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गाजियाबाद: जिला प्रशासन निकालेगा पॉल्यूशन का सोलुशन, बैठकों का दौर शुरू

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Published : Sep 1, 2020, 6:36 AM IST

यूपी के गाजियाबाद जिले में प्रदूषण स्तर में काफी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. इसे देखते हुए जिला प्रशासन लगातार प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहा है. इसी कड़ी में जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे ने अधिकारियों के साथ जिला पर्यावरण समिति की एक अहम बैठक की.

गाजियाबाद में प्रदूषण.
गाजियाबाद में प्रदूषण.

गाजियाबाद: दिल्ली-एनसीआर में हर वर्ष दिवाली के बाद प्रदूषण स्तर में भारी बढ़ोतरी देखने को मिलती है. एयर क्वालिटी इंडेक्स (एकयूआई) 1000 के पार तक पहुंच जाता है. जिसके चलते लोगों को सांस लेने में परेशानी समेत कई स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है. बीते वर्षों में देखने को मिला है कि लाख कोशिशों के बाद भी प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करना सरकार और प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती रही है.

जानकारी देते संवाददाता.
पिछले वर्ष दिवाली के बाद गाजियाबाद में प्रदूषण स्तर में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली थी. जिसको देखते हुए जिला प्रशासन ने लगातार बढ़ रहे प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने के लिए कई टीमों का गठन किया था. इस वर्ष जिला प्रशासन ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिवाली से करीब ढाई महीने पहले से ही रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी है.

इसी को लेकर गाजियाबाद के जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे ने अधिकारियों के साथ जिला पर्यावरण समिति की एक अहम बैठक की. बैठक में जिलाधिकारी ने कई विभागों को प्रदूषण को नियंत्रण करने के लिए अभी से कार्य योजना बनाकर काम करने के लिए निर्देशित किया है.

आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश
जिलाधिकारी ने हिंडन विहार, भोपुरा बॉर्डर, कोयल एनक्लेव, पंचशील एनक्लेव, साहिबाबाद समेत अन्य औद्योगिक क्षेत्रों से प्लास्टिक के एकत्रीकरण और निस्तारण के लिए गाजियाबाद नगर निगम एवं गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही पंचशील एनक्लेव तथा कोयल एंक्लेव के आस-पास खाली जमीन पर प्रवासी कबाड़ियों को भी हटाया जाएगा.

गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को 2 हजार वर्गमीटर से अधिक सभी निजी परियोजनाओं में एंटी स्मॉग गन लगाए जाने के लिए और पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्माण से होने वाले वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए जारी आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने के संबंध में निर्देश दिए जाने का निर्णय लिया गया है.

टूटी सड़कों पर होने वाली धूल से हो रहा वायु प्रदूषण
सभी तहसीलो और नगर निगम एवं ग्रामीण क्षेत्रों में अनावश्यक रूप से निर्माण सामग्री को खुले में रखकर बेचने वाले विक्रेताओं के विरुद्ध कार्रवाई किए जाने के जिलाधिकारी ने आदेश दिए गए हैं. नगर निगम गाजियाबाद, विकास प्राधिकरण और सभी पंचायत अधिकारियों को अपने क्षेत्र के अंदर टूटी सड़कों और सड़कों पर होने वाली धूल से हो रहे वायु प्रदूषण का आकलन कर वॉटर स्प्रिंकलिंग एवं मरम्मत को लेकर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.

जनपद में संचालित मैकेनाइज्ड रोड स्वीपर से इकट्ठा हुई डस्ट के निस्तारण के लिए स्थान चिन्हित कर उन स्थानों पर पानी के छिड़काव की व्यवस्था की जाने के निर्देश दिए गए हैं.वायु प्रदूषण को लेकर जिला प्रशासन को जो शिकायतें समीर ऐप समेत अन्य माध्यमों से प्राप्त होती हैं उसका समय से निस्तारण करने के भी जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं.

गाजियाबाद: दिल्ली-एनसीआर में हर वर्ष दिवाली के बाद प्रदूषण स्तर में भारी बढ़ोतरी देखने को मिलती है. एयर क्वालिटी इंडेक्स (एकयूआई) 1000 के पार तक पहुंच जाता है. जिसके चलते लोगों को सांस लेने में परेशानी समेत कई स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है. बीते वर्षों में देखने को मिला है कि लाख कोशिशों के बाद भी प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करना सरकार और प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती रही है.

जानकारी देते संवाददाता.
पिछले वर्ष दिवाली के बाद गाजियाबाद में प्रदूषण स्तर में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली थी. जिसको देखते हुए जिला प्रशासन ने लगातार बढ़ रहे प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने के लिए कई टीमों का गठन किया था. इस वर्ष जिला प्रशासन ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिवाली से करीब ढाई महीने पहले से ही रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी है.

इसी को लेकर गाजियाबाद के जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे ने अधिकारियों के साथ जिला पर्यावरण समिति की एक अहम बैठक की. बैठक में जिलाधिकारी ने कई विभागों को प्रदूषण को नियंत्रण करने के लिए अभी से कार्य योजना बनाकर काम करने के लिए निर्देशित किया है.

आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश
जिलाधिकारी ने हिंडन विहार, भोपुरा बॉर्डर, कोयल एनक्लेव, पंचशील एनक्लेव, साहिबाबाद समेत अन्य औद्योगिक क्षेत्रों से प्लास्टिक के एकत्रीकरण और निस्तारण के लिए गाजियाबाद नगर निगम एवं गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही पंचशील एनक्लेव तथा कोयल एंक्लेव के आस-पास खाली जमीन पर प्रवासी कबाड़ियों को भी हटाया जाएगा.

गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को 2 हजार वर्गमीटर से अधिक सभी निजी परियोजनाओं में एंटी स्मॉग गन लगाए जाने के लिए और पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्माण से होने वाले वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए जारी आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने के संबंध में निर्देश दिए जाने का निर्णय लिया गया है.

टूटी सड़कों पर होने वाली धूल से हो रहा वायु प्रदूषण
सभी तहसीलो और नगर निगम एवं ग्रामीण क्षेत्रों में अनावश्यक रूप से निर्माण सामग्री को खुले में रखकर बेचने वाले विक्रेताओं के विरुद्ध कार्रवाई किए जाने के जिलाधिकारी ने आदेश दिए गए हैं. नगर निगम गाजियाबाद, विकास प्राधिकरण और सभी पंचायत अधिकारियों को अपने क्षेत्र के अंदर टूटी सड़कों और सड़कों पर होने वाली धूल से हो रहे वायु प्रदूषण का आकलन कर वॉटर स्प्रिंकलिंग एवं मरम्मत को लेकर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.

जनपद में संचालित मैकेनाइज्ड रोड स्वीपर से इकट्ठा हुई डस्ट के निस्तारण के लिए स्थान चिन्हित कर उन स्थानों पर पानी के छिड़काव की व्यवस्था की जाने के निर्देश दिए गए हैं.वायु प्रदूषण को लेकर जिला प्रशासन को जो शिकायतें समीर ऐप समेत अन्य माध्यमों से प्राप्त होती हैं उसका समय से निस्तारण करने के भी जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं.

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