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जेएनयू विवाद पर बोले अखिलेश: पॉलिटिकल एजेंडे के तहत बनाया जा रहा है माहौल

सपा मुखिया ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी लोकतंत्र को बर्बाद करना चाहती है. शिक्षा संस्थाओं को बर्बाद करना चाहती है. हमारी मांग है कि जो लोग भी ऐसा कार्य कर रहे हैं, सरकार जानती है. पुलिस जानती है. उन पर कार्रवाई हो.

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अखिलेश यादव.
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Published : Jan 6, 2020, 4:33 PM IST

लखनऊ: दिल्ली के जेएनयू (जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी) में दो गुटों के बीच हुए विवाद पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. साफ तौर पर अखिलेश ने कहा कि जेएनयू में अब तक एबीवीपी का दखल नहीं हो पाया है, इसीलिए यहां पर भी पॉलिटिक्स हो रही है. यह बीजेपी का पॉलिटिकल एजेंडा है.

जेएनयू विवाद पर बोले अखिलेश.

राजस्थान में बच्चों की मौत को बीआरडी से जोड़ा

वहीं राजस्थान में बच्चों की मौत पर अशोक गहलोत सरकार को घेर रही योगी सरकार को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने घेरना शुरू कर दिया है. सपा मुखिया ने पार्टी मुख्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर पूर्व में गोरखपुर बीआरडी हॉस्पिटल में बच्चों की मौत पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमला बोला है. उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जेएनयू विवाद और बीआरडी हॉस्पिटल पर केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार पर निशाना साधा.

'शिक्षा संस्थाओं को बर्बाद करना चाहती है बीजेपी'
सपा मुखिया ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी लोकतंत्र को बर्बाद करना चाहती है. शिक्षा संस्थाओं को बर्बाद करना चाहती है. उन्होंने कहा हमारी मांग है कि जो लोग भी ऐसा कार्य कर रहे हैं, सरकार की जानकारी में है. सरकार जानती है, पुलिस जानती है, उन पर कार्रवाई हो. कम से कम देश जाने कि इतनी बड़ी यूनिवर्सिटी में इतना बड़ा हमला हुआ है. आखिर इसके पीछे षड्यंत्र किसका है? सवाल यह भी है कि इसी यूनिवर्सिटी में पढ़े हुए आज सरकार में मंत्री भी बने बैठे हैं तो इसका खुलासा होना बहुत जरूरी है.

उन्होंने कहा भारतीय जनता पार्टी कभी सत्य नहीं बोलती. वह जनता को भड़काना चाहती है. भारतीय जनता पार्टी झूठी पार्टी है. दंगे से किसको लाभ मिलता है. यह सभी जानते हैं. दंगों के लिए अगर कोई जिम्मेदार है तो बीजेपी की सरकार है. मैं आज भी कह रहा हूं, जितने लोगों की जान गई है. पुलिस की गोली से गई है. सरकार चाहती तो इस आंदोलन में किसी की जान नहीं जाती.

'मुखौटा वालों को पहचानती है सरकार'
सपा मुखिया ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में जो हुआ वह देश और दुनिया ने देखा. किस तरह से लोग मुखौटा पहनकर आए और बुरी तरह से वहां की अध्यक्ष और प्रोफेसर्स को पीटा. योगेंद्र यादव के साथ धक्का-मुक्की हुई, यह बहुत गलत हो रहा है. इतना ही नहीं अखिलेश यादव ने प्रोजेक्टर पर बनारस में समाजवादी छात्रसभा और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों के बीच हुई मारपीट का वीडियो भी दिखाया. उन्होंने कहा कि जेएनयू में जो कुछ भी हुआ वह प्रायोजित हुआ है. उनके हाथ में डंडे और पत्थर थे. पुलिस भी उनके साथ थी.

