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सीएम की फटकार के बाद धान की खरीदारी कर गोरखपुर ने पाया पहला स्थान

यूपी के गोरखपुर में धान खरीद को लेकर प्रदेश सरकार के कड़े निर्देश के बाद स्थानीय प्रशासन ने कमर कस ली है. प्रशासन की सख्ताई के चलते ही गोरखपुर मंडल में गोरखपुर सर्वाधिक धान खरीदने वाला क्रय केंद्र बन गया है.

गोरखपुर मे धान की खरीद.
गोरखपुर मे धान की खरीद.
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Published : Dec 5, 2020, 5:43 PM IST

गोरखपुरः प्रदेश में धान की खरीद को लेकर योगी सरकार ने कड़ा फरमान जारी किया था. प्रदेश सरकार के इस फरमान का असर गोरखपुर जनपद में देखने को मिल रहा है. फरमान के बाद 15 अक्टूबर से धान खरीद शुरू हुई थी. इस कड़ी में गोरखपुर ने एक नवंबर से इसमें सक्रियता दिखाते हुए मात्र एक माह में मंडल के 4 जिलों में सर्वाधिक धान खरीदने का लक्ष्य हासिल किया है, जिसके चलते वह शीर्ष पर है.

किसान शिकायत के लिए सीधे अपर जिलाधिकारी से कर सकते हैं शिकायत.

धान खरीद प्रभारी ने की अपील
अपनी यथा स्थिति को बनाए रखने के लिए धान खरीद के प्रभारी और जिले के अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व राजेश कुमार सिंह ने हर खरीद सेंटर पर अपने मोबाइल नंबर को अंकित करा दिया है. उन्होंने अपील की है कि किसान किसी भी समस्या के लिए उन्हें सीधे संपर्क कर सकते हैं. जिससे वह ठगी से बचें और सरकार द्वारा तय की गई कीमत उन्हें हर हाल में मिल सकें.

141 केंद्रों पर होनी है खरीद
किसानों को धान की प्रति कुंटल कीमत 1868 रुपये दिए जाने का आदेश हैं. यही वजह है कि किसान अपना ध्यान सरकारी केंद्र पर लेकर बेचने पहुंच रहे हैं. जनपद में धान खरीद के कुल 141 केंद्र बनाए गए हैं. जबकि पूरे मंडल में (जिसमें 4 जिले शामिल हैं) 430 से ज्यादा केंद्र बनाए गए हैं.

गड़बड़ी मिलने पर होगा मुकदमा
क्रय केंद्रों पर किसानों को परेशान किए जाने या गड़बड़ी मिलने पर केंद्र प्रभारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का कमिश्नर का आदेश है. शायद यही वजह है कि बीते वर्षों में जो गड़बड़ियां होती थीं. वह इस बार देखने को नहीं मिल रही हैं. किसान खुद अपने धान की सफाई करके सेंटर तक ला रहा हैं.

प्रदेश सरकार के आदेश के बाद सक्रिय हुआ स्थानीय प्रशासन.
प्रदेश सरकार के आदेश के बाद सक्रिय हुआ स्थानीय प्रशासन.

धान की किस्म के अनुरूप हो रहा भुगतान
धान की क्वालिटी मेंटेन रखने के लिए हर क्रय केंद्र पर एक पंखा मशीन भी लगाई गई है. इसके माध्यम से अच्छे किस्म के धान की पहचान हो रही है. इसी हिसाब से ही किसानों को मूल्य का भुगतान किया जा रहा है. सरकार की इस व्यवस्था से किसान खुश नजर आ रहे हैं, तो मुख्यमंत्री का शहर होने से अधिकारी भी सतर्कता ज्यादा बरत रहे हैं.

34 लाख क्विंटल धान खरीद का रखा लक्ष्य
मंडल में 34 लाख क्विंटल से ज्यादा धान की खरीदारी का लक्ष्य है, जिसमें गोरखपुर में खरीद का लक्ष्य 9 लाख क्विंटल है. देवरिया में अभी तक जहां 11 हजार क्विंटल की खरीद हो पाई है. वहीं कुशीनगर में यह आंकड़ा 10 हजार को पार नहीं कर पाया है.

गोरखपुर में अब तक 16 हजार क्विंटल की खरीद
बात करें महाराजगंज की तो यह आंकड़ा 8000 क्विंटल के करीब है. गोरखपुर में अब तक धान की खरीद करीब 16 हाजर क्विंटल हो चुकी है. वहीं शासन के निर्देश के मुताबिक 28 फरवरी 2021 तक गोरखपुर मंडल से 34 लाख क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है. इसी कड़ी में एजेंसियां अपने काम में जुटी हुई हैं. हालांकि इस वर्ष भारी बारिश की वजह से धान की पैदावार कम हुई है. ऐसे में लक्ष्य हासिल कर पाना मुश्किल लग रहा है.

