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एडी बेसिक डॉ मुकेश कुमार सिंह निलंबित, जानिये वजह

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Published : Aug 9, 2022, 5:12 PM IST

सरकारी स्कूल को शिक्षा माफियाओं से बचाने वाले लखनऊ के एडी बेसिक डॉ मुकेश कुमार सिंह को निलंबित कर दिया गया है. यह आदेश अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा (Additional Chief Secretary Secondary Education) आराधना शुक्ला की तरफ से जारी किए गए हैं.

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लखनऊ : सरकारी स्कूल को शिक्षा माफियाओं से बचाने वाले लखनऊ के एडी बेसिक डॉ मुकेश कुमार सिंह को निलंबित कर दिया गया है. यह आदेश अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा (Additional Chief Secretary Secondary Education) आराधना शुक्ला की तरफ से जारी किए गए हैं. डॉ. मुकेश कुमार सिंह की कार्रवाई की वजह से लखनऊ के सरकारी सहायता प्राप्त सेंटीनियल इंटर कॉलेज को शिक्षा माफियाओं से ना केवल बचाया जा सका था बल्कि माफियाओं के खिलाफ ठोस कार्रवाई भी की गई थी. शिक्षक संगठन की मानें तो इस सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालय की वर्तमान संपत्ति 3000 करोड़ की है. इन हालातों में उनके खिलाफ की गई इस कार्रवाई ने पूरे विभाग को कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया. आरोप लग रहे हैं कि शिक्षा माफियाओं और उनके साथ सांठगांठ कर बैठे शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों को बचाने के लिए यह पूरा खेल किया गया है. जिसमें विभाग में शासन स्तर पर बैठे एक आला अधिकारी का नाम सामने आ रहा है.


यह है पूरा मामला : लखनऊ के लालबाग गर्ल्स इंटर कॉलेज की पूर्व प्रिंसिपल अणिमा रिसाल सिंह ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे लखनऊ क्रिश्चियन कॉलेज की प्रबंध समिति पर अपना दावा किया था. विभागीय जांच में अब इसकी पुष्टि हो गई है. इसको लेकर विवाद 2021 में सामने आ गया था, जब अणिमा सिंह की तरफ से बतौर प्रबंधक हस्ताक्षर प्रमाणित होने के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में प्रत्यावेदन प्रस्तुत किया गया.


एसीएस ने यह गिनाई गलतियां : डॉ मुकेश कुमार सिंह के निलंबन आदेश में अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने उनकी गलतियां गिनाई हैं. आरोप है कि लखनऊ में जिला विद्यालय निरीक्षक के पद पर रहते हुए डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने लखनऊ क्रिश्चियन कॉलेज के मामले में कार्यवाही नहीं की. उन्होंने मामले को निदेशालय के स्तर पर भेज दिया. आरोप है कि उनके इस कृत्य के चलते इस पूरे प्रकरण में कोई कार्रवाई नहीं हो पाई और फर्जी समिति बनाकर स्कूल पर कब्जा करने का कुकृत्य किया गया.
यह भी पढ़ें : प्रदेश में मिले मंकीपॉक्स के दो संदिग्ध मरीज, जांच के लिए केजीएमयू भेजे गए सैंपल
डॉ. मुकेश कुमार सिंह की गिनती शिक्षा विभाग के तेजतर्रार और ईमानदार अफसरों में की जाती है. पूर्व में लखनऊ के जिला विद्यालय निरीक्षक के पद पर रहते हुए उन्होंने शिक्षा माफियाओं के खिलाफ ठोस कार्रवाई की. जानकारों की मानें तो डॉ. मुकेश कुमार सिंह की कार्रवाई के चलते ही लालबाग गर्ल्स इंटर कॉलेज, लखनऊ क्रिश्चियन कॉलेज और सेंटीनियल इंटर कॉलेज पर कब्जे का षड्यंत्र नहीं चल पाया. बीते सितंबर, अक्टूबर के महीने में उनका तबादला डीआईओएस बरेली के पद पर कर दिया गया. उनके लखनऊ से हटते ही शिक्षा माफिया फिर से सक्रिय हो गए और उन्होंने इन स्कूलों की संपत्ति को कब्जाने का षड्यंत्र शुरू कर दिया.

