कानपुर: जीका वायरस को लेकर अब जिला प्रशासन गाइडलाइन का पालन कर रहा है. कानपुर में यूपी का पहला जीका वायरस का केस मिला था, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया था. रविवार तक कानपुर में जीका संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 10 हो गयी थी. सोमवार को एक और महिला में जीका वायरस की पुष्टि हुई है. इसके बाद जीका संक्रमित मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 11 हो गया. लगातार मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण लोग डरे हुए हैं. स्वास्थ्य विभाग ने रोकथाम के लिए कई टीमें बनाई हैं.
आपको बता दें मुख्य रूप से जीका वायरस अफ्रीकी देशों में पाया जाता है. यह काफी खतरनाक वायरस माना जाता है और मच्छर के काटने से यह वायरस फैलता है. यूपी में जीका वायरस का पहला केस कानपुर में मिला था.जीका वायरस के केस की संख्या लगातार बढ़ने के कारण स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप की स्थिति है.
कानपुर में अब तक 11 मामले सामने आ चुके हैं. कानपुर के जिलाधिकारी विशाख जी ने बताया कि कानपुर में जीका वायरस को देखते हुए स्वास्थ विभाग, नगर निगम और जिला प्रशासन ने संयुक्त टीमें बनायी हैं. जीका वायरस की रोकथाम के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग ने 50 से ज्यादा टीमें बनाई हैं, जो घरों में जाकर सैंपल ले रही हैं और वायरस के सोर्स का पता लगाने की कोशिश कर रही हैं. लोगों को जागरूक करने की अपील भी स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की ओर से की जा रही है. लोगों को बताया जा रहा है कि जीका वायरस से कैसे बचा जा सकता है.
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जिलाधिकारी विशाख जी ने बताया कि श्याम नगर क्षेत्र में सात टीमें सोर्स रिडक्शन के काम में लगी हैं. दो टीम लगातार फाफिंग कर रही हैं. आशा बहुओं की ड्यूटी भी लगायी गयी है. अब तक यहां 84 लोगों के सैंपल लिए जा चुके हैं. लगातार लोगों को जागरूक किया जा रहा है. उनको बताया जा रहा है कि घरों में पानी एकत्र न होने दें, गमलों , कूलर आदि के पानी को साफ कर दें.