गोरखपुरः प्रदेश में धान की खरीद को लेकर योगी सरकार ने कड़ा फरमान जारी किया था. प्रदेश सरकार के इस फरमान का असर गोरखपुर जनपद में देखने को मिल रहा है. फरमान के बाद 15 अक्टूबर से धान खरीद शुरू हुई थी. इस कड़ी में गोरखपुर ने एक नवंबर से इसमें सक्रियता दिखाते हुए मात्र एक माह में मंडल के 4 जिलों में सर्वाधिक धान खरीदने का लक्ष्य हासिल किया है, जिसके चलते वह शीर्ष पर है.

किसान शिकायत के लिए सीधे अपर जिलाधिकारी से कर सकते हैं शिकायत.

धान खरीद प्रभारी ने की अपील
अपनी यथा स्थिति को बनाए रखने के लिए धान खरीद के प्रभारी और जिले के अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व राजेश कुमार सिंह ने हर खरीद सेंटर पर अपने मोबाइल नंबर को अंकित करा दिया है. उन्होंने अपील की है कि किसान किसी भी समस्या के लिए उन्हें सीधे संपर्क कर सकते हैं. जिससे वह ठगी से बचें और सरकार द्वारा तय की गई कीमत उन्हें हर हाल में मिल सकें.

141 केंद्रों पर होनी है खरीद
किसानों को धान की प्रति कुंटल कीमत 1868 रुपये दिए जाने का आदेश हैं. यही वजह है कि किसान अपना ध्यान सरकारी केंद्र पर लेकर बेचने पहुंच रहे हैं. जनपद में धान खरीद के कुल 141 केंद्र बनाए गए हैं. जबकि पूरे मंडल में (जिसमें 4 जिले शामिल हैं) 430 से ज्यादा केंद्र बनाए गए हैं.

गड़बड़ी मिलने पर होगा मुकदमा
क्रय केंद्रों पर किसानों को परेशान किए जाने या गड़बड़ी मिलने पर केंद्र प्रभारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का कमिश्नर का आदेश है. शायद यही वजह है कि बीते वर्षों में जो गड़बड़ियां होती थीं. वह इस बार देखने को नहीं मिल रही हैं. किसान खुद अपने धान की सफाई करके सेंटर तक ला रहा हैं.

प्रदेश सरकार के आदेश के बाद सक्रिय हुआ स्थानीय प्रशासन.
प्रदेश सरकार के आदेश के बाद सक्रिय हुआ स्थानीय प्रशासन.

धान की किस्म के अनुरूप हो रहा भुगतान
धान की क्वालिटी मेंटेन रखने के लिए हर क्रय केंद्र पर एक पंखा मशीन भी लगाई गई है. इसके माध्यम से अच्छे किस्म के धान की पहचान हो रही है. इसी हिसाब से ही किसानों को मूल्य का भुगतान किया जा रहा है. सरकार की इस व्यवस्था से किसान खुश नजर आ रहे हैं, तो मुख्यमंत्री का शहर होने से अधिकारी भी सतर्कता ज्यादा बरत रहे हैं.

34 लाख क्विंटल धान खरीद का रखा लक्ष्य
मंडल में 34 लाख क्विंटल से ज्यादा धान की खरीदारी का लक्ष्य है, जिसमें गोरखपुर में खरीद का लक्ष्य 9 लाख क्विंटल है. देवरिया में अभी तक जहां 11 हजार क्विंटल की खरीद हो पाई है. वहीं कुशीनगर में यह आंकड़ा 10 हजार को पार नहीं कर पाया है.

गोरखपुर में अब तक 16 हजार क्विंटल की खरीद
बात करें महाराजगंज की तो यह आंकड़ा 8000 क्विंटल के करीब है. गोरखपुर में अब तक धान की खरीद करीब 16 हाजर क्विंटल हो चुकी है. वहीं शासन के निर्देश के मुताबिक 28 फरवरी 2021 तक गोरखपुर मंडल से 34 लाख क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है. इसी कड़ी में एजेंसियां अपने काम में जुटी हुई हैं. हालांकि इस वर्ष भारी बारिश की वजह से धान की पैदावार कम हुई है. ऐसे में लक्ष्य हासिल कर पाना मुश्किल लग रहा है.

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