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भारतीय किसान यूनियन के धरने के खिलाफ जिला अस्पताल के डॉक्टर ने काम किया ठप

भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने जिला अस्पताल में कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार और मारपीट करने का आरोप लगाया. इसके बाद भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन शुरू कर दिया. इसके विरोध में जिला अस्पताल के डॉक्टर भी लामबंद हो गये और उन्होंने भी धरना शुरू कर दिया.

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Published : Sep 7, 2021, 7:35 PM IST

बुलंदशहर: जिला अस्पताल में भारतीय किसान यूनियन के जिला महासचिव आशुतोष शर्मा अपनी पत्नी का अल्ट्रासाउंड कराने के लिए दोपहर लगभग 11 बजे जिला अस्पताल पहुंचे थे. भाकियू जिला अध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह ने कहा कि काफी देर बाद भी जब उनका नंबर नहीं आया तो उन्होंने पाया कि कर्मचारी मरीजों से अल्ट्रासाउंड करने के एवज में दो सौ रुपये सुविधा शुल्क ले रहा था. उन्होंने इस करतूत का वीडियो बनाना शुरू कर दिया.

बुलंदशहर में जिला अस्पताल बना अखाड़ा

धर्मेन्द्र सिंह ने कहा कि जैसे ही कर्मचारियों ने वीडियो बनाते आशुतोष शर्मा को देखा तो उन्होंने मारपीट शुरू कर दी और उनकी पत्नी के साथ भी अभद्र व्यवहार किया. इस मामले को लेकर जिला चिकित्सालय में किसानों और चिकित्साकर्मियों के बीच जमकर नोकझोंक हुई. इसके विरोध में भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने जिला अस्पताल में प्रदर्शन शुरू कर दिया. इसके जवाब में जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने भी भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं के खिलाफ धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. जिला अस्पताल के डाक्टरों और कर्मचारियों ने ओपीडी समेत सभी सेवांए ठप कर दीं.

अस्पताल कर्मचारियों ने एकत्र होकर भाकियू के खिलाफ नारेबाजी की और हड़ताल पर चले गए. सीएमओ ने धरना स्थल पर पहुंच कर भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों से बात की, लेकिन ये डाक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़ गए. व्यवस्था को सुचारू करने के लिए नगर कोतवाल ने भारतीय किसान यूनियन के प्रदर्शनकारियों को अस्पताल से बाहर भेज दिया. इसके बाद भाकियू नेता नारेबाजी करते हुए कलक्ट्रेट की ओर चले गए. इस गहमागहमी के कारण दूरदराज से आए मरीज पूरे दिन परेशान रहे. पंजीकरण काउंटर और दूसरे वार्ड में मरीज भटकते रहे. ओपीडी बंद होने के कारण मरीजों को बहुत परेशानी हुई.

प्रदर्शन करते भारतीय किसान यूनियन कार्यकर्ता
प्रदर्शन करते भारतीय किसान यूनियन कार्यकर्ता

भाकियू पदाधिकारियों का कहना है कि जब तक भ्रष्ट डॉक्टर और कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा. वहीं जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजीव प्रसाद सिंह का कहना है कि भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी अस्पताल में आकर हंगामा करते हैं और स्वास्थ्य सेवाएं बाधित होती हैं. तीन महीने पहले भी इन्होंने ऐसे ही किया था. किसी के साथ कोई अभद्रता नहीं की गई.


ये भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल के पिता गिरफ्तार, 15 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजे गए

वहीं रेडियोलॉजिस्ट डॉ. आशीष ने रुपये लेने के आरोपों का गलत बताया. उन्होंने कहा कि अल्ट्रासाउंड के लिए रुपये नहीं लिए जाते हैं. अस्पताल में केवल एक ही रेडियोलॉजिस्ट होने की वजह से देरी होती है. अस्पताल के स्वस्थ्य कर्मचारियों का कहना है कि भाकियू कार्यकर्ताओं ने कुछ दिन पहले भी जिला अस्पताल में आकर कर्मचारियों के साथ बदसलूकी की थी. पुलिस से शिकायत की गयी थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण एक बार फिर इन लोगों ने हंगामा किया है.

