कानपुर: भारत सरकार के पूर्व कोयला मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्रीप्रकाश जयसवाल शुक्रवार को कानपुर की कोर्ट पहुंचे और वहां अपने खिलाफ जारी हुए गैर जमानती वारंट को लेकर अपना पक्ष रखा. 2019 के लोकसभा चुनाव में श्रीप्रकाश जयसवाल कानपुर महानगर से सांसद का चुनाव लड़े थे. इस दौरान उनके ऊपर आचार संहिता का उल्लंघन करने का एक मामला दर्ज हुआ था. इसी मामले में उनके खिलाफ नॉन बेलेबल वारंट जारी हुआ था.
कानपुर के थाना क्षेत्र कोतवाली से पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल पर 2019 में लोकसभा चुनाव में आचार संहिता का उल्लंघन करने पर मामला दर्ज हुआ था. इसके बाद कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था. पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल के अधिवक्ता नरेश चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि 2019 के लोकसभा चुनाव में सत्ता दल ने फर्जी आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज कराया था. इस मामले में अभी तक उनको कोई जानकारी नहीं थी और न ही उनको कोई सबूत दिखाया गया था. जब नॉन बेलेबल वारंट जारी हुआ, तब इस मामले की जानकारी हुई. उसी मामले में आज हाजिरी देने के लिए पूर्व मंत्री कोर्ट पहुंचे.
2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान श्रीप्रकाश जायसवाल कानपुर लोकसभा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे. चुनाव आयोग से मिली अनुमति के विपरीत उनके समर्थकों ने शहर भर में अनुमति से ज्यादा बैनर, पोस्टर और होर्डिंग लगायी थी. शहर के कई स्थानों पर एक ही जगह पर एक से ज्यादा बैनर लगाए गए थे. जिसके शिकायत चुनाव आयोग से की गई. चुनाव आयोग के निर्देश पर कोतवाली पुलिस ने श्रीप्रकाश के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन की धारा 177एच और आईपीसी की धारा 188 के तहत मुकदमा दर्ज किया था. पुलिस ने भी इस मामले में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी. इस पर विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट से उनके खिलाफ वारंट जारी किया गया था.