लखनऊ : सरकारी स्कूल को शिक्षा माफियाओं से बचाने वाले लखनऊ के एडी बेसिक डॉ मुकेश कुमार सिंह को निलंबित कर दिया गया है. यह आदेश अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा (Additional Chief Secretary Secondary Education) आराधना शुक्ला की तरफ से जारी किए गए हैं. डॉ. मुकेश कुमार सिंह की कार्रवाई की वजह से लखनऊ के सरकारी सहायता प्राप्त सेंटीनियल इंटर कॉलेज को शिक्षा माफियाओं से ना केवल बचाया जा सका था बल्कि माफियाओं के खिलाफ ठोस कार्रवाई भी की गई थी. शिक्षक संगठन की मानें तो इस सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालय की वर्तमान संपत्ति 3000 करोड़ की है. इन हालातों में उनके खिलाफ की गई इस कार्रवाई ने पूरे विभाग को कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया. आरोप लग रहे हैं कि शिक्षा माफियाओं और उनके साथ सांठगांठ कर बैठे शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों को बचाने के लिए यह पूरा खेल किया गया है. जिसमें विभाग में शासन स्तर पर बैठे एक आला अधिकारी का नाम सामने आ रहा है.


यह है पूरा मामला : लखनऊ के लालबाग गर्ल्स इंटर कॉलेज की पूर्व प्रिंसिपल अणिमा रिसाल सिंह ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे लखनऊ क्रिश्चियन कॉलेज की प्रबंध समिति पर अपना दावा किया था. विभागीय जांच में अब इसकी पुष्टि हो गई है. इसको लेकर विवाद 2021 में सामने आ गया था, जब अणिमा सिंह की तरफ से बतौर प्रबंधक हस्ताक्षर प्रमाणित होने के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में प्रत्यावेदन प्रस्तुत किया गया.


एसीएस ने यह गिनाई गलतियां : डॉ मुकेश कुमार सिंह के निलंबन आदेश में अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने उनकी गलतियां गिनाई हैं. आरोप है कि लखनऊ में जिला विद्यालय निरीक्षक के पद पर रहते हुए डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने लखनऊ क्रिश्चियन कॉलेज के मामले में कार्यवाही नहीं की. उन्होंने मामले को निदेशालय के स्तर पर भेज दिया. आरोप है कि उनके इस कृत्य के चलते इस पूरे प्रकरण में कोई कार्रवाई नहीं हो पाई और फर्जी समिति बनाकर स्कूल पर कब्जा करने का कुकृत्य किया गया.
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डॉ. मुकेश कुमार सिंह की गिनती शिक्षा विभाग के तेजतर्रार और ईमानदार अफसरों में की जाती है. पूर्व में लखनऊ के जिला विद्यालय निरीक्षक के पद पर रहते हुए उन्होंने शिक्षा माफियाओं के खिलाफ ठोस कार्रवाई की. जानकारों की मानें तो डॉ. मुकेश कुमार सिंह की कार्रवाई के चलते ही लालबाग गर्ल्स इंटर कॉलेज, लखनऊ क्रिश्चियन कॉलेज और सेंटीनियल इंटर कॉलेज पर कब्जे का षड्यंत्र नहीं चल पाया. बीते सितंबर, अक्टूबर के महीने में उनका तबादला डीआईओएस बरेली के पद पर कर दिया गया. उनके लखनऊ से हटते ही शिक्षा माफिया फिर से सक्रिय हो गए और उन्होंने इन स्कूलों की संपत्ति को कब्जाने का षड्यंत्र शुरू कर दिया.

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