बुलंदशहर: जिला अस्पताल में भारतीय किसान यूनियन के जिला महासचिव आशुतोष शर्मा अपनी पत्नी का अल्ट्रासाउंड कराने के लिए दोपहर लगभग 11 बजे जिला अस्पताल पहुंचे थे. भाकियू जिला अध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह ने कहा कि काफी देर बाद भी जब उनका नंबर नहीं आया तो उन्होंने पाया कि कर्मचारी मरीजों से अल्ट्रासाउंड करने के एवज में दो सौ रुपये सुविधा शुल्क ले रहा था. उन्होंने इस करतूत का वीडियो बनाना शुरू कर दिया.

बुलंदशहर में जिला अस्पताल बना अखाड़ा

धर्मेन्द्र सिंह ने कहा कि जैसे ही कर्मचारियों ने वीडियो बनाते आशुतोष शर्मा को देखा तो उन्होंने मारपीट शुरू कर दी और उनकी पत्नी के साथ भी अभद्र व्यवहार किया. इस मामले को लेकर जिला चिकित्सालय में किसानों और चिकित्साकर्मियों के बीच जमकर नोकझोंक हुई. इसके विरोध में भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने जिला अस्पताल में प्रदर्शन शुरू कर दिया. इसके जवाब में जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने भी भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं के खिलाफ धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. जिला अस्पताल के डाक्टरों और कर्मचारियों ने ओपीडी समेत सभी सेवांए ठप कर दीं.

अस्पताल कर्मचारियों ने एकत्र होकर भाकियू के खिलाफ नारेबाजी की और हड़ताल पर चले गए. सीएमओ ने धरना स्थल पर पहुंच कर भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों से बात की, लेकिन ये डाक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़ गए. व्यवस्था को सुचारू करने के लिए नगर कोतवाल ने भारतीय किसान यूनियन के प्रदर्शनकारियों को अस्पताल से बाहर भेज दिया. इसके बाद भाकियू नेता नारेबाजी करते हुए कलक्ट्रेट की ओर चले गए. इस गहमागहमी के कारण दूरदराज से आए मरीज पूरे दिन परेशान रहे. पंजीकरण काउंटर और दूसरे वार्ड में मरीज भटकते रहे. ओपीडी बंद होने के कारण मरीजों को बहुत परेशानी हुई.

प्रदर्शन करते भारतीय किसान यूनियन कार्यकर्ता
प्रदर्शन करते भारतीय किसान यूनियन कार्यकर्ता

भाकियू पदाधिकारियों का कहना है कि जब तक भ्रष्ट डॉक्टर और कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा. वहीं जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजीव प्रसाद सिंह का कहना है कि भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी अस्पताल में आकर हंगामा करते हैं और स्वास्थ्य सेवाएं बाधित होती हैं. तीन महीने पहले भी इन्होंने ऐसे ही किया था. किसी के साथ कोई अभद्रता नहीं की गई.


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वहीं रेडियोलॉजिस्ट डॉ. आशीष ने रुपये लेने के आरोपों का गलत बताया. उन्होंने कहा कि अल्ट्रासाउंड के लिए रुपये नहीं लिए जाते हैं. अस्पताल में केवल एक ही रेडियोलॉजिस्ट होने की वजह से देरी होती है. अस्पताल के स्वस्थ्य कर्मचारियों का कहना है कि भाकियू कार्यकर्ताओं ने कुछ दिन पहले भी जिला अस्पताल में आकर कर्मचारियों के साथ बदसलूकी की थी. पुलिस से शिकायत की गयी थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण एक बार फिर इन लोगों ने हंगामा किया है.

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