'दिल्ली पुलिस पर उठाये सवाल'

उन्होंने कहा कि मुझे लगता है पुलिस इंतजार कर रही थी कि अंदर से सूचना आएगी और हम अंदर जाएंगे. पुलिस ने जेएनयू, एएमयू और जामिया में इसी तरह का व्यवहार रखा था. जेएनयू में अभी तक एबीवीपी जीत नहीं पाई है और यही पॉलीटिकल एजेंडा है कि कैसे यहां पर एबीवीपी का दखल हो सके. इसमें पॉलिटिक्स हो रही है. वहां पर ताकतवर वाइस चांसलर बैठे हैं. उनके सामने सचिव क्या हैं. दो-दो सचिवों को निकाल कर बाहर कर दिया गया. अखिलेश यादव ने कहा बीजेपी सरकार किसान, बेरोजगारी, अर्थव्यस्था और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए दंगे फसाद को बढ़ावा दे रही है.

'सरकार का दिल बहुत छोटा है'
अखिलेश यादव ने वर्तमान सरकार पर चुटकी लेते हुए कहा कि सरकार का दिल बहुत छोटा है. मुझे और नेता जी को भी घर से बाहर इसी सरकार ने निकाल दिया था. हमें किराए के घर पर रहना पड़ा था. हमारी सिक्युरिटी छीन ली थी. मैं तो इस सरकार से बहुत डरता हूं, पता नहीं कब पुलिस को वेश बदलकर हमारे घर में भेज दे, मुझे बहुत डर लगता है.

लखनऊ: दिल्ली के जेएनयू (जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी) में दो गुटों के बीच हुए विवाद पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. साफ तौर पर अखिलेश ने कहा कि जेएनयू में अब तक एबीवीपी का दखल नहीं हो पाया है, इसीलिए यहां पर भी पॉलिटिक्स हो रही है. यह बीजेपी का पॉलिटिकल एजेंडा है.

जेएनयू विवाद पर बोले अखिलेश.

राजस्थान में बच्चों की मौत को बीआरडी से जोड़ा

वहीं राजस्थान में बच्चों की मौत पर अशोक गहलोत सरकार को घेर रही योगी सरकार को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने घेरना शुरू कर दिया है. सपा मुखिया ने पार्टी मुख्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर पूर्व में गोरखपुर बीआरडी हॉस्पिटल में बच्चों की मौत पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमला बोला है. उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जेएनयू विवाद और बीआरडी हॉस्पिटल पर केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार पर निशाना साधा.

'शिक्षा संस्थाओं को बर्बाद करना चाहती है बीजेपी'
सपा मुखिया ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी लोकतंत्र को बर्बाद करना चाहती है. शिक्षा संस्थाओं को बर्बाद करना चाहती है. उन्होंने कहा हमारी मांग है कि जो लोग भी ऐसा कार्य कर रहे हैं, सरकार की जानकारी में है. सरकार जानती है, पुलिस जानती है, उन पर कार्रवाई हो. कम से कम देश जाने कि इतनी बड़ी यूनिवर्सिटी में इतना बड़ा हमला हुआ है. आखिर इसके पीछे षड्यंत्र किसका है? सवाल यह भी है कि इसी यूनिवर्सिटी में पढ़े हुए आज सरकार में मंत्री भी बने बैठे हैं तो इसका खुलासा होना बहुत जरूरी है.

उन्होंने कहा भारतीय जनता पार्टी कभी सत्य नहीं बोलती. वह जनता को भड़काना चाहती है. भारतीय जनता पार्टी झूठी पार्टी है. दंगे से किसको लाभ मिलता है. यह सभी जानते हैं. दंगों के लिए अगर कोई जिम्मेदार है तो बीजेपी की सरकार है. मैं आज भी कह रहा हूं, जितने लोगों की जान गई है. पुलिस की गोली से गई है. सरकार चाहती तो इस आंदोलन में किसी की जान नहीं जाती.

'मुखौटा वालों को पहचानती है सरकार'
सपा मुखिया ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में जो हुआ वह देश और दुनिया ने देखा. किस तरह से लोग मुखौटा पहनकर आए और बुरी तरह से वहां की अध्यक्ष और प्रोफेसर्स को पीटा. योगेंद्र यादव के साथ धक्का-मुक्की हुई, यह बहुत गलत हो रहा है. इतना ही नहीं अखिलेश यादव ने प्रोजेक्टर पर बनारस में समाजवादी छात्रसभा और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों के बीच हुई मारपीट का वीडियो भी दिखाया. उन्होंने कहा कि जेएनयू में जो कुछ भी हुआ वह प्रायोजित हुआ है. उनके हाथ में डंडे और पत्थर थे. पुलिस भी उनके साथ थी.

