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लखनऊ नगर निगम सदन में कर्मचारियों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप, देखिए कैसे भिड़े कांग्रेस और भाजपा के पार्षद

सोमवार को लखनऊ नगर निगम सदन की बैठक में जमकर हंगामा हुआ. सदन की बैठक में पार्षदों ने कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये. वहीं इस दौरान कांग्रेस और भाजपा के पार्षदों में जमकर बहस हुई.

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कांग्रेस और भाजपा के पार्षद भिड़े
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Published : Jun 13, 2022, 6:00 PM IST

Updated : Jun 13, 2022, 9:14 PM IST

लखनऊ: लखनऊ नगर निगम सदन की बैठक सोमवार को हंगामे के साथ शुरू हुई. पार्षदों ने कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया. कांग्रेस पार्षदों ने शहर में सामान्य जन सुविधाएं उपलब्ध न कराये जाने जैसे प्रकरण को उठाया तो भाजपा पार्षद दिलीप श्रीवास्तव ने इंदिरानगर के भूतनाथ मार्केट के पटरी दुकानदारों को हटाए जाने पर अधिकारियों को घेरा.

वहीं कांग्रेस के पार्षदों ने इस पर चुटकी भी ली. उन्होंने कहा कि बाबा का बुलडोजर है. इस दौरान कांग्रेस और भाजपा के पार्षदों के बीच जमकर बहस हुई. दोपहर 1:30 बजे तक जनता के हित के कई अहम फैसलों पर मुहर लगाई गई. इस दौरान सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा भी नगर निगम के सदन में पहुंचे.

यह प्रस्ताव पास: महापौर संयुक्ता भाटिया ने जनता को बड़ा तोहफा दिया. उनकी तरफ से हाउस टैक्स में (आवासीय और कमर्शियल में) ओटीएस योजना लागू करने का प्रस्ताव लाया गया. इसके माध्यम से महापौर ने जनता और व्यापारियों का सारा ब्याज माफ करने का प्रस्ताव रखा. महापौर के इस प्रस्ताव का पार्षदों ने स्वागत किया. साथ ही पार्षदों ने योजना का नाम "महापौर एक मुश्त समाधान योजना" करने को कहा. जल्द ही नगर निगम इस पर आदेश जारी करेगा.

एक अनुमान के मुताबिक, लखनऊ के करीब 277090 आवासी भवन और 39500 कमर्शियल भवनों पर गृहकर बकाया है. इनका कुल बकाया 382.8 करोड़ रुपए है. वहीं कुल ब्याज 279.15 करोड़ रुपए है. अगर नगर निगम इस बार ओटीएस को प्रभावी ढंग से लागू कराने में सफल होता है तो आय की स्थिति में बेहतर सुधार देखने को मिलेगा.

यह प्रस्ताव हुआ खारिज : सदन में नगर निगम की आय बढ़ाने के लिए घरों के बाहर सड़क अथवा सड़क के किनारे खड़े होने वाले वाहनों पर भी पार्किंग शुल्क लगाने का प्रस्ताव रखा गया. हालांकि इसे सर्व सम्मति से खारिज कर दिया गया.

यह बजट के खास बिंदु : हाउस टैक्स समेत किसी कर में नगर निगम वृद्धि नहीं करेगा. वहीं नगर निगम की सीमा में शामिल 88 गांवों को 44 करोड़ खर्च कर कायाकल्प करने का प्रावधान है. इसी के साथ महापौर 16 करोड़ रुपये से विकास भी करा सकेंगी. वहीं पार्षद अपने वार्ड में 1.25 करोड़ से सड़क निर्माण, पेयजल, पार्क सुंदरीकरण और स्ट्रीट लाइट के काम करा सकेंगे. साथ ही पार्किंग के ठेके से होने वाली आय को दस करोड़ से बढ़ाकर 25 करोड़ किया गया है.

