गोरखपुर: जिले में पहली बार गाय के गोबर से इकोफ्रेंडली लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां और दीपक बनाए जा रहे हैं. उद्योग भवन और चेम्बर ऑफ इंडस्ट्रीज की पहल पर स्वयं सहायता समूह की महिलाएं इसे बना रही हैं. इसके लिए उन्हें प्रशिक्षण भी दिया गया था. सीएम योगी ने गाय के गोबर से तैयार किए गए इन उत्पादों को देखने और इन्हें आगे बढ़ाने की इच्छा जताई थी. जिसके बाद गुरुवार को चेम्बर ऑफ इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष एसके अग्रवाल के नेतृत्व में चार लोगों की टीम ने गाय के गोबर से बने दीपक और लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों को सीएम को भेंट किया. सीएम योगी भी इन उत्पादों को देखकर बेहद प्रसन्न नजर आये और उन्होंने इसे घर-घर तक पहुंचाने पर जोर दिया.
इकोफ्रेंडली हैं गोबर से बने दीये और मूर्तियां
गोबर से बने यह उत्पाद बेहद ही आकर्षक और इकोफ्रेंडली हैं. यही वजह है कि जिला उद्योग केंद्र इसको घर-घर तक पहुंचाने में जुटा हुआ है. सीएम योगी ने गोरखपुर के कलाकारों और मूर्तिकारों के साथ स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को आगे बढ़ाने का निर्देश जिला प्रशासन और उद्योग भवन को दे रखे हैं. जिसके बाद यहां नये-नये प्रयोग हो रहे हैं, जिसमें गोबर से बने यह उत्पाद लोकप्रिय हो रहे हैं. इसके साथ ही गोरखपुर में बने टेराकोटा के उत्पाद वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के रूप में अपनी पहचान देश-दुनिया में स्थापित कर रहे हैं.
पैदा हुए रोजगार के अवसर, कम होगा प्रदूषण
गाय के गोबर से लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों को बनाने से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है. साथ ही इन मूर्तियों की वजह से पर्यावरण प्रदूषण में भी कमी आएगी. चेम्बर ऑफ इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष एसके अग्रवाल के साथ वीपी अजीत सरिया आरएन सिंह और नारायण अजीत सरिया ने सीएम योगी को ये उत्पाद भेंट किए. यह सभी लोग शहर के बड़े उद्योग घराने से हैं. जिनके ऊपर ऐसे उत्पाद को घर-घर पहुंचाने की जिम्मेदारी है. दीपावली के मौके पर गाय के गोबर से गोरखपुर में करीब 50 हजार दीये और लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति के अलावा कछुए और लक्ष्मी जी के पैर की आकृति बनाई जा रही है. जिसके लिए दीपावली से पहले विकास भवन परिसर में बाजार लगाया जाना प्रस्तावित है.
प्रधानमंत्री के वोकल फॉर लोकल अभियान को मिला बल
गोरखपुर के तमाम घरों में गोबर से बने दीपक इस बार रोशनी फैलाएंगे. इतना ही नहीं, गोबर से ही बने लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां भी दीपोत्सव के पूजन पर्व पर घरों तक पहुंचेंगी. जो तरह-तरह के सांचों से आकार ले रही हैं. गोबर से बने दीयों को बेचने के लिए बाजार भी तैयार कर लिए गए हैं. इसके अलावा तमाम सरकारी कार्यालयों, वीआईपी और राजनीतिक लोगों के घरों से भी इसकी डिमांड आ चुकी है. गाय के गोबर से दीपक को बनाने के लिए समूह की कुल 50 महिलायें जुटी हैं. इस तरह से प्रधानमंत्री मोदी के वोकल फॉर लोकल अभियान को भी बल मिल रहा है.
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