लखनऊ : बिजली विभाग में भ्रष्टाचारी अधिकारियों पर प्रबंधन सख्त कार्रवाई कर रहा है. हाल ही में ग्रेटर नोएडा में तैनात रहे एक अधिशासी अभियंता को सेवा से बर्खास्त किया गया था और अब एक और अधिशासी अभियंता को नौकरी से बाहर कर दिया गया है. प्रबंधन के इस कदम से बिजली विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है.
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड मुख्यालय में तैनात रहे सिविल विंग के अधिशासी अभियंता विजय शंकर जौहरी को प्रमुख सचिव ऊर्जा व यूपी पावर काॅरपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने शनिवार को सेवा से बर्खास्त कर दिया. अधिशासी अभियंता विजय शंकर जौहरी पर एक ठेकेदार ने सुविधा शुल्क लेने का आरोप लगाते हुए साक्ष्य सहित शिकायत की थी. इस मामले में एक्सईएन जौहरी सस्पेंड भी चल रहे थे. विभाग की तरफ से उनकी जांच जारी थी. अब जांच पूरी होने के बाद पावर काॅरपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने अधिशासी अभियंता की सेवाएं समाप्त कर दी हैं.
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इससे पहले अभी हाल ही में पावर काॅरपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने ग्रेटर नोएडा में तैनात रहे अधिशासी अभियंता को भी सेवा से बर्खास्त किया था. आरोप था कि बिल्डरों को कनेक्शन देने में उन्होंने लाभ पहुंचाया है. इससे बिजली विभाग को तकरीबन ढाई सौ करोड़ का नुकसान हुआ था. मामले की गंभीरता से जांच कराई गई थी. जांच रिपोर्ट आने के बाद प्रबंधन ने बर्खास्तगी की कार्रवाई की थी.
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