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फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र दाखिल कर बैंक से पैसे निकालने की कोशिश

यूपी के कानपुर में एक युवती ने मृत व्यक्ति के तीन मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा कर बैंक पैसे निकालने की कोशिश की. बैंक को जब शक हुआ तो युवती फरार हो गई. बैंक कर्मी युवती की तलाश कर रहे हैं.

स्टेट बैंक आफ इंडिया की ग्वालटोली शाखा
स्टेट बैंक आफ इंडिया की ग्वालटोली शाखा
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Published : Jan 31, 2021, 4:36 PM IST

कानपुरः जिले के ग्वालटोली स्थित एसबीआई बैंक में धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. मृत व्यक्ति के एक नहीं तीन मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा कर बैंक खाते में जमा किए गए. तीसरा मृत्यु प्रमाण पत्र देख बैंक अफसर चकरा गए. छानबीन में ये भी खुलासा हुआ कि 40 वर्ष के व्यक्ति के खाते में दस साल से वृद्धावस्था पेंशन आ रही थी. बैंक ने खाते को सीज कर दिया है.इसी पैसे को निकालने के लिए तीन बार मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर जमा किया गया.

बता दें कि स्टेट बैंक आफ इंडिया की ग्वालटोली शाखा में मोहम्मद हलीम के नाम से खाता है. जिसमें पिता का नाम महबूब अली दर्ज है. खाते में 52,899 रुपये हैं. एक अप्रैल 2011 के बाद से खाता आपरेट नहीं हुआ है. खाते में पिछले साल दिसंबर तक खाते में पेंशन आई.

युवती ने तीन बार जमा किया मृत्यु प्रमाण पत्र
बीती 27 जनवरी को एक युवती बैंक शाखा आई और बताया कि मेरे पिता हलीम का देहांत 2017 में हो गया था. उसने हलीम का 2017 का डेथ सर्टिफिकेट भी दिया. इस पर उसे 2017 तक की रकम का स्टेटमेंट दिया गया. खाते के भुगतान से जुड़े सभी फार्म उसने भरकर दिए. इसके साथ उसने 2011 का डेथ सर्टिफिकेट लगाया. बैंक अफसरों ने पूछा कि आप ने पहले 2017 का डेथ सर्टिफिकेट लगाया अब 2011 का तो युवती जवाब नहीं दे सकी.

मृतक की बेटी बताकर निकालना चाह रही थी पैसा
इसके बाद बैंक ने ओरिजनल डेथ सर्टिफिकेट की मांग की. इस पर वह युवती बाहर गई और थोड़ी देर में 2018 का डेथ सर्टिफिकेट पेश कर दिया. एक ही व्यक्ति के तीन-तीन डेथ सर्टिफिकेट देख बैंक अफसर के होश उड़ गए. बैंक के वकील को बुलाया गया, इस बीच खुद को हलीम की बेटी बताने वाली युवती फरार हो गई. बैंक ने उस खाते के भुगतान पर रोक लगा दी गयी है. वहीं फर्जी कागजात देने वाली युवती की बैंक तलाश कर रही है.

कानपुरः जिले के ग्वालटोली स्थित एसबीआई बैंक में धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. मृत व्यक्ति के एक नहीं तीन मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा कर बैंक खाते में जमा किए गए. तीसरा मृत्यु प्रमाण पत्र देख बैंक अफसर चकरा गए. छानबीन में ये भी खुलासा हुआ कि 40 वर्ष के व्यक्ति के खाते में दस साल से वृद्धावस्था पेंशन आ रही थी. बैंक ने खाते को सीज कर दिया है.इसी पैसे को निकालने के लिए तीन बार मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर जमा किया गया.

बता दें कि स्टेट बैंक आफ इंडिया की ग्वालटोली शाखा में मोहम्मद हलीम के नाम से खाता है. जिसमें पिता का नाम महबूब अली दर्ज है. खाते में 52,899 रुपये हैं. एक अप्रैल 2011 के बाद से खाता आपरेट नहीं हुआ है. खाते में पिछले साल दिसंबर तक खाते में पेंशन आई.

युवती ने तीन बार जमा किया मृत्यु प्रमाण पत्र
बीती 27 जनवरी को एक युवती बैंक शाखा आई और बताया कि मेरे पिता हलीम का देहांत 2017 में हो गया था. उसने हलीम का 2017 का डेथ सर्टिफिकेट भी दिया. इस पर उसे 2017 तक की रकम का स्टेटमेंट दिया गया. खाते के भुगतान से जुड़े सभी फार्म उसने भरकर दिए. इसके साथ उसने 2011 का डेथ सर्टिफिकेट लगाया. बैंक अफसरों ने पूछा कि आप ने पहले 2017 का डेथ सर्टिफिकेट लगाया अब 2011 का तो युवती जवाब नहीं दे सकी.

मृतक की बेटी बताकर निकालना चाह रही थी पैसा
इसके बाद बैंक ने ओरिजनल डेथ सर्टिफिकेट की मांग की. इस पर वह युवती बाहर गई और थोड़ी देर में 2018 का डेथ सर्टिफिकेट पेश कर दिया. एक ही व्यक्ति के तीन-तीन डेथ सर्टिफिकेट देख बैंक अफसर के होश उड़ गए. बैंक के वकील को बुलाया गया, इस बीच खुद को हलीम की बेटी बताने वाली युवती फरार हो गई. बैंक ने उस खाते के भुगतान पर रोक लगा दी गयी है. वहीं फर्जी कागजात देने वाली युवती की बैंक तलाश कर रही है.

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