लखनऊ: जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) काउंसिल की बैठक को लेकर शहर के व्यापारियों में उत्साह भी है और नाराजगी भी. लखनऊ व्यापार मण्डल के वरिष्ठ महामंत्री अमरनाथ मिश्रा ने कहा कि जीएसटी को लागू किए हुए 4 साल हो चुके हैं, मगर इसमें अब भी तमाम खामियां हैं. इनकी वजह से व्यापारियों को काफी नुकसान हो रहा है. उन्होंने इसे जल्द सुधारने की मांग की.
जीएसटी (GST) में जमा की गयी रकम का ऑटो रिफंड देर से होता है. लखनऊ व्यापार मंडल ने जीएसटी काउंसिल (GST Council) की बैठक से पहले जीएसटी की खामियों में सुधार करने की मांग की है. व्यापारियों ने बताया कि जीएसटी को लागू हुए 4 साल हो चुके हैं. इसमें तमाम तरह की खामियां हैं, जिसमें खरीदार व्यापारी द्वारा RCM के तहत खुद ही कर का भुगतान व क्लेम करना होता है. जीएसटी पोर्टल पर आयात और निर्यात के मामलों में टैक्स जमा करने के बाद भी ऑटोजेनरेट नहीं होता है. व्यापार मंडल के वरिष्ठ महामंत्री अमरनाथ मिश्रा ने बताया कि जीएसटी में इनकम टैक्स की तरह ऑटो रिफंड नहीं होता है.
व्यापारियों द्वारा जमा किए गए रुपयों के जल्द रिफंड ना होने के कारण उनका पैसा फंसा रहता है. इस कारण उनको कारोबार में काफी समस्याएं आ रही हैं. उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स की तरह ही जीएसटी में भी ऑटो रिफंड की व्यवस्था जनरेट की जानी चाहिए. लखनऊ व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने बताया कि साल 2017-18 व 2018-19 जीएसटी पोर्टल ओपन करने में काफी समस्याएं आ रही थीं. इसके कारण व्यापारी जीएसटी टू में ऑटोजेनरेट नहीं कर पा रहे थे, इसके कारण तमाम व्यापारियों से आईटीसी का दावा गलत हो गया. इसके लिए विभाग ने 3 वर्ष बीत जाने के बाद नोटिस जारी किया है. व्यापारियों पर 24% ब्याज के साथ आर्थिक दंड लगाया है.
लखनऊ व्यापार मंडल के अमरनाथ मिश्रा ने कहा कि व्यापारी के द्वारा जो अधिक आईटीसी क्लेम कर लिया गया है. उसे जमा करा दिया जाए और उस पर लगे हुए सभी तरह के ब्याज और दंड को माफ किया जाए. क्या सभी समस्याएं जीएसटी पोर्टल की खामियों के कारण हुईं.