कानपुर देहात: करीब 38 सालों से बदतर जिंदगी गुजरा रहे बांग्लादेशी परिवारों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणा के बाद राहत की सांस ली है. दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर देहात के रसूलाबाद में बांग्लादेशी 63 परिवारों को बसाने का फैसला लिया है. बांग्लादेशी परिवारों के रहने के लिए ज़मीन और खेती किसानी के लिए उपजाऊ जमीन भी चिह्नित कर ली गई है. बस अब इन परिवारों के आने का इंतजार है.
जनपद कानपुर देहात के रसूलाबाद तहसील के भैसाया गांव में पड़ी सैकड़ों बीघा सरकारी ज़मीन अब हस्तिनापुर और मेरठ में रह रहे हिन्दू बांग्लादेशी शरणार्थियों की तकदीर और तस्वीर बदल देगी. विस्थापित 63 बांग्लादेशी परिवारों को अब इस जमीन पर बसाया जाएगा. प्रत्येक परिवार के लिए 200 वर्ग मीटर का आवास बनवाया जाएगा. साथ ही मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत सभी 63 परिवारों को एक आवास भी दिया जाएगा. इतना ही नहीं सरकारी शौचालय के साथ खेती किसानी के लिए प्रत्येक परिवार को दो एकड़ जमीन स्वीकृत की गयी है.
भैसाया गांव के इस इलाके को टाउनशिप की तरह डेवलप किया जाएगा. सुंदर पार्क बनाया जाएगा. जानवरों के लिए केटिंग शेड होगा. साथ ही बिजली की सुविधा, गैल कनेक्शन और पेय जल की भी सुविधा उपलब्ध होगा. यूं कहा जाए कि स्मार्ट सिटी की तर्ज पर सारी सुविधाएं पुनर्वास करने वाले सभी हिन्दू बांग्लादेशी शरणार्थियों को मिलेंगी.
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गौरतलब है कि ये सभी बांग्लादेशी परिवार 38 साल से उम्मीद लगाए हुए थे कि शायद कोई सरकार उनकी खबर ले. लेकिन किसी भी सरकार ने इन बांग्लादेशी परिवारों की खबर नहीं ली. 2017 में उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने बांग्लादेशी परिवारों का दर्द समझा और महज़ 5 साल में ही उनके ज़ख्मों पर मरहम लगाने का काम किया है. इसे लेकर जनपद कानपुर देहात की मुख्यविकाश अधिकारी सौम्या पांडेय ने बताया कि मुख्यमंत्री के आदेश के बाद तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं.
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