्य मेसर्स कटियार इंटरप्राइजेज तथा आंतरिक वाॅटर लाइन का कार्य मेसर्स शौर्य कंस्ट्रक्शन द्वारा किया जाना प्रस्तावित है. इन्हें भी 31 जुलाई तक काम पूरा करने के निर्देश दिए गए.

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