लखनऊ: बनारस की ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे की कार्यवाही पूरी हुई. इस सर्वे की रिपोर्ट से पहले एक युवक के दावे पर AIMIM (एआईएमआईएम) नेता असीम वकार ने गंभीर सवाल खड़े किए है. असीम वकार ने कहा कि सर्वे की रिपोर्ट मंगलवार को न्यायलय में जमा होनी है. रिपोर्ट पेश होने से पहले किसी व्यक्ति के कहने पर कैसे मान लिया गया कि अंदर मस्जिद के एक हिस्से में शिवलिंग है, और क्यूं उस हिस्से को सील कर दिया गया. वकार ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति के प्रार्थना पत्र पर ही मान लेना था तो किसी सर्वे की जरूरत ही क्या थी?
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गौरतलब है कि, ज्ञानवापी मस्जिद पर बीते कुछ दिनों से सर्वे की कार्यवाही की जा रही है. सोमवार को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कमीशन की कार्यवाही के दौरान जिस तालाब में शिवलिंग मिलने का दावा हिंदू पक्ष ने किया है, उस तालाब को न्यायालय के आदेश पर सील किया गया है. एडीएम प्रोटोकॉल की मौजूदगी में तालाब सील करने की कार्यवाही की गई है और सीआरपीएफ ने उसे अपने सुरक्षा घेरे में ले लिया है.
इस प्रकरण पर AIMIM नेता ने सवाल उठा दिए हैं. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता असीम वकार ने कहा कि इस आदेश ने अयोध्या की बाबरी मस्जिद के संबंध में 1949 में दिए गए फैसले की याद ताजा कर दी है. वहां भी यह कहा गया था कि मूर्तियां प्रकट हो गई है. वकार ने कहा कि जब अभी रिपोर्ट बन रही है और न्यायालय के समक्ष पेश की नहीं गई तो किसी के प्रार्थना पत्र पर कैसे मान लिया गया.
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