ये भी पढ़ें : कांग्रेसियों और पुलिस में हाथापाई, आराधना मिश्रा और नसीमुद्दीन सिद्दीकी समेत यूपी कांग्रेस के कई बड़े नेता हाउस अरेस्ट

इन पर खर्च को मंजूरी

चारबाग पुरानी चुंगी में महिला बाजार का निर्माण
लक्ष्मण प्रेरणा स्थल के निर्माण पर 15 करोड़
अनुसुईया रसोई के लिए एक करोड़
देवीय आपदा के लिए चार करोड़
अलाव के लिये एक करोड़
अस्थाई रैन बसेरे के लिये 50 लाख रुपये
नए कल्याण मंडपों का निर्माण दस लाख में
वेंडिंग जोन में नागरिक सुविधाओं पर दस लाख

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लखनऊ: लखनऊ नगर निगम सदन की बैठक सोमवार को हंगामे के साथ शुरू हुई. पार्षदों ने कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया. कांग्रेस पार्षदों ने शहर में सामान्य जन सुविधाएं उपलब्ध न कराये जाने जैसे प्रकरण को उठाया तो भाजपा पार्षद दिलीप श्रीवास्तव ने इंदिरानगर के भूतनाथ मार्केट के पटरी दुकानदारों को हटाए जाने पर अधिकारियों को घेरा.

वहीं कांग्रेस के पार्षदों ने इस पर चुटकी भी ली. उन्होंने कहा कि बाबा का बुलडोजर है. इस दौरान कांग्रेस और भाजपा के पार्षदों के बीच जमकर बहस हुई. दोपहर 1:30 बजे तक जनता के हित के कई अहम फैसलों पर मुहर लगाई गई. इस दौरान सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा भी नगर निगम के सदन में पहुंचे.

यह प्रस्ताव पास: महापौर संयुक्ता भाटिया ने जनता को बड़ा तोहफा दिया. उनकी तरफ से हाउस टैक्स में (आवासीय और कमर्शियल में) ओटीएस योजना लागू करने का प्रस्ताव लाया गया. इसके माध्यम से महापौर ने जनता और व्यापारियों का सारा ब्याज माफ करने का प्रस्ताव रखा. महापौर के इस प्रस्ताव का पार्षदों ने स्वागत किया. साथ ही पार्षदों ने योजना का नाम "महापौर एक मुश्त समाधान योजना" करने को कहा. जल्द ही नगर निगम इस पर आदेश जारी करेगा.

एक अनुमान के मुताबिक, लखनऊ के करीब 277090 आवासी भवन और 39500 कमर्शियल भवनों पर गृहकर बकाया है. इनका कुल बकाया 382.8 करोड़ रुपए है. वहीं कुल ब्याज 279.15 करोड़ रुपए है. अगर नगर निगम इस बार ओटीएस को प्रभावी ढंग से लागू कराने में सफल होता है तो आय की स्थिति में बेहतर सुधार देखने को मिलेगा.

यह प्रस्ताव हुआ खारिज : सदन में नगर निगम की आय बढ़ाने के लिए घरों के बाहर सड़क अथवा सड़क के किनारे खड़े होने वाले वाहनों पर भी पार्किंग शुल्क लगाने का प्रस्ताव रखा गया. हालांकि इसे सर्व सम्मति से खारिज कर दिया गया.

यह बजट के खास बिंदु : हाउस टैक्स समेत किसी कर में नगर निगम वृद्धि नहीं करेगा. वहीं नगर निगम की सीमा में शामिल 88 गांवों को 44 करोड़ खर्च कर कायाकल्प करने का प्रावधान है. इसी के साथ महापौर 16 करोड़ रुपये से विकास भी करा सकेंगी. वहीं पार्षद अपने वार्ड में 1.25 करोड़ से सड़क निर्माण, पेयजल, पार्क सुंदरीकरण और स्ट्रीट लाइट के काम करा सकेंगे. साथ ही पार्किंग के ठेके से होने वाली आय को दस करोड़ से बढ़ाकर 25 करोड़ किया गया है.

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इन पर खर्च को मंजूरी

चारबाग पुरानी चुंगी में महिला बाजार का निर्माण
लक्ष्मण प्रेरणा स्थल के निर्माण पर 15 करोड़
अनुसुईया रसोई के लिए एक करोड़
देवीय आपदा के लिए चार करोड़
अलाव के लिये एक करोड़
अस्थाई रैन बसेरे के लिये 50 लाख रुपये
नए कल्याण मंडपों का निर्माण दस लाख में
वेंडिंग जोन में नागरिक सुविधाओं पर दस लाख

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Last Updated : Jun 13, 2022, 9:14 PM IST
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