लखनऊ: दिल्ली के जेएनयू (जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी) में दो गुटों के बीच हुए विवाद पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. साफ तौर पर अखिलेश ने कहा कि जेएनयू में अब तक एबीवीपी का दखल नहीं हो पाया है, इसीलिए यहां पर भी पॉलिटिक्स हो रही है. यह बीजेपी का पॉलिटिकल एजेंडा है.
राजस्थान में बच्चों की मौत को बीआरडी से जोड़ा
वहीं राजस्थान में बच्चों की मौत पर अशोक गहलोत सरकार को घेर रही योगी सरकार को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने घेरना शुरू कर दिया है. सपा मुखिया ने पार्टी मुख्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर पूर्व में गोरखपुर बीआरडी हॉस्पिटल में बच्चों की मौत पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमला बोला है. उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जेएनयू विवाद और बीआरडी हॉस्पिटल पर केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार पर निशाना साधा.
'शिक्षा संस्थाओं को बर्बाद करना चाहती है बीजेपी'
सपा मुखिया ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी लोकतंत्र को बर्बाद करना चाहती है. शिक्षा संस्थाओं को बर्बाद करना चाहती है. उन्होंने कहा हमारी मांग है कि जो लोग भी ऐसा कार्य कर रहे हैं, सरकार की जानकारी में है. सरकार जानती है, पुलिस जानती है, उन पर कार्रवाई हो. कम से कम देश जाने कि इतनी बड़ी यूनिवर्सिटी में इतना बड़ा हमला हुआ है. आखिर इसके पीछे षड्यंत्र किसका है? सवाल यह भी है कि इसी यूनिवर्सिटी में पढ़े हुए आज सरकार में मंत्री भी बने बैठे हैं तो इसका खुलासा होना बहुत जरूरी है.
उन्होंने कहा भारतीय जनता पार्टी कभी सत्य नहीं बोलती. वह जनता को भड़काना चाहती है. भारतीय जनता पार्टी झूठी पार्टी है. दंगे से किसको लाभ मिलता है. यह सभी जानते हैं. दंगों के लिए अगर कोई जिम्मेदार है तो बीजेपी की सरकार है. मैं आज भी कह रहा हूं, जितने लोगों की जान गई है. पुलिस की गोली से गई है. सरकार चाहती तो इस आंदोलन में किसी की जान नहीं जाती.
'मुखौटा वालों को पहचानती है सरकार'
सपा मुखिया ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में जो हुआ वह देश और दुनिया ने देखा. किस तरह से लोग मुखौटा पहनकर आए और बुरी तरह से वहां की अध्यक्ष और प्रोफेसर्स को पीटा. योगेंद्र यादव के साथ धक्का-मुक्की हुई, यह बहुत गलत हो रहा है. इतना ही नहीं अखिलेश यादव ने प्रोजेक्टर पर बनारस में समाजवादी छात्रसभा और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों के बीच हुई मारपीट का वीडियो भी दिखाया. उन्होंने कहा कि जेएनयू में जो कुछ भी हुआ वह प्रायोजित हुआ है. उनके हाथ में डंडे और पत्थर थे. पुलिस भी उनके साथ थी.
'दिल्ली पुलिस पर उठाये सवाल'
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है पुलिस इंतजार कर रही थी कि अंदर से सूचना आएगी और हम अंदर जाएंगे. पुलिस ने जेएनयू, एएमयू और जामिया में इसी तरह का व्यवहार रखा था. जेएनयू में अभी तक एबीवीपी जीत नहीं पाई है और यही पॉलीटिकल एजेंडा है कि कैसे यहां पर एबीवीपी का दखल हो सके. इसमें पॉलिटिक्स हो रही है. वहां पर ताकतवर वाइस चांसलर बैठे हैं. उनके सामने सचिव क्या हैं. दो-दो सचिवों को निकाल कर बाहर कर दिया गया. अखिलेश यादव ने कहा बीजेपी सरकार किसान, बेरोजगारी, अर्थव्यस्था और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए दंगे फसाद को बढ़ावा दे रही है.
'सरकार का दिल बहुत छोटा है'
अखिलेश यादव ने वर्तमान सरकार पर चुटकी लेते हुए कहा कि सरकार का दिल बहुत छोटा है. मुझे और नेता जी को भी घर से बाहर इसी सरकार ने निकाल दिया था. हमें किराए के घर पर रहना पड़ा था. हमारी सिक्युरिटी छीन ली थी. मैं तो इस सरकार से बहुत डरता हूं, पता नहीं कब पुलिस को वेश बदलकर हमारे घर में भेज दे, मुझे बहुत डर लगता है.