ETV Bharat / city

कानपुर: 1984 सिख दंगा मामले में SIT ने दो आरोपियों को किया गिरफ्तार

कानपुर में 1984 में हुए सिख दंगों के मामले में सोमवार देर रात SIT की टीम ने दो और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. एसआईटी के डीआईजी बालेंदु भूषण सिंह ने बताया कि घाटमपुर निवासी भूरा उर्फ़ तमर सिंह और मोबिन को गिरफ्तार किया गया.

etv bharat
कानपुर 1984 सिख दंगा मामला
author img

By

Published : Jun 21, 2022, 10:27 AM IST

Updated : Jun 21, 2022, 1:14 PM IST

कानपुर: शहर में 1984 में हुए सिख दंगों के मामले SIT की टीम ने सोमवार को दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. पकड़े गए आरोपियों में घाटमपुर निवासी भूरा उर्फ़ तमर सिंह और मोबिन हैं. इस मामले को लेकर एसआईटी के डीआईजी बालेंदु भूषण सिंह ने बताया कि तीन साल पहले गठित एसआइटी ने अब तक 94 आरोपितों की पहचान की थी. हालांकि उनमें से 22 आरोपी ऐसे हैं, जिनकी मौत हो चुकी है. वहीं 70 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी अब भी बाकी है.

जानकारी देते एसआईटी के डीआईजी बालेंदु भूषण सिंह

उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर कुल 14 मुकदमों में साक्ष्य मिले थे. इनमें 147 लोगों की गवाहियां दर्ज की गई थीं. वहीं साल 2018 में अखिल भारतीय दंगा पीड़ित राहत कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसके बाद जांच शुरू हुई थी. SIT की टीम आरोपियों को पकड़ने के लिए लगातार छापेमारी कर रही है. टीम के सदस्यों को पूर्व राज्यमंत्री का भतीजा राघवेन्द्र सिंह एक बार फिर नहीं मिला. इसके पहले 14 जून को एसआईटी ने 4 अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया था.


ये भी पढ़ें- बरेली में भीषण सड़क हादसा, 5 की मौत, सभी उत्तराखंड के थे निवासी


100 से अधिक लोगों की जानें चली गई थीं: 1984 में हुए सिख दंगा मामले में 100 से अधिक लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. चश्मदीदों के मुताबिक दंगा कई दिनों तक हुआ था. एसआईटी प्रभारी के मुताबिक भीड़ ने निराला नगर की एक ऐसी बिल्डिंग पर धावा बोल दिया था, जिसमें 15 से अधिक परिवार रहते थे. भीड़ ने एक मकान में आग लगा दी थी. जब दंगा हुआ था, तब हत्या, लूट और डकैती समेत अन्य धाराओं में 40 से अधिक मुकदमे दर्ज किए गए थे. उनमें से 20 मुकदमों को अग्रिम विवेचना के लायक माना गया था. इसमें से 11 मुकदमों की विवेचना पूरी हो गई है. अब मुकदमों के आधार पर गिरफ्तारियां की जा रही हैं.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

कानपुर: शहर में 1984 में हुए सिख दंगों के मामले SIT की टीम ने सोमवार को दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. पकड़े गए आरोपियों में घाटमपुर निवासी भूरा उर्फ़ तमर सिंह और मोबिन हैं. इस मामले को लेकर एसआईटी के डीआईजी बालेंदु भूषण सिंह ने बताया कि तीन साल पहले गठित एसआइटी ने अब तक 94 आरोपितों की पहचान की थी. हालांकि उनमें से 22 आरोपी ऐसे हैं, जिनकी मौत हो चुकी है. वहीं 70 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी अब भी बाकी है.

जानकारी देते एसआईटी के डीआईजी बालेंदु भूषण सिंह

उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर कुल 14 मुकदमों में साक्ष्य मिले थे. इनमें 147 लोगों की गवाहियां दर्ज की गई थीं. वहीं साल 2018 में अखिल भारतीय दंगा पीड़ित राहत कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसके बाद जांच शुरू हुई थी. SIT की टीम आरोपियों को पकड़ने के लिए लगातार छापेमारी कर रही है. टीम के सदस्यों को पूर्व राज्यमंत्री का भतीजा राघवेन्द्र सिंह एक बार फिर नहीं मिला. इसके पहले 14 जून को एसआईटी ने 4 अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया था.


ये भी पढ़ें- बरेली में भीषण सड़क हादसा, 5 की मौत, सभी उत्तराखंड के थे निवासी


100 से अधिक लोगों की जानें चली गई थीं: 1984 में हुए सिख दंगा मामले में 100 से अधिक लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. चश्मदीदों के मुताबिक दंगा कई दिनों तक हुआ था. एसआईटी प्रभारी के मुताबिक भीड़ ने निराला नगर की एक ऐसी बिल्डिंग पर धावा बोल दिया था, जिसमें 15 से अधिक परिवार रहते थे. भीड़ ने एक मकान में आग लगा दी थी. जब दंगा हुआ था, तब हत्या, लूट और डकैती समेत अन्य धाराओं में 40 से अधिक मुकदमे दर्ज किए गए थे. उनमें से 20 मुकदमों को अग्रिम विवेचना के लायक माना गया था. इसमें से 11 मुकदमों की विवेचना पूरी हो गई है. अब मुकदमों के आधार पर गिरफ्तारियां की जा रही हैं.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

Last Updated : Jun 21, 2022, 1:14 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.