लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कर्तव्य पालन के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए. जनपद कानपुर नगर निवासी बीएसएफ के जवान शैलेन्द्र दुबे को भावभीनी श्रद्धांजलि दी. मुख्यमंत्री ने दिवंगत जवान के परिजनों को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा की है. उन्होंने जवान के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने तथा जनपद की एक सड़क का नामकरण दिवंगत जवान शैलेन्द्र दुबे के नाम पर करने की भी घोषणा की है.
मुख्यमंत्री ने दिवंगत जवान शैलेन्द्र दुबे के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि शोक की इस घड़ी में राज्य सरकार उनके साथ है. प्रदेश सरकार जवान के परिवार की हर सम्भव मदद करेगी. उत्तर प्रदेश के कानपुर का लाल शुक्रवार को कोलकाता की पद्मा नदी में ड्यूटी करते वक्त शहीद हो गया. बीएसएफ के अधिकारियों ने परिवार को सूचना दी थी कि शैलेंद्र का नाव से पैर फिसल गया और गहरे पानी में चले जाने के कारण डूबने से मौत हो गई. वहीं शैलेंद्र के पिता का कहना है कि तस्करों से बेटे ने मोर्चा लिया था. तस्करों ने शैलेंद्र को पानी में डुबो कर मारा और फिर नदी में फेंक दिया.
नौबस्ता थाना क्षेत्र के मछरिया में रहने संतोष दुबे यूपी पुलिस विभाग से दारोगा के पद से सेवानिवृत्त हैं. संतोष दुबे के सबसे बड़े बेटे शैलेंद्र दुबे कोलकता की 78 वीं बटालियन मुर्शिदाबाद मालदा में तैनात थे. शैलेंद्र दुबे 2004 में बीएसएफ में कांस्टेबल के पद भर्ती हुए थे. परिवार में मां रानी, पत्नी मीनू, बेटी शिवानी (5 वर्ष), बेटा शिवांश (3 वर्ष) के साथ दो छोटे भाई हैं. पिता ने बताया कि गुरुवार को कोलकाता से फोन आया था और इस घटना की जानकारी मिली थी.
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पिता संतोष दुबे ने बताया कि मंझले बेटे आदेश कोलकाता गये हैं. वो शैलेंद्र के पार्थिव शरीर को लेकर दिल्ली एयरपोर्ट आएंगे. इसके बाद दिल्ली से सड़क के रास्ते पार्थिव शरीर को नौबस्ता स्थित आवास पर लाया जाएगा. शुक्रवार शाम तक बेटे का शव घर लाया जाएगा और शनिवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा.