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CBSE Result 2022: खुशखबरी! 15 दिनों में आएगा रिजल्ट

आईआईटी कानपुर पहुंचे केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि आगामी 15 दिनों में सीबीएसई की रिजल्ट आ जाएगा. वहीं, शिक्षामंत्री ने गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज की आधारशिला रखी.

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केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान
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Published : Jul 16, 2022, 4:26 PM IST

कानपुर: सीबीएसई बोर्ड (CBSE Board) से पढ़ाई करने वाले 10वीं व 12वीं के लाखों छात्रों के लिए खुशखबरी है. सीबीएसई के परीक्षा परिणाम 15 दिनों के भीतर जारी हो जाएंगे. शनिवार को यह जानकारी आईआईटी कानपुर में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Union Education Minister Dharmendra Pradhan) ने दी. उन्होंने कहा कि सीबीएसई की परीक्षा खत्म होने के 45 दिनों के बाद परिणाम जारी हो जाते हैं. 15 जून तक छात्रों की कॉपियां जांची गईं, अब 15 दिनों में रिजल्ट आ जाएगा.

आईआईटी कानपुर पहुंचे केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने ये कहा.

उन्होंने बतौर मुख्य अतिथि आईआईटी कानपुर में गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज (gangwal school of medical sciences) व यदुपति सिंहानिया सुपर स्पेशियलिटी स्कूल (Yadupati Singhania Super Specialty School) की आधारशिला रखी. शिक्षामंत्री ने आईआईटी कानुपर के शोध कार्यों को सराहते हुए कहा कि एक साल के अंदर देश के कई शिक्षण संस्थानों का दौरा किया लेकिन, जिस संस्था ने मुझे प्रभावित किया, वह आईआईटी कानपुर है. शिक्षामंत्री ने आईआईटी कानपुर द्वारा तैयार सूत्र मॉडल को भी प्रशंसनीय बताया.

आइआइटी कानपुर में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान
आईआईटी कानपुर में आयोजित कार्यक्रम का केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने किया शुभारंभ.

उन्होंने चुटीले अंदाज में कहा कि एक दौर था जब आईआईटी कानपुर के छात्रों को कैम्पस से बाहर जाने की इजाजत नहीं मिलती थी. पर अब छात्र कैम्पस के बाहर भी जा सकते हैं. मंत्री ने बताया कि सूबे में 50 और देश में 400 नए मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं. ऐसे में सरकार का पूरा प्रयास है कि चिकित्सकों की कमी न हो. इस मौके पर आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो.अभय करंदीकर, प्रो.एस गणेश, प्रो.आशुतोष शर्मा समेत कई नामचीन पूर्व छात्र उपस्थित रहे.


देश में बन रहे स्किल सेंटर का नॉलेज पार्टनर होगा संस्थान: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, कि देश में पहली बार एक स्किल सेंटर बन रहा है. इसकी लागत 200 करोड़ रुपये है. इस सेंटर के नॉलेज पार्टनर के तौर पर आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों की मदद ली जाएगी. उन्होंने आईआईटी कानपुर में तैयार हुई इलेक्ट्रानिक किट समेत अन्य उपकरणों को भी देखा.

यह भी पढ़ें: जालौन में बोले पीएम मोदी, खत्म करनी होगी 'मुफ्त की रेवड़ी' बांटने की राजनीति

1970 में महज 12.5 रुपये प्रतिमाह थी फीस: आइआइटी कानपुर के 100 करोड़ रुपये दान के रूप में देने वाले पूर्व छात्र राकेश गंगवाल ने कहा कि जब वह 1970 के दौर में आईआईटी कानपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे. तब महज 12.5 रुपये प्रतिमाह फीस लगती थी. उन्होंने बताया, कि आठ माह तक ही फीस देनी होती थी. ऐसे में उन्होंने 500 रुपये में अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर ली थी जबकि मौजूदा समय में पांच साल की पढ़ाई के लिए लाखों रुपये खर्च करने होते हैं.

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कानपुर: सीबीएसई बोर्ड (CBSE Board) से पढ़ाई करने वाले 10वीं व 12वीं के लाखों छात्रों के लिए खुशखबरी है. सीबीएसई के परीक्षा परिणाम 15 दिनों के भीतर जारी हो जाएंगे. शनिवार को यह जानकारी आईआईटी कानपुर में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Union Education Minister Dharmendra Pradhan) ने दी. उन्होंने कहा कि सीबीएसई की परीक्षा खत्म होने के 45 दिनों के बाद परिणाम जारी हो जाते हैं. 15 जून तक छात्रों की कॉपियां जांची गईं, अब 15 दिनों में रिजल्ट आ जाएगा.

आईआईटी कानपुर पहुंचे केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने ये कहा.

उन्होंने बतौर मुख्य अतिथि आईआईटी कानपुर में गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज (gangwal school of medical sciences) व यदुपति सिंहानिया सुपर स्पेशियलिटी स्कूल (Yadupati Singhania Super Specialty School) की आधारशिला रखी. शिक्षामंत्री ने आईआईटी कानुपर के शोध कार्यों को सराहते हुए कहा कि एक साल के अंदर देश के कई शिक्षण संस्थानों का दौरा किया लेकिन, जिस संस्था ने मुझे प्रभावित किया, वह आईआईटी कानपुर है. शिक्षामंत्री ने आईआईटी कानपुर द्वारा तैयार सूत्र मॉडल को भी प्रशंसनीय बताया.

आइआइटी कानपुर में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान
आईआईटी कानपुर में आयोजित कार्यक्रम का केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने किया शुभारंभ.

उन्होंने चुटीले अंदाज में कहा कि एक दौर था जब आईआईटी कानपुर के छात्रों को कैम्पस से बाहर जाने की इजाजत नहीं मिलती थी. पर अब छात्र कैम्पस के बाहर भी जा सकते हैं. मंत्री ने बताया कि सूबे में 50 और देश में 400 नए मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं. ऐसे में सरकार का पूरा प्रयास है कि चिकित्सकों की कमी न हो. इस मौके पर आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो.अभय करंदीकर, प्रो.एस गणेश, प्रो.आशुतोष शर्मा समेत कई नामचीन पूर्व छात्र उपस्थित रहे.


देश में बन रहे स्किल सेंटर का नॉलेज पार्टनर होगा संस्थान: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, कि देश में पहली बार एक स्किल सेंटर बन रहा है. इसकी लागत 200 करोड़ रुपये है. इस सेंटर के नॉलेज पार्टनर के तौर पर आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों की मदद ली जाएगी. उन्होंने आईआईटी कानपुर में तैयार हुई इलेक्ट्रानिक किट समेत अन्य उपकरणों को भी देखा.

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1970 में महज 12.5 रुपये प्रतिमाह थी फीस: आइआइटी कानपुर के 100 करोड़ रुपये दान के रूप में देने वाले पूर्व छात्र राकेश गंगवाल ने कहा कि जब वह 1970 के दौर में आईआईटी कानपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे. तब महज 12.5 रुपये प्रतिमाह फीस लगती थी. उन्होंने बताया, कि आठ माह तक ही फीस देनी होती थी. ऐसे में उन्होंने 500 रुपये में अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर ली थी जबकि मौजूदा समय में पांच साल की पढ़ाई के लिए लाखों रुपये खर्च करने होते हैं.

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