'दिल्ली पुलिस पर उठाये सवाल'

उन्होंने कहा कि मुझे लगता है पुलिस इंतजार कर रही थी कि अंदर से सूचना आएगी और हम अंदर जाएंगे. पुलिस ने जेएनयू, एएमयू और जामिया में इसी तरह का व्यवहार रखा था. जेएनयू में अभी तक एबीवीपी जीत नहीं पाई है और यही पॉलीटिकल एजेंडा है कि कैसे यहां पर एबीवीपी का दखल हो सके. इसमें पॉलिटिक्स हो रही है. वहां पर ताकतवर वाइस चांसलर बैठे हैं. उनके सामने सचिव क्या हैं. दो-दो सचिवों को निकाल कर बाहर कर दिया गया. अखिलेश यादव ने कहा बीजेपी सरकार किसान, बेरोजगारी, अर्थव्यस्था और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए दंगे फसाद को बढ़ावा दे रही है.

'सरकार का दिल बहुत छोटा है'
अखिलेश यादव ने वर्तमान सरकार पर चुटकी लेते हुए कहा कि सरकार का दिल बहुत छोटा है. मुझे और नेता जी को भी घर से बाहर इसी सरकार ने निकाल दिया था. हमें किराए के घर पर रहना पड़ा था. हमारी सिक्युरिटी छीन ली थी. मैं तो इस सरकार से बहुत डरता हूं, पता नहीं कब पुलिस को वेश बदलकर हमारे घर में भेज दे, मुझे बहुत डर लगता है.

Intro:note: फीड लाइव से गई है।

जेएनयू विवाद पर बोले अखिलेश: पॉलिटिकल एजेंडे के तहत बनाया जा रहा है माहौल


लखनऊ। दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में दो गुटों के बीच हुए विवाद पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। साफ तौर पर अखिलेश ने कहा कि जेएनयू में अब तक एबीवीपी का दखल नहीं हो पाया है इसीलिए यहां पर भी पॉलिटिक्स हो रही है। यह बीजेपी का पॉलिटिकल एजेंडा है। राजस्थान में बच्चों की मौत पर अशोक गहलोत सरकार को घेर रही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने घेरना शुरू कर दिया है। सपा मुखिया ने पार्टी मुख्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर पूर्व में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर बीआरडी हॉस्पिटल में बच्चों की मौत पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमला बोला है। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जेएनयू विवाद और बीआरडी हॉस्पिटल पर केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार पर निशाना साधा।


Body:सपा मुखिया ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी लोकतंत्र को बर्बाद करना चाहती हैं। संस्थाओं को बर्बाद करना चाहती है। हमारी मांग है कि जो लोग भी ऐसा कार्य कर रहे हैं सरकार की जानकारी में है। सरकार जानती है, पुलिस जानती है, उन पर कार्रवाई हो। कम से कम देश जाने कि इतनी बड़ी यूनिवर्सिटी में इतना बड़ा हमला हुआ है आखिर इसके पीछे षड्यंत्र किसका है? सवाल यह भी है कि इसी यूनिवर्सिटी में पढ़े हुए आज सरकार में मंत्री भी बने बैठे हैं तो इसका खुलासा होना बहुत जरूरी है। भारतीय जनता पार्टी कभी सत्य नहीं बोलती। जनता को भड़काना चाहती है। भारतीय जनता पार्टी झूठी पार्टी है। दंगे से किसको लाभ मिलता है, यह सभी जानते हैं। दंगों के लिए अगर कोई जिम्मेदार है तो बीजेपी की सरकार है। मैं आज भी कह रहा हूं जितने लोगों की जान गई है पुलिस की गोली से गई है। सरकार चाहती तो इस आंदोलन में किसी की जान नहीं जाती।
सपा मुखिया ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में जो हुआ वह देश और दुनिया ने देखा। किस तरह से लोग मुखौटा पहनकर आए। बुरी तरह से वहां की अध्यक्ष और प्रोफेसर्स को पीटा। योगेंद्र यादव के साथ धक्का-मुक्की हुई। यह बहुत गलत हो रहा है। अखिलेश यादव ने प्रोजेक्टर पर बनारस में समाजवादी छात्रसभा और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों के बीच हुई मारपीट का वीडियो भी दिखाया। उन्होंने कहा कि जेएनयू में जो कुछ भी हुआ वह प्लांड वे में हुआ है। उनके हाथ में डंडे और पत्थर थे। पुलिस भी उनके साथ थी। मुझे लगता है पुलिस इंतजार कर रही थी। प्रतीक्षा कर रही थी कि अंदर से सूचना आएगी और हम अंदर जाएंगे। पुलिस ने जेएनयू, एएमयू और जामिया में इसी तरह का व्यवहार रखा था। जेएनयू में अभी तक एबीवीपी जीत नहीं पाई है और यही पॉलीटिकल एजेंडा है कि कैसे यहां पर एबीवीपी का दखल हो सके। इसमें पॉलिटिक्स हो रही है। वहां पर ताकतवर वाइस चांसलर बैठे हैं। उनके सामने सचिव क्या हैं। दो-दो सचिवों को निकाल कर बाहर कर दिया गया।


