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गोरखपुर: वेतन विसंगतियों के खिलाफ अनुदेशकों ने बनायी मानव श्रृंखला

यूपी के गोरखपुर में वेतन विसंगतियों को दूर करने की मांग को लेकर अनुदेशकों ने प्रदर्शन किया. परिषदीय अनुदेशक कल्याण एसोसिएशन गोरखपुर के जिला अध्यक्ष ने कहा कि अगर हमारी मांगों पर विचार नहीं किया जाता है, तो हम आगे रणनीति बनाकर अपने विरोध प्रदर्शन को और भी उग्र करेंगे.

anudeshak protest in gorakhpur
गोरखपुर- अनुदेशकों ने मानव श्रृंखला बनाकर जताया विरोध
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Published : Nov 6, 2020, 7:32 PM IST

गोरखपुर: वेतन विसंगति की मांगों को लेकर शुक्रवार को परिषदीय अनुदेशक कल्याण एसोसिएशन गोरखपुर के जिला अध्यक्ष रणजय सिंह की अगुवाई में सैकड़ों अनुदेशकों ने महानगर के शास्त्री चौक पर मानव श्रृंखला बनाकर विरोध प्रदर्शन किया.

इस मौके पर अनुदेशक कल्याण एसोसिएशन जिलाध्यक्ष ने कहा कि भारत सरकार द्वारा पीएबी 2017 की बैठक में 25 मई 2017 को अनुदेशकों के मानदेय को 8470 से बढ़ाकर 17,000 रुपये कर दिया गया था. लेकिन, उत्तर प्रदेश सरकार ने उनके मानदेय को 8470 से और घटाकर 7000 कर दिया और 9 महीने के बढ़े हुए 1470 रूपये की रिकवरी भी कर ली गई. हाईकोर्ट द्वारा दिनांक 03/07/ 2019 को उत्तर प्रदेश सरकार को 9% ब्याज के साथ 17,000 रुपये भुगतान करने का आदेश दिया गया. बावजूद इसके अभी तक भुगतान नहीं किया गया और कोर्ट के आदेश की अवमानना की गई.

मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश और राज्य परियोजना अधिकारी उत्तर प्रदेश को नोटिस भी जारी किया गया था कि 9% की ब्याज की दर से 17000 रुपये भुगतान किया जाए नहीं तो स्वयं कोर्ट में उपस्थित होकर जवाब दें. लेकिन, सरकार ने अभी तक इस पर कोई भी विचार नहीं किया. पूरे उत्तर प्रदेश में लगभग 30,000 अनुदेशक जुलाई 2013 से कार्य कर रहे हैं और हम विद्यालय में हिंदी, इंग्लिश, गणित के साथ अन्य विषयों को भी बच्चों को पढ़ाते हैं. लेकिन, फिर भी हम लोगों के साथ इस तरह का सौतेला व्यवहार किया जा रहा है.

इस मानव श्रृंखला में महिला और पुरुष अनुदेशक सैकड़ों की संख्या में शामिल रहे. एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष ने कहा कि अगर हमारी मांगों पर विचार नहीं किया जाता है तो हम आगे रणनीति बनाकर अपने विरोध प्रदर्शन को और भी उग्र करेंगे.

गोरखपुर: वेतन विसंगति की मांगों को लेकर शुक्रवार को परिषदीय अनुदेशक कल्याण एसोसिएशन गोरखपुर के जिला अध्यक्ष रणजय सिंह की अगुवाई में सैकड़ों अनुदेशकों ने महानगर के शास्त्री चौक पर मानव श्रृंखला बनाकर विरोध प्रदर्शन किया.

इस मौके पर अनुदेशक कल्याण एसोसिएशन जिलाध्यक्ष ने कहा कि भारत सरकार द्वारा पीएबी 2017 की बैठक में 25 मई 2017 को अनुदेशकों के मानदेय को 8470 से बढ़ाकर 17,000 रुपये कर दिया गया था. लेकिन, उत्तर प्रदेश सरकार ने उनके मानदेय को 8470 से और घटाकर 7000 कर दिया और 9 महीने के बढ़े हुए 1470 रूपये की रिकवरी भी कर ली गई. हाईकोर्ट द्वारा दिनांक 03/07/ 2019 को उत्तर प्रदेश सरकार को 9% ब्याज के साथ 17,000 रुपये भुगतान करने का आदेश दिया गया. बावजूद इसके अभी तक भुगतान नहीं किया गया और कोर्ट के आदेश की अवमानना की गई.

मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश और राज्य परियोजना अधिकारी उत्तर प्रदेश को नोटिस भी जारी किया गया था कि 9% की ब्याज की दर से 17000 रुपये भुगतान किया जाए नहीं तो स्वयं कोर्ट में उपस्थित होकर जवाब दें. लेकिन, सरकार ने अभी तक इस पर कोई भी विचार नहीं किया. पूरे उत्तर प्रदेश में लगभग 30,000 अनुदेशक जुलाई 2013 से कार्य कर रहे हैं और हम विद्यालय में हिंदी, इंग्लिश, गणित के साथ अन्य विषयों को भी बच्चों को पढ़ाते हैं. लेकिन, फिर भी हम लोगों के साथ इस तरह का सौतेला व्यवहार किया जा रहा है.

इस मानव श्रृंखला में महिला और पुरुष अनुदेशक सैकड़ों की संख्या में शामिल रहे. एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष ने कहा कि अगर हमारी मांगों पर विचार नहीं किया जाता है तो हम आगे रणनीति बनाकर अपने विरोध प्रदर्शन को और भी उग्र करेंगे.

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