लखनऊ: राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने देश के रक्षा मंत्री की तरफ से घोषित सेना की अग्निपथ योजना को देश के नौजवानों के साथ राष्ट्रीय धोखा बताया है. उन्होंने कहा कि जिस देश में सभासद, पार्षद, प्रधान, विधायक और सांसद पांच वर्ष के लिए चुने जाते हों, वहां देश के रक्षक केवल चार वर्ष के लिए नियुक्त किए जाएंगे और चार वर्ष के बाद सेवा समाप्ति पर पेंशन से भी वंचित रहेंगे.
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के इस फैसले के विरोध में राष्ट्रीय लोकदल 18 जून को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन सौंपेगा. अनुरोध किया जाएगा कि राष्ट्रपति केन्द्र सरकार को अग्निपथ योजना वापस करने के लिए निर्देशित करें. राष्ट्रीय लोकदल 10 दिन तक केन्द्र सरकार के निर्णय की प्रतीक्षा करेगा, यदि निर्णय वापस न लिया गया तो 28 जून से देश एवं प्रदेश के कोने-कोने में राष्ट्रीय लोकदल द्वारा युवा आक्रोश सम्मेलन आयोजित किया जायेगा. यह फैसला उन युवाओं और नौजवानों के लिए घोर निराशावादी है जो देश की सेवा के लिए अपना समय और पसीना बहाकर सेना में नौकरी की तैयारी में जी जान से लगे हैं.
आरएलडी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि चार वर्ष तक उनके मासिक वेतन से फंड के रूप में जो कटौती होगी उतना ही सरकार द्वारा अंशदान करके लगभग 11 लाख रुपये सेवानिवृत्त हुये जवानों को दिये जायेंगे. जीवन बीमा सुरक्षा का 48 लाख का पैकेज व अपंगता लाभ लगभग 15 लाख दिया जाएगा, लेकिन विशेष बात यह है कि इन देशरक्षकों को किसी भी तरह की कोई पेंशन और स्वास्थ्य सुविधा के साथ-साथ कैंटीन सुविधा नहीं मिलेगी. उन्होंने कहा कि इन नौजवानों के साथ यह बहुत भद्दा मजाक है, जो केन्द्र सरकार कर रही है.
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रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि केन्द्र सरकार और रक्षामंत्री को फिर से राष्ट्रभक्ति की भावना से इस सन्दर्भ में पुर्नविचार करना चाहिए. सेना के माध्यम से देश सेवा को संविदा का रूप न दिया जाए और न ही अग्निवीरों को संविदाकर्मी की संज्ञा मिले.
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