Conclusion:सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जनवरी से अक्टूबर 2019 तक प्रदेश के बीआरडी में बच्चों की मौत की सूची पेश की। उन्होंने कहा कि जब अगस्त 2017 में बीआरडी में 100 से अधिक बच्चों की मौत हो गई थी। हम कई परिवारों से मिले थे और सभी के लिए सरकार से मदद करने की मांग की थी, लेकिन सरकार ने कोई मदद नहीं की थी। गलती भी स्वीकार नहीं की थी। समाजवादी पार्टी ने ही उन परिवारों की मदद की थी। भाजपा में बच्चों की मौत के आंकड़े कम किए थे। उस समय के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था कि अगस्त माह में तो बच्चे मरते ही हैं। दिमागी बुखार से बच्चे मरते हैं। इस बयान पर बहस छिड़ गई थी। मुख्यमंत्री ने परिजनों को सांत्वना देने के बजाय कहा था कि जो लोग बच्चे पैदा करते हैं वे लोग अपनी देखभाल खुद करें। इसलिए भाजपा सरकार में मरने वाले बच्चों की संख्या कम करने के लिए घ्रणित साजिश रची गई। जनवरी 2019 से लेकर अक्टूबर 2019 तक के आंकड़े बताते हैं कि बीआरडी में 1500 से ज्यादा संख्या बच्चों की थी जो दिमागी बुखार से पीड़ित थी। सरकार ने 500 से भी कम संख्या दिखाई थी। मेरी मांग है कि सिटिंग जज से इस पूरे मामले की जांच हो कि बच्चों का इलाज क्या सही हो रहा है या नहीं। सिटिंग जज हाईकोर्ट के हों या फिर सुप्रीम कोर्ट के। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वर्तमान सरकार से सवाल किया कि क्या सिर्फ नाम ही बदलते रहेंगे या कोई मेडिकल कॉलेज भी खोलेंगे। हमने तो प्रदेश में अपनी सरकार में कई अस्पताल दिए, लेकिन यह सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के लिए कुछ भी नहीं कर रही है। अखिलेश ने कहा कि हम जनवरी से अक्टूबर 2019 तक के 1800 बच्चों की सूची पेश कर रहे हैं। इसमें से कम से कम 1000 से ज्यादा बच्चों की मौत हुई है।

अखिलेश ने ली सरकार पर चुस्की, कहा सरकार का दिल बहुत छोटा है

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वर्तमान सरकार पर चुटकी लेते हुए कहा कि सरकार का दिल बहुत छोटा है। मुझे और नेता जी को भी घर से बाहर इसी सरकार ने निकाल दिया था। हमें किराए के घर पर रहना पड़ा था। हमारी सिक्योरिटी छीन ली थी। मैं तो इस सरकार से बहुत डरता हूं पता नहीं कब पुलिस को वेश बदलकर हमारे घर में भेज दे। मुझे बहुत डर लगता है।

अखिल पांडेय, लखनऊ, 9336864096

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