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विवादों में अमृत सरोवर, काम हुए बिना लगा दिया 8 लाख रुपये खर्च का बोर्ड - अमृत सरोवर में वर्षा का जल संरक्षित

शिकोहाबाद इलाके के हरगनपुर गांव का अमृत सरोवर प्रस्तावित है. इसे लेकर विवाद पैदा हो गया है. ग्रामीणों की शिकायत है कि तालाब पर कोई काम नहीं हुआ है. सिर्फ पुराने तालाब पर एक-दो दिन जेसीबी चलवाकर उसे नया रूप देने की कोशिश की गई है.

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विवादों में अमृत सरोवर
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Published : Aug 27, 2022, 12:25 PM IST

फिरोजाबाद: जनपद में एक अमृत सरोवर इन दिनों विवादों के घेरे में हैं. दरअसल, इस अमृत सरोवर में कोई काम नहीं हुआ है. लेकिन, इसके बोर्ड पर काम के लागत की राशि 8 लाख 75 हजार 643 रुपये अंकित कर दी गई है. ग्रामीणों का आरोप है कि इस धनराशि को ग्राम प्रधान ने घोटाला कर हजम कर लिया है. वहीं, ग्राम प्रधान का कहना है कि अमृत सरोवर पर काम चल रहा है. लगभग 50 हजार रुपये की धनराशि उस पर खर्च भी हो चुकी हैं. बाकी राशि को भी खर्च कर काम पूरा कराया जाएगा.

बता दें कि भारत सरकार और यूपी सरकार की मंशा के मुताबिक, हर जनपद में अमृत सरोवरों का निर्माण कराया जा रहा है. इसके पीछे सरकार की जल संरक्षण की मंशा है. इस अमृत सरोवर में वर्षा का जल संरक्षित किया जाएगा. ताकि, भूगर्भ जलस्तर ऊपर आ सके. इसके अलावा इन तालाबों को पर्यटन के हिसाब से भी विकसित किया जाएगा. इन तालाबों के इर्द गिर्द पेड़ पौधों को लगाया जाएगा. लाइटें लगाई जाएंगी. लोगों के बैठने के लिए बेंच बनाई जाएगी, ताकि लोग सुबह शाम प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकें.

ग्रामीण नंद किशोर और ग्राम प्रधान केस कांती ने दी जानकारी

इसे भी पढ़े-मेरठ में अमृत सरोवर को स्वच्छ बनाने की मुहिम, PM मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में है शामिल

फिरोजाबाद जिले की बात करें तो यहां पर 75 सरोवरों का निर्माण कराया जा रहा है. उन पर काम भी चल रहा है. कुछ सरोवर का काम ज्यादा हो गया है तो कुछ अंतिम चरण में है और कुछ का काफी कम काम हुआ है. शिकोहाबाद इलाके के हरगनपुर गांव का अमृत सरोवर प्रस्तावित है. इसे लेकर विवाद पैदा हो गया है. ग्रामीणों की शिकायत है कि तालाब पर कोई काम नहीं हुआ है. सिर्फ पुराने तालाब पर एक-दो दिन जेसीबी चलवाकर उसे नया रूप देने की कोशिश की गई है.

तालाब के बाहर एक बोर्ड लगाकर उस पर व्यय राशि 8 लाख 75 हजार 643 रुपये अंकित कर दी गई है. ग्रामीणों के मुताबिक, यह सरासर घोटाला है. इसकी जांच होनी चाहिए. इधर, ग्राम प्रधान का कहना है कि ग्रामीणों के आरोप गलत हैं. तालाब पर काम चल रहा है. जो धनराशि बोर्ड पर लिखी है वह खर्च की जानी चाहिए. अभी केवल 50 हजार रुपये के आसपास ही खर्च हुआ है. विरोधी इसे बेवजह तूल दे रहे हैं.

यह भी पढ़े-श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने जारी की मंदिर निर्माण की ताजा तस्वीरें, देखकर हो जाएंगे मंत्रमुग्ध

फिरोजाबाद: जनपद में एक अमृत सरोवर इन दिनों विवादों के घेरे में हैं. दरअसल, इस अमृत सरोवर में कोई काम नहीं हुआ है. लेकिन, इसके बोर्ड पर काम के लागत की राशि 8 लाख 75 हजार 643 रुपये अंकित कर दी गई है. ग्रामीणों का आरोप है कि इस धनराशि को ग्राम प्रधान ने घोटाला कर हजम कर लिया है. वहीं, ग्राम प्रधान का कहना है कि अमृत सरोवर पर काम चल रहा है. लगभग 50 हजार रुपये की धनराशि उस पर खर्च भी हो चुकी हैं. बाकी राशि को भी खर्च कर काम पूरा कराया जाएगा.

बता दें कि भारत सरकार और यूपी सरकार की मंशा के मुताबिक, हर जनपद में अमृत सरोवरों का निर्माण कराया जा रहा है. इसके पीछे सरकार की जल संरक्षण की मंशा है. इस अमृत सरोवर में वर्षा का जल संरक्षित किया जाएगा. ताकि, भूगर्भ जलस्तर ऊपर आ सके. इसके अलावा इन तालाबों को पर्यटन के हिसाब से भी विकसित किया जाएगा. इन तालाबों के इर्द गिर्द पेड़ पौधों को लगाया जाएगा. लाइटें लगाई जाएंगी. लोगों के बैठने के लिए बेंच बनाई जाएगी, ताकि लोग सुबह शाम प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकें.

ग्रामीण नंद किशोर और ग्राम प्रधान केस कांती ने दी जानकारी

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फिरोजाबाद जिले की बात करें तो यहां पर 75 सरोवरों का निर्माण कराया जा रहा है. उन पर काम भी चल रहा है. कुछ सरोवर का काम ज्यादा हो गया है तो कुछ अंतिम चरण में है और कुछ का काफी कम काम हुआ है. शिकोहाबाद इलाके के हरगनपुर गांव का अमृत सरोवर प्रस्तावित है. इसे लेकर विवाद पैदा हो गया है. ग्रामीणों की शिकायत है कि तालाब पर कोई काम नहीं हुआ है. सिर्फ पुराने तालाब पर एक-दो दिन जेसीबी चलवाकर उसे नया रूप देने की कोशिश की गई है.

तालाब के बाहर एक बोर्ड लगाकर उस पर व्यय राशि 8 लाख 75 हजार 643 रुपये अंकित कर दी गई है. ग्रामीणों के मुताबिक, यह सरासर घोटाला है. इसकी जांच होनी चाहिए. इधर, ग्राम प्रधान का कहना है कि ग्रामीणों के आरोप गलत हैं. तालाब पर काम चल रहा है. जो धनराशि बोर्ड पर लिखी है वह खर्च की जानी चाहिए. अभी केवल 50 हजार रुपये के आसपास ही खर्च हुआ है. विरोधी इसे बेवजह तूल दे रहे हैं.

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