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सरकारी मदद की आस: बाढ़ का पानी 31 गांवों में घुसा, 30 हजार लोग हुए प्रभावित

गोरखपुर क्षेत्र में भी बाढ़ का बुरा असर देखने को मिल रहा है. पिछले तीन-चार दिनों से नदियों के बढ़ते जलस्तर ने करीब 51 गांवों प्रभावित कर दिया है. बाढ़ का पानी इन गांव में घुस गया है.

thirty thousand people affected due to flood in gorakhpur
thirty thousand people affected due to flood in gorakhpur
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Published : Aug 20, 2021, 3:43 PM IST

गोरखपुर: जिले में बाढ़ की वजह से लगभग 30 हजार की आबादी प्रभावित मानी जा रही है. पानी में डूब चुके घरों के लोग नाव के सहारे बाहर निकलकर बांध पर बनाए गए राहत कैंप में शरण ले रहे हैं. कई लोग अपने जानवरों को साथ लेकर बांध पर पहुंचे हैं. जिले से होकर गुजरने वाली प्रमुख नदी राप्ती के जल स्तर में वृद्धि लगातार जारी है.

गोरखपुर में बाढ़ से हजारों लोग परेशान

गांवों में फंसे लोगों को निकालने के लिए करीब 87 नाव को लगाया गया है. इस दौरान लोगों के इलाज और स्वास्थ सुविधा को देने के लिए पांच मेडिकल टीमें गठित कर क्लोरीन और ओआरएस के पैकेट का वितरण किया जा रहा है. इसके अलावा सरयू और रोहिन नदी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.

30 हजार की आबादी बाढ़ से प्रभावित
30 हजार की आबादी बाढ़ से प्रभावित

जिले की सहजनवा तहसील में बाढ़ से हालत बिगड़ने लगे हैं. राप्ती और आमी नदी के उफान से एक दर्जन गांव जलमग्न हो चुके हैं. जिले से होकर बहने वाली नदियां इस समय अपने उफान पर हैं. घाघरा, रोहिणी, राप्ती और आमी नदियों का जल स्तर बढ़ने के कारण नदियों के किनारे रहने वाले लोग दहशत के साये में जी रहे हैं. गुरुवार शाम को बर्डघाट में राप्ती नदी का जलस्तर 75.66 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से 68 सेंटीमीटर ऊपर है. इसी तरह सरयू नदी तुर्तीपार और बरहज में भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.

बाढ़ के पानी से जलमग्न इमारतें
बाढ़ के पानी से जलमग्न इमारतें

रोहिन नदी का जलस्तर त्रिमुहानी घाट पर 83.34 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से 90 सेंटीमीटर ऊपर है. बाढ़ के पानी से सदर तहसील क्षेत्र के 17 गांव प्रभावित हैं तो कैंपियरगंज के 12, गोला के 10, सहजनवा के 7, बांसगांव-खजनी के दो-दो और चौरी-चौरा का एक गांव प्रभावित है. गोरखपुर जिले के कोलिया, मंझरिया, डोमिनगढ़ गांव के घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है.

यहां के लोग घर छोड़कर बांध पर आ गए हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ के आने से पहले करोड़ों रुपये गोरखपुर जिले के अधिकारियों को दिए थे ताकि नदियों का जलस्तर बढ़ने से पहले होने वाली समस्याओं को दूर किया जाए. लेकिन वह पैसे कहां गया, किसी को पता नहीं.

ये भी पढ़ें- पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की हालत नाजुक, दिल्ली से लौटते ही PGI पहुंचे CM योगी


जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी गौतम गुप्ता ने कहा कि जिलाधिकारी के निर्देश पर बाढ़ से बचाने के लिए सभी जरूरी उपाय किए जा रहे हैं. बाढ़ चौकियों पर अलर्ट जारी कर दिया गया है. तहसीलों में अब तक 835 किट राशन सामग्री का वितरण किया गया है. दो हजार किट और खरीदने की प्रक्रिया पूरी हो गई है. उन्होंने कहा कि बाढ़ बचाव के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं.

अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व राजेश कुमार सिंह की तरफ से सभी विभागों को एक अलर्ट भी जारी किया गया है कि वह बांधों की निगरानी करते रहें. उन्होंने कहा कि टीमें लगातार क्षेत्र में दौरा कर रही हैं. नदी में जहां भी कटाव या दबाव की स्थिति दिखाई दी है, उसको ठीक करा दिया गया है. फिर भी जहां कहीं से भी खतरे की कोई सूचना मिल रही है, वहां पर बचाव टीम पूरी तेजी के साथ जरूरी उपाय कर रही है.

गोरखपुर: जिले में बाढ़ की वजह से लगभग 30 हजार की आबादी प्रभावित मानी जा रही है. पानी में डूब चुके घरों के लोग नाव के सहारे बाहर निकलकर बांध पर बनाए गए राहत कैंप में शरण ले रहे हैं. कई लोग अपने जानवरों को साथ लेकर बांध पर पहुंचे हैं. जिले से होकर गुजरने वाली प्रमुख नदी राप्ती के जल स्तर में वृद्धि लगातार जारी है.

गोरखपुर में बाढ़ से हजारों लोग परेशान

गांवों में फंसे लोगों को निकालने के लिए करीब 87 नाव को लगाया गया है. इस दौरान लोगों के इलाज और स्वास्थ सुविधा को देने के लिए पांच मेडिकल टीमें गठित कर क्लोरीन और ओआरएस के पैकेट का वितरण किया जा रहा है. इसके अलावा सरयू और रोहिन नदी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.

30 हजार की आबादी बाढ़ से प्रभावित
30 हजार की आबादी बाढ़ से प्रभावित

जिले की सहजनवा तहसील में बाढ़ से हालत बिगड़ने लगे हैं. राप्ती और आमी नदी के उफान से एक दर्जन गांव जलमग्न हो चुके हैं. जिले से होकर बहने वाली नदियां इस समय अपने उफान पर हैं. घाघरा, रोहिणी, राप्ती और आमी नदियों का जल स्तर बढ़ने के कारण नदियों के किनारे रहने वाले लोग दहशत के साये में जी रहे हैं. गुरुवार शाम को बर्डघाट में राप्ती नदी का जलस्तर 75.66 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से 68 सेंटीमीटर ऊपर है. इसी तरह सरयू नदी तुर्तीपार और बरहज में भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.

बाढ़ के पानी से जलमग्न इमारतें
बाढ़ के पानी से जलमग्न इमारतें

रोहिन नदी का जलस्तर त्रिमुहानी घाट पर 83.34 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से 90 सेंटीमीटर ऊपर है. बाढ़ के पानी से सदर तहसील क्षेत्र के 17 गांव प्रभावित हैं तो कैंपियरगंज के 12, गोला के 10, सहजनवा के 7, बांसगांव-खजनी के दो-दो और चौरी-चौरा का एक गांव प्रभावित है. गोरखपुर जिले के कोलिया, मंझरिया, डोमिनगढ़ गांव के घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है.

यहां के लोग घर छोड़कर बांध पर आ गए हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ के आने से पहले करोड़ों रुपये गोरखपुर जिले के अधिकारियों को दिए थे ताकि नदियों का जलस्तर बढ़ने से पहले होने वाली समस्याओं को दूर किया जाए. लेकिन वह पैसे कहां गया, किसी को पता नहीं.

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जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी गौतम गुप्ता ने कहा कि जिलाधिकारी के निर्देश पर बाढ़ से बचाने के लिए सभी जरूरी उपाय किए जा रहे हैं. बाढ़ चौकियों पर अलर्ट जारी कर दिया गया है. तहसीलों में अब तक 835 किट राशन सामग्री का वितरण किया गया है. दो हजार किट और खरीदने की प्रक्रिया पूरी हो गई है. उन्होंने कहा कि बाढ़ बचाव के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं.

अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व राजेश कुमार सिंह की तरफ से सभी विभागों को एक अलर्ट भी जारी किया गया है कि वह बांधों की निगरानी करते रहें. उन्होंने कहा कि टीमें लगातार क्षेत्र में दौरा कर रही हैं. नदी में जहां भी कटाव या दबाव की स्थिति दिखाई दी है, उसको ठीक करा दिया गया है. फिर भी जहां कहीं से भी खतरे की कोई सूचना मिल रही है, वहां पर बचाव टीम पूरी तेजी के साथ जरूरी उपाय कर रही है.

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