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पाकिस्तान से प्रमोट होकर आए नारे न लगाये मुस्लिम: मौलान शहाबुद्दीन रजवी

दरगाह आला हजरत से जुड़े तंजीम उलमा ए इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने बकरीद के मौके पर सभी देश वासियों को मुबारकबाद दी और पैगाम जारी करते हुए कहा कि पाकिस्तानी नारा मुसलमान न लगाये.

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मौलान शहाबुद्दीन रजवी
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Published : Jul 10, 2022, 5:30 PM IST

बरेली: दरगाह आला हजरत से जुड़े तंजीम उलमा ए इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने रविवार को बकरीद के मौके पर पैगाम जारी करते हुए कहा कि पाकिस्तान से प्रमोट होकर आया नारा 'गुस्ताखे नबी की है यह सजा सर तन से जुदा सर तन से जुदा'. यह नारा गैर इस्लामी है इसलिए मुसलमान इससे बचे.

इसे भी पढ़ेंः UP में धूमधाम से मनाई जा रही है 'बकरीद', गले लगकर बोले नमाजी- मांगी गई अमन की दुआएं

दरगाह आला हजरत से जुड़े तंजीम उलमा ए इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने बकरीद के मौके पर सभी देश वासियों को मुबारकबाद दी और पैगाम जारी करते हुए कहा कि पाकिस्तानी नारा मुसलमान न लगाये. बल्कि उसकी जगह हिंदुस्तानी नारा लगाये. पाकिस्तान से प्रमोट होकर आया यह नारा गैर इस्लामी है इसलिए मुसलमान इससे बचे और खास तौर पर नौजवान इस नारे को न लगाये.

बल्कि हमारे बुजुर्गों का दिया हुआ नारा जो इस्लामी होने के साथ- साथ हिंदुस्तानी भी है 'प्यारे नबी की है यह शान बच्चा बच्चा है कुरबान' यह नारा लगाए. इस नारे के माध्यम से पैगम्बरे इस्लाम से गहरी मोहब्बत का इजहार छलकता है. इस नारे को हमारे बुजुर्गों ने हमें बताया है और यह नारा हिंदुस्तान में सदियों से लगाया जा रहा है. मुसलमान खासतौर पर नौजवान इसी नारे का इस्तेमाल करें और अपने जलसे व जूलुस में पाकिस्तानी नारा लगाने से बचें.
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बरेली: दरगाह आला हजरत से जुड़े तंजीम उलमा ए इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने रविवार को बकरीद के मौके पर पैगाम जारी करते हुए कहा कि पाकिस्तान से प्रमोट होकर आया नारा 'गुस्ताखे नबी की है यह सजा सर तन से जुदा सर तन से जुदा'. यह नारा गैर इस्लामी है इसलिए मुसलमान इससे बचे.

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दरगाह आला हजरत से जुड़े तंजीम उलमा ए इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने बकरीद के मौके पर सभी देश वासियों को मुबारकबाद दी और पैगाम जारी करते हुए कहा कि पाकिस्तानी नारा मुसलमान न लगाये. बल्कि उसकी जगह हिंदुस्तानी नारा लगाये. पाकिस्तान से प्रमोट होकर आया यह नारा गैर इस्लामी है इसलिए मुसलमान इससे बचे और खास तौर पर नौजवान इस नारे को न लगाये.

बल्कि हमारे बुजुर्गों का दिया हुआ नारा जो इस्लामी होने के साथ- साथ हिंदुस्तानी भी है 'प्यारे नबी की है यह शान बच्चा बच्चा है कुरबान' यह नारा लगाए. इस नारे के माध्यम से पैगम्बरे इस्लाम से गहरी मोहब्बत का इजहार छलकता है. इस नारे को हमारे बुजुर्गों ने हमें बताया है और यह नारा हिंदुस्तान में सदियों से लगाया जा रहा है. मुसलमान खासतौर पर नौजवान इसी नारे का इस्तेमाल करें और अपने जलसे व जूलुस में पाकिस्तानी नारा लगाने से बचें.
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