लखनऊ : मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने गुरूवार को 'आधार के उपयोग को सरल बनाने के लिए किए गए हालिया पहल' विषय पर आयोजित एक कार्यशाला को संबोधित किया. मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा कि आधार की परिकल्पना सुरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने के लिए की गई थी, लेकिन समय के साथ यह लोगों की पहचान बन गया. बाद में आधार कल्याणकारी योजनाओं को लोगों तक बेहतर तरीके से पहुंचाने का एक माध्यम बन गया है. आधार की मदद से योजनाओं का लाभ उन्हीं लाभार्थी तक पहुंचाया जा रहा है जिनके लिए वह योजना है. इसके कारण भ्रष्टाचार को समाप्त करने में बहुत मदद मिली है.
उन्होंने बताया कि आधार की मदद से योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने से उत्तर प्रदेश सरकार (Government of Uttar Pradesh) को लगभग 8400 करोड़ की बचत (8400 crore savings) हुई है. जैसा कि हम जानते हैं कि प्रदेश में लगभग शत प्रतिशत वयस्कों का आधार बन चुका है, लेकिन पांच वर्ष से कम आयु वर्ग के शिशुओं तथा 5-18 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों में अभी भी काफी कार्य शेष है. स्कूल शिक्षा विभाग को अपने कार्य में तेजी लानी होगी, जिससे 5 से 18 वर्ष के समस्त बच्चों का आधार बन जाये. जिससे सभी बच्चों को छात्रवृत्ति तथा अन्य प्रत्यक्ष लाभांतरण (DBT) योजना का लाभ सुगमता से प्राप्त हो सके.
उन्होंने बताया कि लगभग 1.92 करोड़ स्कूली बच्चों तक आधार की मदद से योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा परिवार आईडी की शुरुआत जल्द ही होने वाली है. यह कार्ड सरकार को लाभार्थी परिवारों के बारे में पूरी जानकारी जुटाने में मदद करेगा. इस कार्ड की सहायता से परिवारों को मिलने वाली सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने में मदद मिलेगी. सरकार उन परिवारों को लाभ के दायरे में लाएगी जो अभी तक इससे वंचित रहे हैं. इस योजना को बेहतर तरीके से लागू करने में आधार प्रमाणीकरण का प्रयोग किया जाएगा. आने वाले दिनों में हम उत्तर प्रदेश के हर खेत का यूनिक आईडी बनाएंगे और उसे आधार से जोड़ेंगे.
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सौरभ गर्ग ने कहा कि आधार प्रमाणीकरण के कारण लोगों के जीवन को बेहतर बनाया जा रहा है और यह सुशासन का एक बेहतर माध्यम साबित हो रहा है. उन्होंने बताया कि आधार की मदद से योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने के कारण भारत सरकार को लगभग 2. 5 लाख करोड़ राशि की बचत हुई है.
नियोजन विभाग के सचिव अलोक कुमार ने कहा कि जब आधार की शुरुआत की गई तब हमने सोचा भी नहीं था की इसके माध्यम से हम लाभार्थियों तक योजनाओं का लाभ पंहुचा सकते हैं, लेकिन अब आधार लोगों तक योजनाओं को पहुंचाने का सबसे सरल और बेहतर माध्यम बन गया है. उन्होंने बताया कि प्रत्येक दिन उत्तर प्रदेश में लगभग 7.6 करोड़ आधार प्रमाणीकरण किया जा रहा है, हम इसे और बढ़ाने का प्रयास कर रहे है. उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित सभी विभागों के प्रतिनिधियों को प्राधिकरण से समन्वय स्थापित करते हुए यह सुनिश्चित करने को कहा कि उनके विभाग के द्वारा सेक्शन 7 के अंतर्गत संचालित समस्त योजनाओं में आधार प्रमाणीकरण का प्रयोग कर किस प्रकार आम जन मानस तक योजनाओं का लाभ सुगमता से पहुंचाया जा सके. साथ ही सेक्शन 4 (4) बी (II) के अंतर्गत उन योजनाओं को भी लोगों तक पहुंचाये जो गुड गवर्नेंस में सहायता करते हैं. कार्यशाला में सभी प्रतिभागियों का स्वागत प्रशांत कुमार सिंह, उपमहानिदेशक, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने किया.
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इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के 22.5 करोड़ निवासियों का आधार नामांकन किया जा चुका है. प्रतिदिन 14000 आधार नामांकन एवं अधतन मशीन की मदद से प्रतिदिन लगभग 40,000 आधार नामांकन और 71,000 आधार अपडेट किया जा रहा है. राज्य में 12 आधार सेवा केंद्रों का संचालन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के 24 विभाग आधार प्रमाणीकरण की मदद से विभिन्न योजनाओं को लोगों तक पंहुचा रहे हैं.
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