झांसी: जिले में एक कार्यक्रम में आए राज्यमंत्री (पर्यटन एवं रक्षा विभाग भारत सरकार) अजय भट्ट वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के ऐतिहासिक किले (fort of maharani laxmibai) पर सोमवार को भ्रमण करने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि झांसी की भूमि पर आकर भीतर से आश्चर्यजनक वीरता और पराक्रम की अनुभूति होती है. हमारा देश प्राचीन काल से ही वीरांगनाओं की भूमि रहा है. यहां पर मातृशक्ति को देवी रूप में पूजा जाता है. हमारी मातृ शक्ति ने पुर्तगालियों के छक्के छुड़ा दिए थे. झांसी के ऐतिहासिक किले पर यहां के पराक्रम और शौर्य की जागृत प्रतिमाएं हैं. यह धरोहर हमारे इतिहास की थाती हैं. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में देश के पर्यटन को बढ़ावा मिला है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ( CM Yogi Adityanath) का ध्यान बुंदेलखंड के विकास पर है. हमें अपने देश का दर्शन अपने जीवन में एक बार अनिवार्य रूप से करना चाहिए. नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री होने के पश्चात भारत के पर्यटन विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है. हमारे देश में 310 विदेशी उत्पादों का आयात बंद कर दिया गया है. अब यह उत्पाद हमारे देश में ही तैयार किए जा रहे हैं. आत्मनिर्भर भारत के तहत भारत में पर्यटन के क्षेत्र में अनेक ऐसे कार्य किए जा रहे हैं जो कि विश्व पटल पर अनोखी छवि प्रदर्शित करते हैं. कोविड की वजह से पर्यटन में थोड़ी कमी आई है लेकिन बहुत जल्दी इसे कवर कर लिया जाएगा.
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री लगातार बुंदेलखंड के पर्यटन के लिए समय-समय पर योजनाएं बनाते रहते हैं. डिफेंस की तरफ से प्रधानमंत्री ने डिफेंस कॉरिडोर की सौगात यहां पर देकर एक पूरा गलियारा ही बना दिया है. एक तमिलनाडु में बनाया गया है और एक बुंदेलखंड झांसी में बनाया है. डिफेंस कॉरिडोर के बन जाने से लोगों को रोजगार के साथ-साथ पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. यह वह काम है जो पिछली सरकारों ने कभी नहीं किया. प्रधानमंत्री ने पर्यटन को ध्यान में रखते ही कई बार बुंदेलखंड के दौरे भी किए है.
झांसी के इसी किले से प्रधानमंत्री ने जो कहा था उसे करके भी दिखाया है. चाहे पेयजल की बात हो या विकास की या फिर रोजगार की, प्रधानमंत्री ने सभी कामों को कर दिखाया है.लक्ष्मीबाई ने तलवार उठाकर इतिहास रचा है. वह अतुलनीय हैं. केंद्रीय पर्यटन विभाग को प्रदेश स्तर से जैसे जैसे योजनाएं दी जाती है, वैसे-वैसे केंद्रीय पर्यटन विभाग संबंधित प्रदेशों को बजट देता है. इससे पर्यटन के लिए धीरे-धीरे काम किए जा रहे हैं. हमने पर्यटन मंत्री से भी मुलाकात की है और उनसे आग्रह किया है कि बुंदेलखंड के लिए जो भी योजनाएं है उन योजनाओं को आगे बढ़ाया जाए. भारत की जमीन पर जो भी इमारतें बनी है, चाहे वह मुगलकालीन हो या फिर किसी और समय की हों वह सारी इमारतें हमारी है. उनकी देखरेख करना उनको बढ़ावा देना हमारा काम है. हम सभी ऐतिहासिक इमारतों को एक साथ लेकर चल रहे है. बराबर से उन पर ध्यान दिया जा रहा है.